किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत फाला, मिर्ज़ापुर और डुबानोचि पंचायत की लाइफ़लाइन कही जाने वाली मुख्य सड़क सरकारी उदासीनता का शिकार है। सड़क न होने से तीनों पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीण हर रोज़ बड़ी दिक्कतों का सामना करते हैं।
सरकारी विद्यालय, उप स्वास्थ्य केंद्र, हाट बाज़ार जैसी जगहों पर जाने के लिए भी ग्रामीणों को कई बार सोचना पड़ता है। बरसात में कीचड़ भर जाने से परेशानियां और अधिक बढ़ जाती हैं।
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फाला पंचायत स्थित धर्मबीटा गांव के पदम कुमार सिंह ने बताया कि यह रास्ता पंचायत भवन से डुबानोचि, आम बाड़ी तक जाता है। सड़क न होने से कई गांवों के लोग स्वास्थ, शिक्षा, और बाकी मुलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते ।
पदम् कुमार ने आगे कहा कि चुनाव के समय इस उम्मीद से वोट देते हैं कि इस बार सड़क बन जाएगी लेकिन चुनाव के बाद कोई नेता पलट कर नहीं देखता। वहीं एक और ग्रामीण शम्भू लाल सिंह ने कहा कि इस बदहाली का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है जिससे इलाके में शिक्षा का स्तर अच्छा नहीं है।
लालगिरि सिंह दो बार फाला पंचायत के उप मुखिया रह चुके हैं। वह कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों को बार बार कहने के बावजूद सड़क का निर्माण नहीं हुआ। कई बार ग्रामीणों ने पंचायत भवन में धरना दिया लेकिन इलाके की बदहाली है जो जाने का नाम नहीं लेती।
उन्होंने आगे कहा कि बारिश के दिनों में किसानों को अनाज ले जाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। आए दिन सड़क दुर्घटना भी होती रहती है। किसी मरीज़ या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो तो कोई गाड़ी गांव तक नहीं आती।
पोठिया प्रखंड क्षेत्र संख्या 14 के जिला परिषद सदस्य निरंजन राय बताते हैं कि उन्होंने सड़क निर्माण के लिए कई बार सर्वे कराया और केंद्रीय मंत्री सहित सांसद और विद्यायक से मिलकर उन्हें सड़क निर्माण के लिए आवेदन दिया लेकिन अब तक किसी तरह की पहल नहीं की गई है।
इस मामले में हमने किशनगंज विधायक इजहारुल हुसैन से फ़ोन पर बात की। उन्होंने बताया कि निर्माण के लिए कुल 37 सड़कों को मंज़ूरी मिली है जिनमें 27 सड़कें टेंडर प्रक्रिया में हैं। उन 27 सड़कों में फाला वाली सड़क भी शामिल है। जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
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