एक स्कूल के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा है। भीड़ में से कोई थाने के बड़ा बाबू पर बरस रहा है और बड़ा बाबू अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं। ये भीड़ जनता की नहीं बल्कि बिहार के डरे सहमे और प्रशासन से नाराज़ पंचायत समिति सदस्यों और प्रतिनिधियों की है।
दरअसल, 2 फरवरी की शाम कटिहार जिले (Katihar News) के कदवा (Kadwa) प्रखंड अंतर्गत चंदहर पंचायत समिति की सदस्य नासरी खातून के पति मो. अकील को अपराधियों ने घर से बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस अपराधी को नहीं पकड़ पाई है, इसी बात को लेकर कदवा प्रखंड के सभी पंचायत समिति सदस्यों और प्रतिनिधियों में प्रशासन को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है।
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मृतक मो. अकील की पत्नी व चंदहर पंचायत समिति की सदस्य नासरी खातून का कहना है कि उनके पति की हत्या चुनावी रंजिश और साजिश के तहत हुई है। नासरी कहती हैं, घटना के पांच दिनों के बाद भी पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं? वह पूछती हैं कि उसे न्याय कब मिलेगा? अगर उसे समय पर न्याय नहीं मिलता है, तो वह आंदोलन पर उतर आएगी।
मो. अकील के परिवार में उसकी दो पत्नियां, तीन बच्चे और एक बूढ़ी माँ है। बूढ़ी मां अनेशा खातून का कहना है कि बेटे को गांव वालों ने सरदार बनाया, लेकिन कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लगा, इसलिए उन्होंने मेरे बेटे को हमसे छीन लिया और बूढ़ी मां को रोने के लिए छोड़ दिया।
बलिया बेलौन थाने में 2 फरवरी को दर्ज़ FIR के अनुसार, नासरी खातून ने छह आरोपितों के नाम दिए हैं, लेकिन फिलहाल पुलिस एक की भी गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। बलिया बेलौन थाने के थानाध्यक्ष ने मैं मीडिया को फ़ोन पर बताया, अब तक एक भी नामजद आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। वहीं, कटिहार पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया मृतक मो. अकील का भी आपराधिक इतिहास रहा है।
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