नालंदा जिले के बिहारशरीफ टाउन में 31 मार्च और 1 अप्रैल को हुई हिंसा को लेकर बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें बजरंग दल से जुड़े लोग, 456 सदस्यों वाला बजरंग नालंदा नाम का वाट्सऐप ग्रुप, कुछ इंस्टाग्राम अकाउंट के साथ ही एक ट्विटर हैंडल नामजद हैं। इस ट्विटर हैंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं।
उक्त ट्विटर हैंडल से एक अप्रैल को बिहारशरीफ में हिंसा को लेकर फेक न्यूज फैलाया गया था। ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया था कि नालंदा के बिहारशरीफ में पांच हिन्दुओं की मौत हो गई है। आगे लिखा गया था – बिहार के विभिन्न इलाकों में हिंसा के चलते हिन्दू पलायन कर रहे हैं। हालांकि, बाद में उक्त हैंडल ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया।
वहीं, वाट्सऐप ग्रुप में शामिल सदस्यों में कई पर आरोप लगा है कि उन्होंने ग्रुप में साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने वाले कमेंट्स किये थे। आर्थिक अपराध इकाई में दर्ज एफआईआर में कहा गया है, “बजरंग दल नालंदा नाम से संचालित वाट्सऐप ग्रुप के बीते कुछ दिनों के वाट्सऐप चैट की छायाप्रति मिली है, जिसके अवलोकन में पाया गया कि उक्त वाट्सऐप ग्रुप में 456 सदस्य हैं।”
इस ग्रुप के दो एडमिन थे- एक का नाम ‘बजरंग दल’ और दूसरे का नाम ‘कृष्णजी बजरंग दल’ था। ‘बजरंग दल’ नाम से जो मोबाइल नंबर वाट्सएप ग्रुप में था, वह मोबाइल नंबर कुंदन कुमार नाम का व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है, जो बजरंग दल की बिहारशरीफ इकाई का प्रमुख बताया जाता है। दोनों के वाट्सऐप के प्रोफाइल फोटो में 31 मार्च को होने वाली शोभायात्रा का पोस्टर नजर आता है, जिसमें तीन मोबाइल नंबर साझा किये गये हैं। दोनों ही नंबरों पर कॉल करने पर फोन बंद आ रहा है। दर्ज एफआईआर में वाट्सऐप ग्रुप में शामिल अन्य नंबरों पर भी हमने फोन किया, मगर अधिकांश नंबर बंद मिले।
उक्त वाट्सऐप ग्रुप के चैट को पढ़ने पर पुलिस को पता चला कि ग्रुप में शामिल 14 सदस्यों द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने और साम्प्रदायिक तनाव भड़काने वाले कमेंट्स किये गये। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि ग्रुप के सदस्यों के साथ ही 7000 मोबाइल फोन्स के टावर घटना के दिन दंगाग्रस्त इलाकों के आसपास पाये गये। पुलिस ने इनमें से 26 मोबाइल नंबरों के धारकों की गहन जांच की जरूरत बताई है।
माधव लाल, जिसपर पहले भी हो चुकी है एफआईआर
एफआईआर में माधव लाल कश्यप नाम का भी एक व्यक्ति नामजद है, जिस पर सोशल मीडिया के जरिए गांव गांव से लोगों को रामनवमी की शोभायात्रा में शामिल करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही लोगों को उकसाने का आरोप है।
फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, माधव लाल कश्यप हिन्दू स्वाभिमान बिहार नामक संगठ का प्रांत प्रमुख है। वह पहले राष्ट्रीय बजरंग दल का प्रांत प्रमुख रह चुका है।
माधव के कुख्यात यति नरसिन्हानंद से संपर्क हैं और बिहार में धार्मिक कार्यों में उसे यति का सहयोग मिलता रहता है। अगले महीने बागेश्वर धाम सरकार की बिहार के पटना में कथा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में माधव लाल कश्यप का संगठन हिन्दू स्वाभिमान बिहार भी मदद कर रहा है।
माधव लाल कश्यप पर पहले भी साम्प्रदायिक तनाव भड़काने वाले बयान देने के आरोप लग चुके हैं। पूर्व में उसके खिलाफ कम से के दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। एक एफआईआर साल 2017 में फुलवारी थाने में दर्ज हुई थी और दूसरी एफआईआर बिहारशरीफ थाने में 15 फरवरी 2021 में दर्ज की गई थी।
बिहारशरीफ थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर बिहारशरीफ टाउन की बड़ी पहाड़ी की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें एक मजार नजर आ रहा था। इस मजार की तरफ इशारा करते हुए पोस्ट में लिखा गया था कि इस ढांचे को पुनः मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित करना है।
वहीं, राहुल सिंह राजपूत नाम के फेसबुक पेज और आफरीन नाम के एक ट्विटर हैंडल पर भी बिहारशरीफ हिंसा को लेकर फर्जी जानकारी साझा करने का आरोप है।
Also Read Story
वाट्सऐप के जरिए भड़काने की कोशिश
पुलिस ने बताया है कि 16 मार्च से अप्रैल महीने के पहले हफ्ते तक एफआईआर में दर्ज मोबाइल नंबर के धारक और सोशल मीडिया अकाउंट्स से पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दो धार्मिक समुदायों के बीच उन्मादपूर्ण, भ्रामक, आपत्तिजनक और उग्र कंटेंट से भरा पोस्ट सर्कुलेट कर धार्मिक जुलूस में शामिल लोगों को उन्मादी और आक्रामक मानसिक स्थिति में धकेल दिया।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने बिहारशरीफ में हुई हिंसा के मामले में 8 अप्रैल को एफआईआर दर्ज करने के अगले ही दिन मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा और निरंजन सिंह को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब हो कि 31 मार्च को बिहार के अलग अलग हिस्सों में रामनवमी की शोभायात्राएं निकाली गई थीं। इस दौरान कम से कम 4 जिलों में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थीं। सबसे ज्यादा हिंसक वारदातें नालंदा जिले के बिहारशरीफ टाउन में हुई थी।
बिहारशरीफ टाउन में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान शुरू हुई झड़प के बाद दर्जनों दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था और आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गये थे। वहीं, दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। भीड़ ने मस्जिद पर पथराव कर दिया था और उससे संलग्न 100 साल से भी पुराने मदरसा अजिजिया और उसकी लाइब्रेरी, जिसमें दर्जनों दुर्लभ किताबें थी, को आग के हवाले कर दिया था। दंगे के बाद एक हफ्ते से भी अधिक वक्त तक वहां धारा 144 लागू थी और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।
मुआवजे के इंतजार में पीड़ित दुकानदार
इस हिंसा को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की एफआईआर के अलावा बिहारशरीफ थाने में बीडीओ और सीओ की तरफ से दो एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं, लहेरी थाना, जो हिंसाग्रस्त क्षेत्र के बीचोंबीच स्थित हैं, में चार एफआईआर दर्ज हैं। ये चारों एफआईआर मुख्य तौर पर उन पीड़ितों ने दर्ज कराई है, जिनकी दुकानों, गोदामों को दंगाइयों में क्षतिग्रस्त कर दिया था।
समीर हुसैन ने अपनी एफआईआर में कहा है कि 31 मार्च की शाम 5.58 बजे मुरारपुर मस्जिद के पास स्थित उनके बिरियानी प्लाजा रेस्तरां का ताला तोड़कर दंगाइयों ने भीतर भी तोड़फोड़ मचाई और सामान लूट लिया।
उन्होंने अपनी एफआईआर में 14 लोगों को नामजद किया है और सभी आसपास के रहने वाले हैं। इनमें से तो कई के नामों के साथ उनके धंधे का भी जिक्र समीर ने एफआईआर में किया है। उन्होंने इस लूटपाट में 10 लाख 42 हजार रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।
शमशाद आलम ने अपनी एफआईआर में 8 लाख रुपए के नुकसान की बात कही ही। उन्होंने अपनी एफआईआर में 12 लोगों को नामजद किया है।
नौशाद आलम ने अपनी एफआईआर में 14 लाख 40 हजार रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है। उन्होंने अपनी एफआईआर में 17 लोगों को नामजद किया है।
हिंसा की घटना के करीब तीन हफ्ते बीत जाने के बाद अब हालात वहां बिल्कुल सामान्य हो गये हैं। मदरसा अजिजिया की लाइब्रेरी से मलबा हटा दिया गया है, लेकिन उसकी मरम्मत अभी शुरू नहीं हुई है। पीड़ित दुकानदार दोबारा दुकानें शुरू करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
नौशाद आलम ने कहा, “हमारे पास उतनी पूंजी है नहीं कि दोबारा अपने दम पर धंधा शुरू करें। हमें सरकार से मदद चाहिए, सरकार की मदद नहीं मिलेगी, तो हम काम शुरू नहीं कर पाएंगे।”
नरेश कुमार की फ्लैक्स, पत्थरों पर लिखने और पेंट की दुकान थी। उन्होंने कहा, “मलबा अब भी बिखरा पड़ा है। हमारे पास पैसा नहीं है कि खर्च कर बना सकें। आज 25 दिन हो गये हैं इस घटना के, लेकिन कोई मदद नहीं मिली है। दुकान बंद है, तो काम भी नहीं हो पा रहा है। हमलोग आधी रोटी खाकर समय गुजार रहे हैं।”
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।