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Agriculture

दिघलबैंक में किसान कर्मशाला सह प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन में कृषि विभाग द्वारा खरीफ महाअभियान 2023-24 के तहत प्रखंड स्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

बिहार का ‘मोर गाँव’, जहाँ सैकड़ों मोर लोगों के बीच रहते हैं

सहरसा जिला मुख्यालय से तकरीबन छह किलोमीटर की दूरी पर बसा सत्तर कटैया प्रखंड की विशनपुर पंचायत का आरण गांव को 'मोर गांव' के नाम से भी जाना जाता है।

बिहार के किसान ने सस्ते में पुरानी साइकिल से बना दिया हल

कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस बात को एक बार फिर सही साबित किया है सहरसा के सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बैजनाथपुर गांव के दिनेश कुमार यादव और उनके भतीजे शशि यादव ने।

पूर्णिया: मंडी में मक्का के घटते दामों से किसान परेशान, कहा-माफ़िया कर रहे मनमानी

स्थानीय किसानों का कहना है कि कुछ बड़ी कंपनी मक्का के मूल्य को कम करने के लिए रेक पॉइंट पर लगने वाले इंडेन को खरीद कर फ़र्ज़ी इंडेन लगा कर मक्का के मूल्य को कम कर रहे हैं।

हाथियों का कहर झेल रही धनतोला पंचायत पर मौसम की भी मार

शनिवार की शाम आई तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि से जिले के दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला में फसलों के साथ-साथ घरों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, एक विशाल आम के पेड़ गिरने से भी आधा दर्जन घर क्षतिग्रस्त हो गये।

किशनगंज: तेज़ आंधी से मक्के की फ़सल बर्बाद, क़र्ज़ में डूबे किसानों की बढ़ी मुश्किलें

शनिवार रात आए तेज़ आंधी और मूसलाधार बारिश ने किशनगंज की दौला पंचायत के समदा गांव में भारी तबाही मचायी। कई एकड़ में फैली मक्के की फ़सल बर्बाद हो गई और ग्रामीणों के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

कोसी दियारा में यूपी के किसान उगा रहे तरबूज

बिहार का कोसी दियारा इलाका, जहां आने जाने से लोग कतराते हैं और दूर-दूर तक कोई व्यक्ति नहीं दिखता, वहां उत्तर प्रदेश से लगभग 100 किसान आकर खेती कर रहे हैं।

दूध कारोबार ने बदली किस्मत

साल 2020 में भारत में दूध की कुल मांग 1990 लाख मेट्रिक टन थी, जो साल 2022 में 2030 लाख मेट्रिक टन हुई और अब 2023 में बढ़कर 2070 लाख मेट्रिक टन होने की उम्मीद है।

अररिया के किसानों को सिंचाई में नहीं मिल रहा नहरों का लाभ

अररिया जिले में नहरों का जाल बिछा होने के बावजूद अब इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से जिले के किसान अधिक पैसा खर्च कर सिंचाई करने को मजबूर हैं।

बिहार में पेशेवर निशानेबाजों से क्यों मरवाए जा रहे नीलगाय और जंगली सूअर?

बिहार सरकार ने पहली बार 2007 में नीलगाय को मारने की अनुमति दी थी, क्योंकि उस समय राज्य के 38 में से लगभग 31 जिलों को इस जंगली जानवर के कारण भारी फसल नुकसान का सामना करना पड़ा था।

बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती कर आत्मनिर्भर हो रहे किसान रहमान

जहां चाह वहां राह को साक्षात जीते अररिया के किसान अब्दुल रहमान स्ट्रॉबेरी की खेती कर सीमांचल के किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।

किसके फायदे के लिए है इथेनॉल प्लांट? स्थानीय लोगों से न मक्का खरीदता, न रोज़गार देता

फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी से परोरा गाँव निवासी किसान दिनेश पासवान की फसल लगातार बर्बाद हो रही है।

मछली पालन में अररिया जिले की पहचान बने प्रधान बेसरा

अररिया जिले के एक आदिवासी किसान ने मत्स्य पालन में रिकॉर्ड कायम किया है। उनकी ख्याति जिले ही नहीं बल्कि बिहार की राजधानी पटना में भी पहुंच गई।

किशनगंज: मछली पालन को नया आयाम देता बायोफ्लॉक तकनीक

मुज़फ्फर कमाल सबा नामक एक कृषि उद्यमी ने अलता एस्टेट में 2020 में बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन की शुरुआत की थी।

बिहार में उग रहे हिमाचल के सेब, कम जोखिम में बढ़िया कमाई

मनजीत मंडल बताते हैं कि उन्होंने पहले सेब के कुछ पेड़ लगाकर ट्रायल किया था। नतीजा अच्छा निकलने पर साल 2021 में उन्होंने अपनी जमीन पर इसकी खेती करने का फैसला किया।

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अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती किशनगंज की रमज़ान नदी