गोबरधन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2024 तक कुल 1340 प्लांट रजिस्टर किये जा चुके हैं।
पिछले दिनों बिहार सरकार ने कोसी, मसान, बागमती और गंडक नदियों पर पांच बराज बनाने की घोषणा की।
IEEE द्वारा 2024 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 1967 से 2020 के बीच देश में वज्रपात से 1,01,309 लोगों की मौत हुई है।
किशनगंज और अररिया बॉर्डर पर केसर्रा के पास नेशनल हाईवे 327ई पर कनकई नदी का जलस्तर बढ़ने की स्थिति का जायजा लेने जोकीहाट विधायक पहुंचे।
किशनगंज के डीएम विशाल राज ने एसडीएम लतीफूर रहमान अंसारी और अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार को पथरघट्टी पंचायत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
महानंदा, कनकई, बूढ़ी कनकई, डोंक, मेची सहित अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जिले के दिघलबैंक, बहादुरगंज और ठाकुरगंज प्रखंड बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं।
जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 28 सितंबर 2024 की रात 12:00 बजे वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से 6.00 लाख क्यूसेक और 28 सितंबर 2024 की दोपहर 12:00 बजे वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6.81 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित होने की संभावना है
कटिहार के कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र की मधुरा पंचायत में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।
पूर्णिया के तटीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं और इस कारण नदी कटाव तेजी से बढ़ रहा है।
कटिहार जिले के कुरसेला, मनिहारी, अमदाबाद और बरारी प्रखंड की कई पंचायतों में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि ने तबाही मचा दी है।
सहरसा जिले के नौहट्टा प्रखंड स्थित केदली पंचायत के रामपुर गांव में बाढ़ की वजह से कई लोगों के घर डूब गये। रामुपर गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है।
जबकि बाढ़ का समय आ चुका है तो लोग अपनी सुरक्षा की तैयारी में खुद जुट गए हैं और खुद से नाव तैयार कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है, इसलिये लोग आपस में चंदा इकट्ठा कर नाव तैयार कर रहे हैं। स्थानीय सुभाष यादव बताते हैं कि बाढ़ आने पर हर तरह का काम नाव से ही किया जाता है।