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चाकुलिया में लगाया गया सैनेटरी नैपकिन यूनिट

मौके पर मौजूद इस्लामपुर सदर संचालक मोहम्मद अब्दुल हमीद ने बताया कि यह पूरे उत्तर दिनाजपुर में पहली सैनेटरी नैपकिन बनाने की यूनिट है, सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। आसपास के ज़िलों में भी कहीं ऐसी यूनिट मौजूद नहीं है। इसे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य SHG की महिला सदस्यों को रोज़गार देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

isare jamil akhtar Reported By Isare Jamil Akhtar |
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sanitary napkin unit installed in chakulia

गुरुवार को पश्चिम बंगाल के चाकुलिया में महिलाओं को सशक्त करने की एक और पहल की गयी है, जिससे महिलाओं को रोज़गार मिलेगा और वो आर्थिक रूप से मज़बूत बनेंगी।


दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए कई परियोजनाएं लायी जा चुकी हैं। इस बार राज्य सरकार ने सेल्फ हेल्प ग्रुप यानी स्वयं सहायता समूह महिला दल के लिए रोज़गार के अवसर खोले हैं। गुरुवार 15 मार्च को इस्लामपुर सदर संचालक मोहम्मद अब्दुल हमीद और चाकुलिया के विधायक मिनहाजुल आरफीन आजाद द्वारा चाकुलिया कर्म तीर्थ का उद्घाटन किया गया। यह एक ऐसा भवन है जिसमें स्वयं सहायता दल की महिलाएं मशीनों द्वारा सैनेटरी पैड बनाएंगी। महिलाओं द्वारा बनाये गए ये पैड इलाक़े के सरकारी अस्पतालों और बाज़ारों में सप्लाई किये जायेंगे, जिससे इस सेंटर में काम करने वाली महिलाओं को रोज़गार का एक स्थायी साधन मिलेगा और आमदनी भी बढ़ेगी।

मौके पर मौजूद इस्लामपुर सदर संचालक मोहम्मद अब्दुल हमीद ने बताया कि यह पूरे उत्तर दिनाजपुर में पहली सैनेटरी नैपकिन बनाने की यूनिट है, सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। आसपास के ज़िलों में भी कहीं ऐसी यूनिट मौजूद नहीं है। इसे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य SHG की महिला सदस्यों को रोज़गार देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।


इस सेंटर में 2 प्रकार के सैनेटरी नैपकिन बनाये जायेंगे, एक का नाम है ‘कुलिक साथी’ दूसरा है ‘दिया’। दिया लोकल हॉस्पिटल्स में सप्लाई किया जाएगा जबकि कुलिक साथी को रिटेल मार्केट में बेचा जाएगा।

वहीं चाकुलिया के विधायक मिनहाजुल आरफीन आजाद ने कहा कि ये पश्चिम बंगाल सरकार की एक पहल है। अक़्सर देखा जाता है कि गाँव देहात की मां-बहनों के बीच माहवारी स्वच्छता को लेकर जागरूकता नहीं होने के कारण वे माहवारी के दौरान सैनेटरी नैपकिन के बजाय घर के गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं, जिससे इन्फेक्शन का भी खतरा रहता है, इसीलिए सैनेटरी नैपकिन का प्रचार ज़रूरी है।

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Isare Jamil Akhtar is a graduate from Samsi College under University of Gour Banga. He has two years of experience in doing ground reports from Uttar Dinajpur district of West Bengal.

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