किशनगंज में कम बारिश होने से किसान परेशान हैं। किसानों ने किसी तरह तो धान की रोपनी कर दी है, लेकिन समय पर बारिश नहीं होने से अब खेतों में लगी धान की फसल मुरझा रही है। खेतों में दरारें पड़ने से किसान और भी चिंतित हैं। मुरझाई धान की फसल को बचाने के लिए किसान अपने घरों की जमा पूंजी लगाकर भाड़े का पम्पिंग सेट की मदद से खेतों में पानी छोड़ रहे हैं। किसान बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। क्योंकि जैसे तैसे धान की रोपनी तो कर ली है। अब फसल को बचाने की फिक्र है।
किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में पंप के सहारे सिंचाई करने से काफी लागत आ रही है। ऐसे में लागत अधिक होने से काफी नुकसान होने की आशंका है। किसानों ने कहा कि डीजल अनुदान उन्हें नहीं मिल रहा है। किसानों ने मांग की कि सिंचाई के लिए उन्हें बिजली और बिजली संचालित पंप मोटर उपलब्ध करवाया जाय।
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वहीं, किशनगंज के जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि जिले में सौ फीसदी धान की रोपनी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से मौसम अनुकूल नहीं है। सिंचाई के लिए सरकारी नलकूपों के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुँचाया जा रहा है। कृषि विभाग के द्वारा डीजल अनुदान दिया जा रहा है लेकिन किसानों का आवेदन कम आ रहा है। जिला कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जिले में आच्छादन के लक्ष्य के विरुद्ध सौ प्रतिशत से अधिक रोपनी हो चुकी है। वहीं जिला सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक जुलाई माह में जिले में औसत बारिश 613 एमएम हुई है।
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