Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

पूर्णिया: जिलों को जोड़ने वाली सड़क बदहाल, गड्ढे दे रहे हादसे को दावत

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :

किसी शहर के विकास की स्थिति वहां की बुनियादी सुविधाओं से ही परखी जाती है और इसमें सबसे ज्यादा महत्व शहर से गुजरने वाली महत्वपूर्ण सड़कों का होता है। लेकिन जब आप बिहार के पूर्णिया जिले में प्रवेश करेंगे, तो आपका स्वागत एक जर्जर व पानी से भरी सड़क से होगा। स्वागत के साथ ही आपको एक दावत भी मिल सकती है, दावत सड़क से गिरकर होने वाले किसी हादसे की।

हम बात कर रहे हैं पूर्णिया को मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा और सुपौल जैसे कोशी के अलग अलग जिलों से जोड़ने वाली एक मात्र सड़क के बारे में। यहां मधुबनी का मंझली चौक एक बेहद खास इलाका है, जहां से पूर्णिया का पूर्वी छोर शुरू होता है। इसी सड़क पर आगे चलकर प्रस्तावित पूर्णिया एयरपोर्ट की जगह है, जिसके निर्माण के लिए ट्विटर पर जंग छिड़ी रहती है। इसी सड़क पर पहला इथोनॉल प्लांट भी लगाया गया है।

Also Read Story

सुपौल में कोसी नदी पर भेजा-बकौर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक की मौत और नौ घायल, जांच का आदेश

पटना-न्यू जलपाईगुरी वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दी बिहार को रेल की कई सौगात

“किशनगंज मरीन ड्राइव बन जाएगा”, किशनगंज नगर परिषद ने शुरू किया रमज़ान नदी बचाओ अभियान

बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दिवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

शिलान्यास के एक दशक बाद भी नहीं बना अमौर का रसैली घाट पुल, आने-जाने के लिये नाव ही सहारा

पीएम मोदी ने बिहार को 12,800 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का दिया तोहफा

आज़ादी के सात दशक बाद भी नहीं बनी अमौर की रहरिया-केमा सड़क, लोग चुनाव का करेंगे बहिष्कार

किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 22 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास

इन सभी महत्वपूर्ण जगहों से होकर गुजरने वाली सड़क की हालत, एक तालाब जैसी दिख रही है, जिसमें बड़े-बड़े गड्ढे हैं और गड्ढों में पानी भरा हुआ है।


स्थानीय विशाल गुप्ता बताते हैं कि इस सड़क से बड़े-बड़े अधिकारी रोज गुजरते हैं लेकिन किसी की भी नजर इस जलजमाव पर नहीं जाती है।

बता दें कि इस सड़क पर एक कोचिंग संस्थान भी है। जहां रोज बहुत से बच्चे पढ़ाई करने और कंप्यूटर सीखने आते हैं। यहां रोज आने जाने वाले छात्रों को पानी भरी सड़क के कारण एक लंबे और ट्रैफिक भरे रास्ते से होकर आना पड़ता है। इसके अलावा यहां दिव्यांग छात्र भी आते हैं जो खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। उनका कहना है कि पानी में ट्राई साइकिल पलटने के कारण वह कई बार गिर चुके हैं।

स्थानीय आशा देवी ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत नगर निगम में की है, लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। शिकायत को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं।

सड़क से गुजर रहे एक राहगीर ने कहा कि पूर्णिया के विकास को कोई देखने वाला नहीं है। अगर देखने वाला होता तो तो सड़क की यही हाल होती क्या ?

बता दें कि बिहार सरकार की मंत्री भी इसी सड़क से अपने विधानसभा जाती हैं। इसी सड़क के रास्ते पूर्व मंत्री का भी काफिला गुजरता है। साथ ही पूर्व विधायक अमरनाथ तिवारी का घर भी इसी रोड पर है।

फिलहाल नगर निगम चुनाव की सरगर्मी भी तेज़ है और शहर की जनता अपना मेयर चुने वाली है। अब इस टूटी सड़क से गुजरने वाले मतदाताओं को तय करना है कि सड़क का मुद्दा चुनाव का आधार हो पाएगा या नहीं।


बरसात मे निर्माण, सड़क की जगह नाव से जाने को विवश हैं ग्रामीण

अभियान किताब दान: पूर्णिया में गांव गांव लाइब्रेरी की हकीकत क्या है?


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

अररिया, मधेपुरा व सुपौल समेत बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

“हम लोग घर के रहे, न घाट के”, मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के लिए जमीन देने वाले किसानों का दर्द

नीतीश कुमार ने 1,555 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का किया उद्घाटन

छह हजार करोड़ रूपये की लागत से होगा 2,165 नये ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण

किशनगंज के ठाकुरगंज और टेढ़ागाछ में होगा नये पुल का निर्माण, कैबिनेट ने दी मंजूरी

वर्षों पहले बने महिला छात्रावास और स्कूल भवन लावारिस हालत में

बिहार में पिछले दशक में बने इतने स्टेट हाईवे, ये है सीमांचल-कोसी की स्थिति

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?

क़र्ज़, जुआ या गरीबी: कटिहार में एक पिता ने अपने तीनों बच्चों को क्यों जला कर मार डाला

त्रिपुरा से सिलीगुड़ी आये शेर ‘अकबर’ और शेरनी ‘सीता’ की ‘जोड़ी’ पर विवाद, हाईकोर्ट पहुंचा विश्व हिंदू परिषद