केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 23 सितंबर को दो दिवसीय सीमांचल दौर पर आ रहे हैं। इस दौरे को लेकर सीमांचल के भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं में उत्साह देखा जा रहा है। मंगलवार को कटिहार में बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसमें प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ साथ केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद थे। इससे पूर्व बीती शाम कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद के आवास पर भाजपा कोर कमेटी की बैठक रखी गई थी ।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमले किए। नीतीश कुमार के पीएम बनने के सपने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “उनके कार्यकर्ता जो कह रहे थे – नीतीश कुमार पीएम, नीतीश कुमार पीएम, इसका मतलब था नीतीश कुमार पलटी मार। कहीं ऐसा न हो कि नीतीश जी फिर से पलटी मार कर कहीं और चले जाएं।”
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मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर तंज करते हुए संजय जायसवाल ने कहा, “जिस तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने सार्वजनिक मंच पर नीतीश जी का हाथ पकड़ कर बैठाया था, उसके बाद नीतीश जी किसी तथाकथित प्रधानमंत्री से अकेले में ही मिलेंगे सार्वजनिक तौर पर नहीं मिलेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी अपने बिहार राज्य को संभाल लेते और 50 सीट भी ले आते तो बड़ी बात होती।”
उन्होंने शराब की बोतलों से चूड़ी बनाने की योजना पर भी कटाक्ष किया और कहा, “शराब की बोतलों से चोरी के लिए करोड़ों की फैक्ट्री लगाएंगे, वह भी जानते हैं कि करोड़ों की फैक्ट्री लगेगी, तो बोतल की सप्लाई रेगुलर बनी रहेगी। उनका उत्पाद विभाग भी मान रहा है कि उसे शराब की दस में से नौ खेप पार कराना है और एक खेप पकड़ना है।”
उन्होंने नीतीश को आत्म केंद्रित बताते हुए कहा कि नीतीश खुद को चने के झाड़ पर खड़ा कर लालकिले पर झंडा फहराना चाहते हैं।
अमित शाह के बिहार दौरे की खबर आते ही सीमांचल में एक खबर सनसनी की तरह फैल रही थी, जिसमें दावा किया जा रहा था कि अमित शाह सीमांचल के शहरों को असम के कुछ जिलों से मिलाकर इस चिकन नेक वाले इलाके को केंद्र शासित राज्य में तब्दील करने वाले हैं। इस खबर की पुष्टि के लिए जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो संजय जायसवाल ने खबर को बेबुनियाद और बचकानी बताया। उनके अनुसार, सीमांचल बिहार का एक अहम हिस्सा है और इसे राज्य से अलग करने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।
उन्होंने सिलीगुड़ी-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे बनाने की बात की और कहा कि जल्द इस परियोजना पर भी काम शुरू होने वाला है। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह बिहार दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भाजपा बिहार की सियासत में बैक सीट पर आ चुकी है। महागठबंधन की दोबारा सरकार बनने के महज डेढ़ महीने बाद होने वाले इस दौरे को 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।
2019 के लोकसभा चुनाव में सीमांचल की 4 सीटों में से बीजेपी केवल एक ही सीट जीत सकी थी। इसे देखते हुए अमित शाह का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
कटिहार में एक निजी कार्यक्रम में मौजूद जाप प्रमुख पप्पू यादव ने भाजपा नेताओं की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये लोग यहां बिहार में बेरोजगारी और कोसी की बाढ़ पर बात करने नहीं आ रहे हैं। न ये शिक्षा पर बात करेंगे, ना ही बिहार में बीमारियों की समस्याओं पर।
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से बिहार के लिए 1000 करोड़ रुपये के पैकेज देने की मांग भी कर डाली। साथ ही साथ उन्होंने सीमांचल में जूट और गन्ना फैक्ट्री लगाने के लिए भी मदद करने को कहा। पप्पू यादव ने भाजपा को नफरत फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सीमांचल अमन पसंदों की धरती है। यहां नफरत पैदा कर अमित शाह जी और नड्डा जी राज नहीं कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के बारे में पूछने पर पप्पू यादव, नीतीश के समर्थन में नजर आए और कहा कि ऐसा करने का अधिकार उन्हें संविधान देता है और इसमें कोई बुराई नहीं है।
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