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Climate Change

बाढ़ से सहरसा में सैकड़ों घर कटान की ज़द में, घर तोड़ दूसरी जगह ले जा रहे लोग

बाढ़ प्रभावित सहरसा में सरकारी नाव उपलब्ध नहीं, लोग चंदा इकट्ठा कर बना रहे नाव

सहरसा में कोसी नदी के कटाव से सैकड़ों घर नदी में समाये, प्रशासन बेख़बर

Climate Change की अन्य ख़बरें

कटिहार जिला के बरारी में घरों में घुसा बाढ़ का पानी

कटिहार जिला अंतर्गत बरारी प्रखंड क्षेत्र के मोहना चांदपुर पंचायत में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। हर साल इस पंचायत में बाढ़ का पानी आकर तबाही मचाता है। कारी कोसी और गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण मोहना चांदपुर पंचायत के आठ नंबर वार्ड से लेकर 17 नंबर वार्ड तक बाढ़ का पानी घुस गया है।

पूर्णिया: महानंदा में कटाव से आधा दर्जन घर नदी में समाए, दर्जनों मकान कटाव की ज़द में

पूर्णिया के बायसी प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत गांघर पंचायत के वार्ड नं-1 स्थित मालोपाडा़ तेलंगा गांव में महानंदा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे नदी कटाव ज़ोरों पर है। कटाव में अब तक लगभग आधा दर्जन घर विलीन हो गए हैं, जबकि दर्जनों घर कटाव की ज़द में हैं।

सुपौल: “हमें चूड़ा – पन्नी नहीं, पुनर्वास चाहिए”- बाढ़ पीड़ितों का धरना

बाढ़ के पानी से होकर 8 अगस्त को कोसी नवनिर्माण मंच के झंडा तले सुपौल जिला स्थित निर्मली प्रखंड की डगमारा पंचायत, सराय गढ़ प्रखंड की ढोली पंचायत, मरौना प्रखंड की घोघररिया पंचायत और किशनपुर प्रखंड की बौराहा पंचायत के कोसी तटबंध के भीतर के गांवों के लोगों ने बाढ़ को बाढ़ साबित करवाने के लिए डिग्री कॉलेज चौक पर एक दिवसीय धरना दिया। धरना सुबह 11 बजे से शाम के 4 बजे तक चला। बीच बीच में बारिश हुई, पर इसके बावजूद लोग डटे रहे और धरना चलता रहा।

सिक्किम में तीस्ता ने मचाई तबाही, देसी-विदेशी 1200 पर्यटक फंसे, राहत अभियान युद्ध स्तर पर

सिक्किम में यूं तो कई दिनों से ही गाहे-बगाहे मौसमी बारिश हो रही थी लेकिन बीते बुधवार की रात लगातार हुई बारिश काल साबित हुई। एक ही रात में 220 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। उसकी वजह से तीस्ता नदी खतरे के स्तर से भी ऊपर उफन गई। इसे इसी से समझा जा सकता है कि गहरी खाई में बहने वाली नदी कई जगहों पर राजमार्ग के बराबर आ गई। यहां तक कि कई सड़कों पर भी चढ़ गयी। पहाड़ों पर जगह-जगह भूस्खलन होने लगे।‌ कई घर नदी में समा गये।

बिहार: मई में बढ़ेगी लू लगने की घटना, अप्रैल में किशनगंज रहा सबसे कम गर्म

पूरे बिहार में अप्रैल महीने में सबसे कम तापमान किशनगंज में दर्ज हुआ। यहां का औसत तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रहा। 2 अप्रैल को तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो कि पूरे बिहार में अप्रैल महीने में सबसे कम था।

बारसोई में ईंट भट्ठा के प्रदूषण से ग्रामीण परेशान

स्थानीय ग्रामीण अजित शर्मा का कहना है कि यह किंग भट्टा मनमानी कर रहा है और लोगों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहा है। भट्टे के कारण हर समय हवा में धूल मिट्टी रहती है, जिससे यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ रहा है।

बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सरकार कितनी छूट देगी, जान लीजिए

इलेक्ट्रिक वाहनों में दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया, मोटर वाहन (मालवाहक) और बसें शामिल हैं। वाहनों की खरीद में अनुदान, टैक्स में छूट तो दी ही जाएगी, साथ साथ पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। 'बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023' अगले पांच साल तक जारी रहेगी और इस नीति तक मिलने वाला लाभ इसी अवधि तक मिलेगा।

बारिश ने बढ़ाई ठंड, खराब मौसम को लेकर अगले तीन दिनों के लिये अलर्ट जारी

मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क और सावधान रहने का आग्रह किया है। विभाग ने बारिश के समय किसी पक्के मकान की शरण लेने तथा ऊँचे पेड़ और बिजली के खंभों से दूर रहने की भी सलाह दी है। इसके अलावा विभाग ने किसानों को खेतों में न जाने और मौसम के सामान्य होने की प्रतीक्षा करने के लिये कहा है।

पूर्णिया : महानंदा नदी के कटाव से सहमे लोग, प्रशासन से कर रहे रोकथाम की मांग

महादलित बिनटोला में रह रहे कई परिवार लगातार हो रहे कटाव से चिंतित हैं। एक स्थानीय युवक ने बताया कि एक-डेढ़ महीने पहले अंचलाधिकारी ने कटावस्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि जल्द ही इसकी रोकथाम को लेकर काम शुरू किया जायेगा, लेकिन इतने दिन गुज़रने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।

बूढी काकी नदी में दिखा डालफिन

पिछले दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र सहित नेपाल में कनकई नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद बूढ़ी कनकई नदी में पानी बढ़ा तो धनतोला पंचायत के बिहारटोला बूढ़ी कनकई नदी में डॉल्फिन अठखेलियां करता देखा गया।

‘हमारी किस्मत हराएल कोसी धार में, हम त मारे छी मुक्का आपन कपार में’

कोसी बराज से 4 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण व्यथा का यह गीत लोगों की जुबां पर फिर से आ गया है। बराज से पानी छोड़े जाने से कोसी दियारा क्षेत्र में बाढ़ की प्रबल आशंका बन गई है। कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

कटिहार के कदवा में महानंदा नदी में समाया कई परिवारों का आशियाना

कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में महानंदा नदी हर साल की तरह इस साल भी धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से प्रखंड की कई पंचायतों में भय का माहौल है। कुछ क्षेत्रों में कटाव तेजी से हो रहा है।

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