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धूप नहीं खिलने से एनिडर्स मशीन खराब, हाथियों का उत्पात शुरू

किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में हाथियों को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा लगाई गई एनिडर्स मशीन भी बेकार साबित होने लगी है।

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
Published On :
aniders machine breaks down due to lack of sunshine

किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में हाथियों को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा लगाई गई एनिडर्स मशीन भी बेकार साबित होने लगी है।


मंगलवार की रात जंगली हाथियों के झुंड ने अपने सबसे पुराने रास्ते डोरिया गांव से प्रवेश करते हुए बॉर्डर से करीब 15 किलोमीटर दूर सतकौआ पंचायत के कुतवाभिट्ठा चमड़ाकट्टा गांव के बीच मक्के के खेतों घुसकर डेरा जमा डाला है। बुधवार की सुबह ग्रामीणों की नजर जैसे ही मक्के खेतों पर पड़ी, तो देखा कि 9 हाथियों का झुंड उनके खेतों में डेरा जमा रखा है। इसके बाद दिन भर हाथियों के झुंड को देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा। ग्रामीणों की सूचना पर 12वीं वाहिनी एसएसबी पलसा और पिलटोला बीओपी मौके पर पहुंचे और लोगों को हाथियों से दूर रहने की अपील करते रहे। दोपहर 12 बजे के करीब वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला व हाथियों को वापस नेपाल भेजने के प्रयास में जुटी हुई है। दरअसल, पिछले तीन-चार दिनों से सीमावर्ती क्षेत्रों में पड़ रही कड़ाके की ठंड और धूप के अभाव में सोलर सिस्टम से चलने वाले एनिडर्स मशीन चार्ज नहीं होने से डोरिया गांव के समीप कई मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। मंगलवार की रात हाथियों का झुंड इसी का फायदा उठाते हुए दो एनिडर्स मशीनों को उखाड़ फेंका। हाथियों ने डोरिया निवासी भीम प्रसाद गणेश की एक एकड़ में लगी आलू की फसल को नष्ट कर दिया। इसके बाद उत्तरी छोड़ से पिनढ़ालबाड़ी – खोंसीटोला होते हुए हाथियों का झुंड सालमारा नेपाल के रास्ते कुतवाभिट्ठा गांव के मक्का खेतों में डेरा जमा दिया। डोरिया निवासी मुरली कुमार गणेश, जय नारायण गणेश, इंद्र कुमार सिंह व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो तीन दिनों से कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच धूप नहीं होने से कई मशीनें चार्ज के अभाव में बंद हो गई थीं।

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मंगलवार की रात हाथियों का झुंड इसी का फायदा उठाकर गांव के रास्ते प्रवेश कर आगे बढ़ गया। इधर, दिनभर कुतवाभिट्ठा में हाथियों का झुंड रहने से अमीरुद्दीन, झुकल हांसदा, अबुतालिब, इकरा मूल हक, इनामुल हक सहित आधा दर्जन से अधिक किसानों के मक्के की फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।


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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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