2020 में केंद्र सरकार द्वारा 'नशा मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत की गई थी। इसके आंकड़ों के अनुसार 2020-21 और 2021-22 में बिहार के 2,895 मरीज़ों को इस अभियान का लाभार्थी बताया गया है।
पूर्णिया के मरंगा थाना क्षेत्र के लालगंज मिल्की निवासी मो. जाफर की पत्नी ने इसे जन्म दिया है। फिलहाल, बच्चे को जीएमसीएच के एसएनसीयू में भर्ती किया गया है।
नौहट्टा प्रखंड के चंद्रायण रेफरल अस्पताल का सारा काम खंडहरनुमा इमारत में हो रहा है। अस्पताल की हालात इतनी भयावय है कि शाम के समय लोग इलाज के लिए आने से कतराते हैं।
किशनगंज के लोगों के लिए कई बार मरीज़ को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल ले जाना ज़्यादा आसान होता है। लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस तक देने को तैयार नहीं है।
60 वर्षीय वृद्ध तारा देवी फेफड़ों के कैंसर से ग्रसित हैं। परिजन इलाज के लिए पटना ले गए, लेकिन खर्च करीब तीन लाख रुपए बताया गया।
2021 में काफी प्रयास के बाद सदर अस्पताल के एक कमरे को वेंटिलेटर के लिए व्यवस्थित किया गया था। सारे वेंटिलेटर को इंस्टॉल कर इसमें रखा गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर नल का जल' योजना कटिहार के कटिहार प्रखंड स्थित गरभेली पंचायत वार्ड संख्या 3 में असफल होती दिख रही है।
नीलम के अधीन अपने क्षेत्र में वैक्सीनेशन, गर्भवती माता और बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी है। डियूटी को लेकर वह अपने क्षेत्र में हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं।
बरचौन्दी पंचायत के आस पास के गाँवों के निवासी स्वास्थ केंद्र सक्रिय न होने से झोलाछाप डॉक्टरों से दवाइयां लेने के आदी हो गए हैं।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, बिहार में 150 से अधिक वनस्पतियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
जीएमसीएच में वाशिंग एरिया नहीं, खून लगे चादरों को सिर्फ पानी में डुबोकर किया जाता है साफ
बिहार में डेंगू के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया जा चुका है और पूरा विभाग एलर्ट मोड पर है।