किशनगंज जिले में 27 जून से लगातार 29 जून तक हुयी मुसलाधार बारिश के बाद जिले के तीन प्रखंड टेढ़ागाछ, दिघलबैंक और ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ जैसी हालत उत्पन्न हुई थी। नदियों के तेज कटाव के कारण दर्जनों पुल पुलिया और सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है।
जिले से होकर बहनेवाली महानंदा, रेतुआ, कंनकई और गोरिया नदी में आए विनाशकारी बाढ़ से तीन प्रखण्डों के सैकड़ो ग्रामीणो को भारी नुकसान हुआ है। टेढ़ागाछ प्रखंड के धवेली पंचायत के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण सड़क ध्वस्त होने से प्रखंड मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय जाने में लोगों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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ग्रामीणों ने मांग किया कि जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त सड़क और पुल की मरम्मत की जाय, ताकि ग्रामीणों को राहत मिले।
‘सरकार के खजाने का पहला हक बाढ़ पीड़ित एवं सुखाड़ से पीड़ित लोगों के लिए’
वही बिहार सरकार के मंत्री जमा खान ने कहा कि नीतीश कुमार ने एलान कर दिया है कि सरकार के खजाने का पहला हक बाढ़ पीड़ित एवं सुखाड़ से पीड़ित लोगों के लिए है, उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को सरकार के तरफ से निर्देश दिया गया है कि अविलंब कटाव रोधी कार्य एवं क्षतिग्रस्त सड़क और पुल की निर्माण का कार्य करें।
वही जिला पदाधिकारी ने कहा कि नदियों के जलस्तर सामान्य है, जल निषरण विभाग के द्वारा कटाव क्षेत्रों पर कार्य करवाया जा रहा है। सड़क और पुल को पीडब्लूडी के अभियंताओं के द्वारा युद्ध स्तर पर मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।
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