अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड के मधुरा उत्तर के सिंह टोला निवासी श्रीनारायण सिंह पिछले कई दशकों से चित्रकारी कर रहे हैं। श्री नारायण सिंह स्वतंत्रता सेनानी सह चित्रकार विश्वनाथ सिंह के पुत्र हैं।
बहादुरगंज का नेहरू कॉलेज 5 जून, 1965 को अस्तित्व में आया। यह कॉलेज किशनगंज ज़िले के मात्र दो सरकारी कॉलेजों में से एक है। मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज शहर में है, वहीं नेहरू कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में है।
ग़रीब तबके से ताल्लुक रखने वाले ये परिवार राशन कार्ड न होने से परेशान हैं। गांव वासियों का कहना है कि करीब 2 साल पहले आवेदन पत्र देने के बाद अब तक उन्हें राशन कार्ड नहीं दिया गया है।
किशनगंज से होकर गुजरनेवाली नेशनल हाईवे 27 पर लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने और सड़क हादसा रोकने के लिए लगभग तीन किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। यह फ्लाईओवर पिछले चार महीनों से बनकर तैयार है, लेकिन अब तक इसे इस्तेमाल के लिए नहीं खोला गया है।
कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस बात को एक बार फिर सही साबित किया है सहरसा के सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बैजनाथपुर गांव के दिनेश कुमार यादव और उनके भतीजे शशि यादव ने।
जेपी आंदोलन में अब्दुल रहमान के साथ रहे वचन देव मोदी अपने मित्र रहमान के घर उनका हाल चाल पूछने आए हुए हैं। वह बताते हैं कि रहमान एक मिलनसार इंसान होने के साथ-साथ बेहतरीन कलाकार भी हैं।
नेपाल में भूस्खलन के चलते मलबे में दबने से किशनगंज के चार मज़दूरों की मौत हो गई। नेपाल के इलाम जिले के फिकर पहाड़ पर पत्थर खिसकने से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
पश्चिम बंगाल और असम में चाय बागान के श्रमिकों को फिलहाल 232 रुपए दिहाड़ी की दर से मज़दूरी दी जाती है। त्रिपुरा और बिहार के किशनगंज को छोड़ दें तो यह देश में बाकी राज्यों के मुक़ाबले काफी कम है।
नियोजित शिक्षकों के बीपीएससी परीक्षा विरोध के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षक पंद्रह से बीस सालों तक बच्चों को पढ़ाते आ रहे है। उन विषयों में से सवाल पूछा जाएगा तो आपलोगों को तकलीफ क्या है, आप की नौकरी नहीं जायेगी।
जागो बिहार के इस ख़ास शो में आज आपको एक ऐसी योजना के बारे में बताएँगे और योजना से जुड़ने का तरीका सिखायेंगे जिसके मध्यम से आप या आपके परिजन लगभग 13 तरह की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
सहरसा नगर निगम क्षेत्र के सुबेदारी टोला में स्थित मुक्तिधाम विद्युत शव दाह गृह का निर्माण 15 साल पहले उस समय के विधायक रहे संजीव झा ने कराया था। इसमें तीन बड़े-बड़े कमरे, 6 बर्निंग शेड, ट्यूबवेल, सोलर पैनल व लाइट जैसी सभी सुविधाओं के लिए लाखों रुपये खर्च किये गये।
देश में लोगों को पीने का साफ़ पानी उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने साल 2019 में 'हर घर नल से जल’ योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में साल 2024 तक साफ पानी उपलब्ध कराना है।