बिहार के कटिहार जिले की एक 16 वर्षीय लड़की की कथित अपहरण, गैंगरेप और हत्या का मामला इन दिनों सीमांचल में तूल पकड़ने लगा है। जगह-जगह लोग पीड़िता को इन्साफ दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। 29 मई को ‘मैं मीडिया‘ की टीम मामले की हकीकत जानने आजमनगर थाना अंतर्गत पीड़िता के गाँव नया टोला पस्तिया गई। लड़की की पहचान छुपाने के लिए आगे खबर में हम एक काल्पनिक नाम ‘शहज़ादी’ का इस्तेमाल करेंगे।
शहज़ादी के परिवार का दावा है कि उनके कहने के बावजूद अपहरण और गैंगरेप की बात पुलिस ने FIR में दर्ज़ नहीं की है। वहीँ पुलिस कह रही है कि FIR फर्द बयान के आधार पर दर्ज़ हुई है, आगे की तफ्तीश में अगर और कुछ आता है तो उस दिशा में भी अनुसंधान किया जाएगा। दूसरी तरफ कुसुम लाल विश्वास और शहज़ादी के बीच फ़ोन पर बात होने के प्रमाण भी सामने आये हैं।
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क्या है पूरा मामला?
आजमनगर थाने में दर्ज़ FIR के अनुसार 25 मई, 2022 की रात 9 बजे शहज़ादी की माँ के फर्द बयान के आधार पर ही प्राथिमकी दर्ज़ की गई है। FIR में लिखा गया है, 24 मई के शाम को शहज़ादी अपने डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी कराने घर से निकली, आधे घंटे तक जब वह वापस घर नहीं लौटी, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू कर दी। माँ ने शहज़ादी की सहेली नीतू से जा कर पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। तलाशने पर जब बेटी नहीं मिली, तब परिवार ने इसकी सूचना थाने में दी। इसी बीच नीतू की माँ रेखा देवी भी शहज़ादी के बार में पूछने उसके घर आई। लेकिन, बाद में शहज़ादी की लाश उसकी उसी सहेली के घर से बरामद हुई। इस मामले में परिवार ने शहज़ादी की सहेली नीतू, उसकी माँ रेखा, स्थानीय मुखिया ललन विश्वास के भाई कुसुम लाल विश्वास सहित नौ लोगों को आरोपित बनाया है।
लेकिन, मैं मीडिया ने जब शहज़ादी की माँ से बात की, उन्होंने स्थानीय बघौरा पंचायत के मुखिया ललन विश्वास उर्फ़ लबानु के भाई कुसुम लाल विश्वास को मुख्य आरोपित बताते हुए उसपर अपरहण, गैंगरेप और हत्या के संगीन आरोप लगाये।
आजमनगर SHO मनुतोष कुमार कहते हैं, फर्द बयान लिया गया था। कई चीज़ें बयान में नहीं आती हैं, आगे अनुसंधान में जो आएगा, वो शामिल किया जाएगा।
मुख्य आरोपित ने पीड़िता को दिया था मोबाइल?
शहज़ादी की गुमशुदगी के बाद ही उसके पिता ने आज़मग़र थाने आवेदन देकर बताया था की बेटी को ‘कुसुम रास्ते से उठाकर अपहरण कर ले गया है’। आवेदन में आगे उन्होंने कुसुम और अपनी बेटी का फोन नंबर लिखते हुए कहा था – ‘मेरी बेटी के साथ फ़ोन पर बातचीत कर बहला फुसला कर भगा ले गया।’
हालांकि, इस बारे में पूछने पर शहज़ादी के पिता ने बताया उन्होने यह नहीं मालूम है।
लड़की के उक्त फ़ोन नंबर के बारे में जब हमने उसके भाई से पूछा तो उसने इस बात की पुष्टि की कि 4348 पर अंत वाला Jio का नंबर शहज़ादी ही इस्तेमाल करती थी। साथ उसने My Jio App से निकाल कर कुछ चौंकाने वाले तथ्य हमें भेजें। शहज़ादी जो नंबर इस्तेमाल कर रही थी, वो किसी सोहराब आलम के नाम से रजिस्टर्ड है, लेकिन registration में alternate number को तौर पर 6714 पर अंत होने वाला कुसुम लाल विश्वास का नंबर है। इतना ही नहीं, My Jio App से निकली गई जानकारी के अनुसार 26 अप्रैल 2022 से 23 मई 2022 के बीच, शहज़ादी के नंबर से कुसुम के नंबर पर 245 बार संपर्क किया गया। इस दौरान शहज़ादी के नंबर से कुसुम के नंबर पर 169 बार कॉल किए गए और 76 SMS किए गए। इन कॉल का अंतराल कुछ सेकंड से लेकर पौने दो घंटे तक है।
आजमनगर SHO मनुतोष कुमार से शहज़ादी के फ़ोन बारे में पूछने पर उन्होंने बताया इसमें अनुसंधान चलेगा, फ़ोन लड़की के माँ के पास ही है, उनसे लिया जाएगा।
मुखिया के परिवार से पुराने संबंध
शहज़ादी के पिता से जब हमने कुसुम लाल विश्वास के परिवार से अच्छे-बुरे संबंध के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि दोनों परिवार में बस इतना ही सम्बन्ध था कि कुसुम की बीवी हाल ही में वार्ड नंबर 7 से आंगनवाड़ी सेविका बनी थी और शहज़ादी की माँ पिछले 15 साल से वार्ड नंबर 6 में आंगनवाड़ी सेविका है, इसी बारे में कुसुम की पत्नी शहज़ादी की माँ से जानकारी लिया करती थी।
दोनों परिवारों के बीच किसी पुराने संबंध की जानकारी के लिए हमने बघौरा पंचायत के मुखिया ललन विश्वास को फ़ोन किया। उन्होंने बताया, वो सात महीने से चेन्नई में है, मामले को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। आगे उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कुसुम की पत्नी और शहज़ादी की माँ दोनों आंगनवाड़ी सेविका हैं। लेकिन दोनों के सम्बन्ध को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
आत्महत्या का दावा और कटिहार एसपी की कथित कॉल रिकॉर्डिंग
शहज़ादी के भाई का आरोप है कि पुलिस प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश में है, वो इसे हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या बता रहे हैं।
शहज़ादी के भाई ने कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार का कथित कॉल रिकॉर्डिंग भी हमें सुनाया।
‘मैं मीडिया’ इस रिकॉर्डिंग की पुष्टि नहीं करता। लेकिन, स्थानीय जन अधिकार पार्टी नेता तनवीर शम्शी का दावा है कि प्रदर्शन के बीच उन्होंने ही एसपी से बात की थी, जिसमें उन्होंने सीधे इसे आत्महत्या बताया था।
रिकॉर्डिंग के बार में पूछने के लिए हमने कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार को फ़ोन किया। एक बार उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया, दूसरी बार फ़ोन उठाने के बाद उन्होंने कॉल काट दिया। हमने इस सिलसिले में अपने सवाल कटिहार एसपी को WhatsApp पर भेज दिए हैं, जवाब आने पर website पर खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।
FIR के अनुसार, आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या, धारा 201 यानी साक्ष्य मिटाना, धारा 120(B) और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है और नौ आरोपितों में से अब तक 2 लोगों रेखा देवी और कुसुम लाल विश्वास को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
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