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बांका लोकसभा सीट: सांसद गिरधारी यादव के सामने पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव की चुनौती

बांका लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें अमरपुर, धौरैया, बांका, कटोरिया, बेलहर और सुल्तानगंज शामिल हैं। सुल्तानगंज विधानसभा भागलपुर जिला तथा बांका लोकसभा क्षेत्र में आता है जबकि बाकी पांच विधानसभा क्षेत्र बांका जिले का हिस्सा है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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2024 लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आगामी 26 अप्रैल को होना है। इसमें बिहार की 5 लोकसभा क्षेत्र कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, भागलपुर और बांका में वोट डाले जाएंगे। बांका लोकसभा सीट पर इस बार जदयू के मौजूदा सांसद गिरधारी यादव की टक्कर राजद के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव से है।

जदयू के गिरधारी यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव को 2 लाख 532 वोटों से हरा दिया था। गिरधारी यादव को कुल 4,77,788 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे राजद के जयप्रकाश यादव ने 2,77,256 वोट प्राप्त किया था। पुतुल कुमारी (निर्दलीय उम्मीदवार) 1,03,729 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं।

किसने, कब जीता बांका लोकसभा चुनाव

बांका लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1957 में लोकसभा चुनाव हुआ था जिसमें कांग्रेस की शकुंतला देवी ने जीत प्राप्त की थी। 1962 में शकुंतला देवी दोबारा सांसद बनीं। वहीं 1967 में भारतीय जनसंघ के बेनी शंकर शर्मा ने बांका सीट पर जीत हासिल की।


1971 में कांग्रेस के शिव चंद्रिका प्रसाद सांसद बने। 1973 में शिव चंद्रिका प्रसाद का निधन हो गया और बांका सीट खाली होने पर उपचुनाव हुआ। मई 1973 में मधु लिमये बांका के सांसद बने। 1977 लोकसभा चुनाव में उन्होंने दोबारा बांका सीट से जीत हासिल की।

1980 में बांका लोकसभा सीट से कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह सांसद बने। 1984 में कांग्रेस टिकट से चंद्रशेखर की पत्नी मनोरमा सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1985 में मनोरमा सिंह के इस्तीफा देने के बाद उनके पति चंद्रशेखर सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और बांका के सांसद बने।

1986 में चंद्रशेखर सिंह का निधन हो गया जिसके बाद एक बार फिर उपचुनाव हुआ। चंद्रशेखर सिंह की पत्नी मनोरमा सिंह जनता पार्टी के जॉर्ज फर्नांडिस को हराकर एक बार फिर बांका से सांसद बनीं।

1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के प्रताप सिंह ने कांग्रेस की मनोरमा सिंह को हराया और लगातार दो बार सांसद बने।

1996 में गिरधारी यादव ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार बांका के सांसद बने। 1998 और 1999 के चुनाव में दिग्विजय सिंह बांका के सांसद बने। दोनों बार गिरधारी यादव दूसरे स्थान पर रहे।

2004 के लोकसभा चुनाव में गिरधारी यादव दिग्विजय सिंह को हराकर दूसरी बार बांका से सांसद बने। इस बार उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव जीता। 2009 में दिग्विजय सिंह बांका से सांसद बने। 2010 में उनके निधन के बाद उनकी पति पुतुल कुमारी ने उपचुनाव में जीत हासिल की। 2014 में राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने बांका सीट से बाज़ी मारी वहीं 2019 में जदयू के गिरधारी यादव बांका के सांसद बने।

बांका लोकसभा क्षेत्र में कितने वोटर

बांका लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें अमरपुर, धौरैया, बांका, कटोरिया, बेलहर और सुल्तानगंज शामिल हैं। सुल्तानगंज विधानसभा भागलपुर जिला तथा बांका लोकसभा क्षेत्र में आता है जबकि बाकी पांच विधानसभा क्षेत्र बांका जिले का हिस्सा है।

चुनाव आयोग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार बांका लोकसभा क्षेत्र में कुल 18,38,957 मतदाता हैं। पुरुष वोटरों की संख्या 9,73,203 और महिला वोटरों की संख्या 8,65,719 है जबकि 35 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या
No. Assembly Name Male Female Third Gender Total Voters
157 Sultanganj 180194 158944 18 339156
159 Amarpur 163231 142661 2 305894
160 Dhauraiya (SC) 166483 149055 2 315540
161 Banka 142743 128064 11 270818
162 Katoria (ST) 146616 131553 0 278169
163 Belhar 173936 155442 2 329380
बांका लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 1838957

जदयू के प्रत्याशी गिरधारी यादव का चुनावी सफर

गिरिधारी यादव 1995 में कटोरिया विधानसभा से पहली बार विधायक बने। जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने जेएमएम के विपिन शाह को 19,620 वोटों से हराया। एक वर्ष बाद 1996 में वह बांका लोकसभा क्षेत्र से सांसद बन गए और 1998 तक सांसद रहे। 1998 लोकसभा चुनाव में वह राजद के टिकट पर लड़े और समता पार्टी के दिग्विजय सिंह से 11,291 वोटों से हार गए।

1999 चुनाव में वह निर्दलय उम्मीदवार के तौर पर बांका सीट से चुनावी मैदान में उतरे और इस बार 21,408 वोट से उन्हें दिग्विजय सिंह से हार मिली। 2000 विधानसभा चुनाव में गिरधारी यादव ने कटोरिया सीट पर राजद की तरफ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने भाजपा के कलेश्वर यादव को 29,257 मतों से हराया।

2004 लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट से जीत हासिल की। इस बार उन्होंने जदयू के दिग्विजय सिंह को 4,669 वोटों से हराया। 2009 लोकसभा चुनाव में गिरधारी यादव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और 44,588 वोटों के साथ वह चौथे स्थान पर रहे।

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2010 में वह जदयू के टिकट पर बेलहर विधानसभा सीट से विधायक बने। उन्होंने राजद के रामदेव यादव को 7,616 वोटों से हराया। 2015 में वह फिर से बेलहर से विधायक बने और इस बार भाजपा के मनोज यादव को 16,191 वोटों से हराया।

2019 लोकसभा चुनाव में 4,77,788 वोट लाकर वह तीसरी बार बांका से सांसद बने।

गिरिधारी यादव के पास कितनी संपत्ति है

एफिडेविट में दी गई जानकारी के अनुसार गिरधारी यादव के कुल चल संपत्ति 36,74,201 रुपये है वहीं उनकी पत्नी की चल संपत्ति 9,76,000 रुपये है। गिरधारी यादव की अचल संपत्ति 1,26,30,900 रुपये है। उनपर 56,95,769 रुपये का कर्ज़ है। गिरिधारी यादव पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव का चुनावी सफर

पूर्व केंद्रीय मंत्री और 2 बार लोकसभा सांसद रह चुके जयप्रकाश नारायण यादव ने 1980 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और बिहार के खड़गपुर विधानसभा सीट से विधायक बने। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह को 1,904 वोटों से हराया। इसी सीट पर 1985 के विधानसभा चुनाव में जय प्रकाश नारायण कांग्रेस के राजेंद्र सिंह से 10,000 से अधिक वोटों से हार गए।

1995 में जय प्रकाश नारायण यादव ने खड़गपुर विधानसभा सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने बीपीपी के आनंद मोहन को 29,589 वोटों के अंतर से हराया। 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह फिर खड़गपुर सीट से विधायक बने। इस बार वह राजद के टिकट पर लड़े और जदयू की अनीता देवी को 52072 वोटों से हराया।

2004 लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और 45,3286 वोट लेकर वह पहली बार सांसद बने। जयप्रकाश ने जदयू के मोनाज़िर हसन को 1,15,927 वोटों से हराया। उसी साल यूपीए सरकार में वह जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री भी बने।

2009 लोकसभा चुनाव में जय प्रकाश नारायण यादव ने मुंगेर छोड़ बांका लोकसभा सीट का रुख किया, जहां निर्दलीय प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने उन्हें 28,716 वोटों से हरा दिया। 2010 में दिग्विजय सिंह का निधन हो गया जिसके बाद उनकी पत्नी पुतुल कुमारी उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खड़ी हुईं और जीत हासिल की। 2014 में जय प्रकाश ने राजद के टिकट पर लड़ते हुए बांका में पुतुल कुमारी को 10,144 वोटों से हराया। उस चुनाव में पुतुल कुमारी भाजपा के टिकट पर लड़ीं थीं।

2019 लोकसभा चुनाव में जय प्रकाश नारायण को जदयू के गिरिधारी यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा। गिरिधारी ने उन्हें 2,00,532 (2 लाख 532) वोटों से हराया।

पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री की संपत्ति का ब्यौरा

जय प्रकाश नारायण यादव के पास 31,15,430 रुपये और उनकी पत्नी के पास 90,52,189 रुपये की चल संपत्ति है। जय प्रकाश नारायण यादव की अचल संपत्ति 5 करोड़ 31 लाख से अधिक है वहीं उनकी पत्नी की अचल संपत्ति 1 करोड़ 20 लाख से अधिक है।

उनके नाम पर लगभग 1 लाख 11 हज़ार रुपये का लोन है। उनपर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

बांका लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा में एनडीए का दबदबा

बांका लोकसभा की 6 विधानसभा सीटों में से पांच पर एनडीए जबकि एक पर महागठबंधन विधायक हैं। सुल्तानगंज विधानसभा से जदयू के ललित नारायण मंडल विधायक हैं वहीं, अमरपुर विधानसभा सीट पर जदयू के जयंत राज काबिज़ हैं।

बांका विधानसभा से भाजपा के राम नारायण मंडल विधायक हैं। कटोरिया से भाजपा की निक्की हेम्ब्रम विधायक हैं वहीं बेलहर से जदयू के मनोज यादव विधायक हैं।

धौरैया वह एकमात्र विधानसभा सीट है जो महागठबंधन के पास है। वहां राजद के भूदेव चौधरी विधायक हैं।

2020 के विधानसभा चुनाव में बांका लोकसभा के 6 विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतों को मिलाकर एनडीए को कुल 4,21,531 वोट प्राप्त हुए। 3,84,190 वोटों के साथ महागठबंधन (राजद+कांग्रेस+ लेफ्ट पार्टी) दुसरे स्थान पर रहा। लोजपा को 54,638 वोट मिले।

Constituency RJD+ JDU+ LJP
Amarpur 51194 54308 40308
Dhauraiya 79324 76264 4108
Banka 52934 69762
Katoria 68364 74785
Belhar 71116 73589
Sultanganj 61258 72823 10222
384190 421531 54638

2019 लोकसभा चुनाव में विधानसभा वार पार्टियों को मिले वोट

2019 लोकसभा चुनाव में बांका सीट से गिरधारी यादव ने जीत हासिल की थी। उन्हें 2019 कुल 4,77,788 वोट मिले थे जबकि राजद के जय प्रकाश नारायण यादव 2,77,256 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

बांका लोकसभा क्षेत्र में आने वाले सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में जदयू को सबसे अधिक वोट मिले जबकि राजद दूसरे स्थान पर रहा।

सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र में जदयू के गिरधारी यादव 92,567 वोटों के साथ आगे रहे और राजद के जयप्रकाश नारायण यादव को 48,836 वोट मिले। अमरपुर में जदयू को सबसे अधिक 80,713 वोट मिले वहीं दूसरे स्थान पर रहे राजद ने 39,776 वोट प्राप्त किये।

धौरिया विधानसभा क्षेत्र में जदयू को 89,910 वोट मिले। राजद 49,266 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रिहा। बांका विधानसभा क्षेत्र में जदयू 68,719 वोटों के साथ आगे रहा वहीं राजद को 45,697 वोट मिले।

कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में जदयू को सबसे अधिक 67,642 वोट मिले और राजद ने 45,606 वोट प्राप्त किया। बेलहर में जदयू 77,397 वोटों के साथ सबसे आगे रही। दूसरे स्थान पर रहे राजद को 47,675 वोट मिले।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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