Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

किसकी लापरवाही से मासूम की कब्रगाह बन गया सड़क के लिए खोदा गया गड्ढा?

8 साल के एक बच्चे इमरान की मौत की घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा है कि गड्ढे को लेकर उन्होंने पहले ही आगाह किया था।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed | Katihar |
Published On :

कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड की अरिहाना पंचायत के मरंगी टोले में सड़क पर मिट्टी डालने के लिए किये गये गड्ढे में गिरने से 8 साल के एक बच्चे इमरान की मौत की घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा है कि गड्ढे को लेकर उन्होंने पहले ही आगाह किया था।

स्थानीय महिला फातेमा ने बताया कि लगभग दो महीने पहले जब गड्ढा खोदा जा रहा था, तो उन्होंने ठेकेदार से कहा था कि खेतों से सटा कर इतना बड़ा गड्ढा न खोदा जाए, लेकिन ठेकेदार ने ध्यान नहीं दिया।

“ठेकेदार ने पुलिस बुला कर गिरफ्तार करवा देने की धमकी दी थी। इसी डर से ग्रामीणों ने कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं की,” उन्होंने कहा।


Deadly Ditch

ग्रामीण बताते हैं कि ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से मानक से ज्यादा मिट्टी सड़क के दोनों किनारों से काटी जा रही है जिससे सड़क और भी ज्यादा कमजोर हो जाएगी।

ये इलाका बाढ़ प्रवण है और हर साल यहां भीषण बाढ़ आ जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ में जब इलाके में पानी भर जाएगा, तो सड़क और गड्ढा बराबर हो जाएगा। उस समय बच्चों के डूबने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

15 फरवरी को क्या हुआ था

घटना की चश्मदीद और मृतक इमरान की नानी नशिबन खातून ने बताया, “घटना से कुछ देर पहले ही मैंने इमरान से बात की थी, इमरान ने बताया था कि वह बकरी के लिए घास लाने जा रहा है। लेकिन, थोड़ी देर बाद ही उसके चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। दौड़कर जाने पर देखा कि आवाज एक गड्ढे से आ रही है।”

Imran's Nani

“जब गड्ढे के पास गई तो देखा कि गड्ढे में एक बच्चा सीने तक मिट्टी में धंसा हुआ है,” उन्होंने कहा।

उस बच्चे ने बताया कि मिट्टी में दो और बच्चे ओबेद और इमरान दबे हुए हैं, लेकिन वे दिखाई नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा जब कुदाल से खोद कर मिट्टी हटाई गई, तो दोनों बच्चे बेहोश मिले।

Also Read Story

किशनगंजः “दहेज में फ्रिज और गाड़ी नहीं देने पर कर दी बेटी की हत्या”- परिजनों का आरोप 

सहरसा में गंगा-जमुनी तहजीब का अनोखा संगम, पोखर के एक किनारे पर ईदगाह तो दूसरे किनारे पर होती है छठ पूजा

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

किशनगंजः नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश, आरोपी की सामूहिक पिटाई

मंत्री के पैर पर गिर गया सरपंच – “मुजाहिद को टिकट दो, नहीं तो AIMIM किशनगंज लोकसभा जीत जायेगी’

अररियाः पुल व पक्की सड़क न होने से पेरवाखोरी के लोग नर्क जैसा जीवन जीने को मजबूर

आनंद मोहन जब जेल में रहे, शुरू से हम लोगों को खराब लगता था: सहरसा में नीतीश कुमार

Bihar Train Accident: स्पेशल ट्रेन से कटिहार पहुंचे बक्सर ट्रेन दुर्घटना के शिकार यात्री

सहरसा: भूख हड़ताल पर क्यों बैठा है एक मिस्त्री का परिवार?

मिट्टी खोदकर बच्चे को डॉक्टर तक पहुंचाने वालों में स्थानीय ग्रामीण अलीफुल भी थे। उनका कहना है कि बच्चों के ऊपर इतनी मिट्टी थी कि उन्हें निकालने के लिए 15 लोगों द्वारा लगभग 10 मिनट तक मिट्टी को खोदना पड़ा।

अलीफुल ने कहा कि अगर गांव के आसपास कोई अस्पताल होता तो बच्चे की मौत नहीं होती। इलाज के लिए यहां के लोगों को सालमारी जाना पड़ता है।

Ashraful Local Villager

तीन भाई बहनों में इमरान सबसे बड़ा था और मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा था। उनकी मां जारेबा मुस्तफी कहती हैं कि इमरान गांव के ही सरकारी स्कूल में तीसरी क्लास में पढ़ता था। “अब तो वह अपना नाम लिखना और परिवार वालों का भी नाम लिखना सीख गया था,” वे कहती हैं।

इमरान अक्सर अपनी मां से पूछता था कि हमारा घर मिट्टी का क्यों है? वह बड़ा होकर अपने पिता के साथ काम करना चाहता था ताकि मिट्टी के घर को तोड़ कर पक्का मकान बना सके।

लेकिन, सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार की लापरवाही की वजह से उसका ये सपना अब सपना ही रह गया।

इमरान के पिता अबराज़ प्रवासी मजदूर हैं। काम नहीं मिलने के कारण वह इन दिनों घर पर ही हैं। इकलौते बेटे के मौत ने उन्हें तोड़ कर रख दिया है।

इमरान की नानी नशिबन खातून के अनुसार, अब तक कोई भी सरकारी व्यक्ति या ठेकेदार देखने नहीं आया और ना ही प्रशासन द्वारा कोई खबर ली गई।

ठेकेदार को खरीदकर मिट्टी दे रहे ग्रामीण

फातिमा ने बताया कि ठेकेदार ने कहा था कि सड़क के दोनों किनारे से मिट्टी काटी जाएगी और सड़क के किनारे जिसका भी घर या दरवाजा है, अगर वो मिट्टी काटने नहीं देगा, तो घर वालों को कहीं बाहर से उतनी ही मिट्टी सड़क बनाने के लिए देनी होगी, तभी सड़क बनेगी।

मजबूर होकर कई खेत वालों ने फसल बचाने के लिए अपने पैसे से मिट्टी खरीद कर ठेकेदार को दिया।

Siraj's mother

गड्ढे में गिर कर जिंदा बचने वाले बच्चे में से सिराज की मां शाहिना खातून ने कहा कि उनके पति नूर आलम ने ठेकेदार को ₹2000 की मिट्टी खरीद कर दी है, लेकिन ठेकेदार ने कहा कि यह मिट्टी बालूवा टाइप की है, इसीलिए अच्छी क्वालिटी की मिट्टी फिर से लाकर देनी होगी।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

Related News

बिहार के स्कूल में जादू टोना, टोटका का आरोप

किशनगंज: ”कब सड़क बनाओगे, आदमी मर जाएगा तब?” – सड़क न होने से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर बिहार ने देश को सही दिशा दिखायी है: तेजस्वी यादव

अररिया: नहर पर नहीं बना पुल, गिरने से हो रही दुर्घटना

बंगाल के ई-रिक्शा पर प्रतिबंध, किशनगंज में जवाबी कार्रवाई?

कटिहारः जलजमाव से सालमारी बाजार का बुरा हाल, लोगों ने की नाला निर्माण की मांग

नकली कीटनाशक बनाने वाली मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?