कटिहार जिले का बारसोई बाजार अनुमंडल का सबसे प्रमुख बाजार है और यहां से बंगाल की दूरी कुछ ही किलोमीटर है। बंगाल से सटे होने के कारण यहां के ज्यादातर लोग बंगाल के बाजारों पर भी निर्भर होते हैं।
बारसोई अनुमंडल से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर नीम तल्ला चौक और डकैत पूजा गांव है। 2017 में यह इलाका सरकार द्वारा नगर पंचायत घोषित कर दिया था गया था। इसके बाद यहां के लोगों में उम्मीद जगी थी कि नगर पंचायत होने से क्षेत्र में विकास होगा। लेकिन कार्यकाल के पूरे 5 साल बीत जाने के बाद भी बारसोई डकैत पूजा का क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है।
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बारसोई बाजार के नीम तल्ला चौक से डकैत पूजा सरकारी स्कूल होते हुए एक सड़क बंगाल को जाती है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़़क लगभग 5 सालों से ऐसे ही पड़ी हुई है और बरसात में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
डकैत पूजा स्कूल के पास शकीला खातून का घर है। उनका कहना है कि यह रोड चार-पांच साल से इसी तरह खराब है। घर से बाहर पैर रखते ही कीचड़ ही कीचड़ नजर आता है। कुछ साल पहले सड़़क के किनारे नाला बनाने के लिए मिट्टी खोदी गयी थी, लेकिन अब तक नाला नहीं बना है। नाले के लिए खोदे गए गड्ढे में पानी भर जाता है और कभी कभी छोटे बच्चे उसमें गिर जाते हैं।
स्थानीय गृहिणी शेहर बानो के घर के सामने सड़़क पर पानी और कीचड़ जमा है। उनका कहना है कि जब बारिश होती है तो बच्चों को स्कूल जाने में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। घर से लेकर स्कूल तक सड़क दिखाई नहीं पड़ती है। बच्चों को गोद में लेकर पानी और कीचड़ से होकर सड़क को टटोल कर जाना पड़ता है। यह हम लोगों की मजबूरी है और दिनचर्या भी बन चुका है।
शगुफ्ता परवीन डकैत पूजा स्कूल के चौथी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा है, उनके साथ बहुत सी ऐसी छात्राएं हैं, जिन्हें घर से स्कूल और ट्यूशन पढ़ने के लिए उसी कीचड़ भरी सड़क से हर दिन बारसोई जाना पड़ता है।
डकैत पूजा गांव के स्थानीय निवासी राज बाबू का कहना है कि बारसोई बाजार के नीम तल्ला चौक से डकैत पूजा स्कूल के बीच पहले कई दुकानें हुआ करती थीं, लेकिन अब ज्यादातर दुकानें बंद हो चुकी हैं क्योंकि सड़क पर पानी और कीचड़ होने की वजह से खरीदार नहीं आते हैं, अब दो चार दुकानें ही बची हैं। कुछ लोग दुकान बंद कर परदेस चले गए और कुछ दूसरी जगह।
मोहम्मद सहिरुल कहते हैं कि उनके घर के सामने स्थानीय वार्ड मेम्बर द्वारा नाला बनाने के लिए महीनों पहले मिट्टी खोदी गयी थी, लेकिन अब तक नाला नहीं बना, जिससे आने जाने में काफी दिक्कत होती है।
स्थानीय छात्र राहुल शाह बताते हैं कि यह सड़क बारसोई को बंगाल से जोड़ती है और जब बंगाल से कोई व्यक्ति या व्यापारी बारसोई आता है, तो इस सड़क की वजह से बारसोई वासियों को शर्मिंदगी महसूस होती है।
बारसोई के मुख्य पार्षद विमला देवी के बेटे रिंकू सिंह मानते हैं कि सड़़क की हालत बहुत ख़राब है और जल्द इसकी मरम्मत की जाएगी।
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