मध्य प्रदेश के एक समाचार पत्र ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी की तस्वीर एक कथित आतंकी की खबर के साथ लगा दी। दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया था और यह खबर उसी कार्यकर्ता के गिरफ्तारी से संबधित थी।
एनआईए द्वारा गिरफ्तार पीएफआई कार्यकर्ता का नाम अब्दुल सलीम है। वह तेलंगाना के निजामाबद में एक मामले में आरोपी था। समाचार पत्र की मानें तो एनआईए ने उसके ऊपर दो लाख रुपये का इनाम भी रखा हुआ था। उसी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी से संबंधित खबर पर ‘स्वदेश’ समाचार पत्र ने एमआईएम नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी की तस्वीर लगा दी।
समाचार पत्र ने 4 मार्च 2024 के अपने मध्य प्रदेश के गुना संस्करण (ई पेपर) में पेज नंबर 12 पर यह खबर प्रकाशित की थी। पेपर ने शीर्षक दिया “पीएफआई आतंकी अब्दुल सलीम गिरफ्तार” और तस्वीर के स्थान पर बिहार के अररिया से AIMIM नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी की तस्वीर लगा दी।
समाचार पत्र ने लिखा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक आतंकी अब्दुल सलीम को पकड़ा है। सलीम के खिलाफ निज़ामाबाद पीएफआई मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। हालाँकि, वह फरार हो गया था। उस पर एनआईए ने 2 लाख रुपए का नकद इनाम भी रखा था।”
‘स्वदेश’ समाचार पत्र मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश का हिन्दी दैनिक है। पेपर की मानें तो यह समाचार पत्र 50 वर्षों से भी अधिक समय से प्रकाशित हो रहा है। हालांकि, पेपर अपने बारे में दावा करता है कि वह मूल्य आधारित पत्रकारिता का संवाहक (कैरियर) है, लेकिन, फिर भी इतनी बड़ी लापरवाही हो गई।
समाचार पत्र को लीगल नोटिस भेजेंगे: AIMIM नेता
अररिया के जोकीहाट से एमआईएम नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि वह समाचर पत्र को लीगल नोटिस भेजेंगे। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र की यह बड़ी लापरवाही है और समाचार पत्र को खबर लिखते या तस्वीर का चुनाव करते समय इसका ख्याल रखना चाहिये।
“समाचार पत्र की यह बहुत बड़ी लापरवाही है। खबर में आदमी कोई और है आप उनके ताल्लुक़ से ख़बर छाप रहे हैं और तस्वीर किसी और व्यक्ति की लगा रहे हैं यह तो बड़ी लापरवाही है। इनके ख़िलाफ बिल्कुल क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिये,” उन्होंने कहा।
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चतुर्वेदी आगे कहते हैं, “असल में मुझे किसी ने उस ख़बर की कटिंग भेजी थी व्हाट्सऐप पर और कहा कि यह देखिये आपकी तस्वीर छाप दी है। मैंने समाचार पत्र के ऑफिस में भी राब्ता (संपर्क) करने की कोशिश की तो मेरा राब्ता नहीं हो पाया।”
अब्दुल्लाह सालिम ने बताया कि जब उन्होंने अपनी तस्वीर ऐसी ख़बर के साथ देखी, जो किसी कथित आतंकी को गिरफ्तार करने से संबंधित था तो वह बहुत परेशान हुए। उन्होंने कहा कि उनके साथ-साथ घरवाले और रिश्तेदार भी परेशान हो गये।
एमआईएम नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी ने ‘मैं मीडिया’ को आगे बताया, “मैंने बात की है वकील से। आज ही मुझे जाना था वकील से मिलने के लिये, लेकिन आज नहीं जा सका। मैं कल सुबह जाऊंगा और उस पेपर को लीगल नोटिस भिजवाऊंगा। यह अखबार की तरफ से बड़ी लापरवाही की गई है। अखबार को देखना चाहिये था कि आदमी कोई और है, जगह कोई और है नाम कुछ और है – अब्दुल सलीम नाम है उसका। निजामाबाद का चर्चा है, तेलंगाना का नाम है। पीएफआई का है। हम तो पीएफआई का कभी मेंबर भी नहीं रहे।”
कौन हैं एमआईएम नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी
बिहार के अररिया स्थित जोकीहाट के अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से जुड़े हुए हैं। वह अररिया के जोकीहाट में ही एक निजी स्कूल भी चलाते हैं।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त नेता अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी बहुत सक्रिय थे। एक वक़्त ऐसा लग रहा था कि एमआईएम जोकीहाट विधानसाभा क्षेत्र से अब्दुल्लाह सालिम चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बना सकती है।
अब्दुल्लाह सालिम एक प्रभावशाली इस्लामी ख़तीब (वक्ता) भी हैं। यूट्यूब पर उनको वीडियोज़ पर लाखों व्यूज़ आते हैं। वह बड़े-बड़े इस्लामी कार्यक्रमों और जलसों में जाते हैं और लोगों को संबोधित करते हैं।
“हम एक्शन ले रहे हैं”: समाचार पत्र
‘मैं मीडिया’ ने इस ख़बर को लेकर शनिवार को ‘स्वदेश’ समाचार पत्र के ग्रूप एडिटर अतुल तारे से बात की। उन्होंने कहा कि खबर को लेकर जो तथ्य उनके ध्यान में लाया गया है, पहले वे इसकी जांच करेंगे, तब ही बात करेंगे।
दो दिन गुज़रने के बाद सोमवार को ‘मैं मीडिया’ ने उनसे फिर बात की। उन्होंने बताया कि वे एक्शन ले रहे हैं इस पर। हालांकि, क्या एक्शन लिया जा रहा है, उस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
इसपर ज्यादा बात करने के लिये उन्होंने ख़बर से संबंधित एडिटर से बात करने की सलाह दी। हमने उनका नंबर मांगा तो उन्होंने भेजने का वादा कर फोन काट दिया।
संबंधित एडिटर का नंबर प्राप्त होने पर हम उनसे बात करेंगे और उनका जो भी पक्ष होगा, हम यहां प्रकाशित करेंगे।
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