संसद के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में किशनगंज सांसद डॉ मोहम्मद जावेद ने बिहार के भूजल का मुद्दा उठाया। उन्होंने जल शक्ति राज्य मंत्री से बिहार में भूजल गुणवत्ता और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने को लेकर सवाल किए।
उन्होंने जलशक्ति मंत्री से पूछा कि क्या मंत्रालय 16वीं बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2021-22) से अवगत है, जिसमें बिहार के ग्रामीण इलाकों के भूजल में बड़े पैमाने पर रासायनिक प्रदूषण मिलने के कारण पानी की गुणवत्ता में कमी आने की बात कही गई है। अगर मंत्री और मंत्रालय इस रिपोर्ट से अवगत हैं तो केंद्र सरकार के पास इस स्थिति को सुधारने की क्या नीति है?
इस पर जवाब देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने कहा कि 16वीं बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2021-22) ने बिहार के कुछ जिलों में भूजल के दूषित होने की सूचना दी है। इसके अलावा केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भी देश के अलग अलग क्षेत्रों में वार्षिक रूप से भूजल को मॉनिटर करता है और गुणवत्ता के आंकड़े तैयार करता है। बिहार के प्रभावित जिलों का ब्यौरा अनुलग्नक की प्रक्रिया में दिया गया है।
जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा कि जल राज्य का विषय है और पेयजल आपूर्ति स्कीमों की योजना तैयार करना और उससे जुड़े कार्य राज्य सरकारों के ज़िम्मे होता है। हालांकि केंद्र सरकार बिहार सहित देश अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में ‘जल जीवन मिशन – हर घर जल’ योजना चला रही है।
डॉ जावेद ने जल शक्ति राज्य मंत्री से यह भी पूछा कि बिहार के प्रभावित जिलों में सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए क्या सरकार कोई अस्थायी राहत कार्यक्रम शुरू कर रही है?
इस पर जल शक्ति राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार, बिहार के साथ साथ देश के हर ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में अच्छे गुणवत्ता का जल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर अगस्त 2019 से जल जीवन मिशन (जीजेएम) को कार्यान्वयन कर रही है। उन्होंने आगे बताया कि (जीजेएम) के अंतर्गत राज्यों को फंड देते समय रासायनिक प्रदूषण से प्रभावित भूजल वाले स्थानों पर रहने वाली जनसंख्या को 10% वरीयता दी जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन गांवों में जल गुणवत्ता संबंधी समस्याएं रहती हैं वहां पाइप द्वारा जलापूर्ति स्कीमों की योजना बनाने की राज्यों को सलाह दी गई है। हालांकि इसमें समय लगता है इसलिए राज्यों को कहा गया है कि वह प्रभावित स्थानों में सामुदायिक जल शोधन संयंत्र (सीडब्ल्यूपीपी) स्थापित करे ताकि हर परिवार को रोज़ाना 8-10 लीटर प्रति व्यक्ति की दर से साफ़ पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके।
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बिहार में 96.39% परिवारों को मिला नल कनेक्शन: जल शक्ति मंत्री
जल शक्ति राज्य मंत्री की मानें तो बिहार में जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद से 7 अगस्त 2023 तक 1.57 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी का कनेक्शन दिया गया है। बिहार में कुल मिलाकर अब तक 1.66 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 1.60 करोड़ परिवारों (96.39) के घरों पर नल के पानी का कनेक्शन दिया गया है। ये आंकड़े इस वेबसाइट https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMIndia.aspx पर देखी जा सकते हैं।
सीमांचल के जिलों में पानी की गुणवत्ता के आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार सीमांचल के अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के भूजल में 45 मिलीग्राम से अधिक नाइट्रेट पाया गया है जबकि इन जिलों में आर्सेनिक की मात्रा 0.01 मिलीग्राम से ऊपर दर्ज की गयी है। आयरन की मात्रा किशनगंज समेत अररिया, कटिहार, पूर्णिया समेत राज्य के 33 जिलों में 1 मिलीग्राम से अधिक बतायी गयी है। यूरेनियम की मात्रा किशनगंज और पूर्णिया में अधिक पाई गई, जबकि भारी धातु जैसे सीसा, कैडमियम और क्रोमियम की मात्रा सीमांचल के कटिहार और किशनगंज में अधिक पाई गई।
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