कीटनाशक दवा कंपनी के निर्देशक ने बताया कि उनकी कंपनी के नाम से नकली कीटनाशक को तैयार कर इसकी मार्केटिंग सोशल मीडिया के माध्यम से बांग्लादेश और नेपाल के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में करता था।
अस्पताल की बिल्डिंग इतनी खस्ता है कि बारिश के समय छत से पानी टपकता है जिस से अस्पताल का काम ठप पड़ जाता है। अस्पताल के गार्ड ने कहा कि बारिश में काफी पानी टपकता है।
किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड स्थित आदर्श प्लस टू कारकुन लाल उच्च विद्यालय अलता हाट के बच्चों को भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नौंवीं कक्षा की छात्रा निकिता कुमारी कहती है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी की वजह से खेलकूद विषय के शिक्षक संस्कृत और हिंदी विषय पढ़ाते हैं।
बाढ़ पीड़ित परिवारों ने बताया कि 2019 में जलप्रलय से मटियारी और उसके आस पास के परिवारों की जमीन नदी में समा गई, जिससे दर्जनों परिवार खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं।
किशनगंज शहर के धर्मगंज, हॉस्पिटल रोड, रुईधासा, धोबी पट्टी और कजलामनी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। गृहिणी निरमा देवी ने बताया कि उनके घर में काफी पानी आ चुका है जिस कारण घर का सामान भीग चुका है और खाने पीने की कुछ व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि चकला में इस प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के शुरू होने से किशनगंज नगर परिषद के 34 वार्डों के साथ साथ किशनगंज प्रखंड की विभिन्न पंचायत के कचरों की रीसाइकलिंग में मदद मिलेगी। जिले के बहादुरगंज और ठाकुरगंज प्रखंड में भी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन यूनिट लगाने की तैयारी शरू कर दी गई है।
मज़दूर इरफ़ान अली ने 5 कढ़ाई गिट्टी, 3 कढ़ाई बालू में आधा बोरा सीमेंट का उपयोग करने की बात कही। इरफ़ान की बात की सत्यता की जांच करने के लिए हमने मसाला बनाने की पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद किया तो पाया कि आधा बोरा सीमेंट में 5 कढ़ाई गिट्टी और 3 कड़ाई बालू की जगह 4 कढ़ाई गिट्टी और 4 कढ़ाई बालू डालकर सामग्री तैयार की जा रही है।
अररिया के पत्रकार विमल सिंह यादव और दरोगा नंद किशोर यादव की हत्या के विरोध में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने किशनगंज के गांधी चौक में एक शोकसभा का आयोजन किया और बिहार सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
आजादी के बाद भी टेढ़ागाछ के दर्जनों गांवों तक जाने- आने वाली मुख्य सड़क कच्ची है। आज भी यहां के लोग जर्जर व ध्वस्त सड़क पर आवाजाही करने पर विवश हैं।
आसपास के बच्चे भी इसी सड़क से होते हुए बारसोई के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। करीब 7 सालों से जर्जर पड़ी इस सड़क के लिए स्थानीय ग्रामीण ठेकेदार को ज़िम्मेदार मानते हैं। उनके अनुसार ठेकेदार ने सड़क बनाते समय खराब मैटेरियल का इस्तेमाल किया, परिणाम स्वरूप एक साल के भीतर ही सड़क ख़राब हो गई।
ग्रामीणों ने बताया कि वे यहाँ आरसीसी पुल निर्माण की मांग काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की पीड़ा से किसी को सरोकार नहीं है। ज्ञात हो कि रेतुआ नदी में पानी बढ़ने से यहां लोगों को काफी दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां आरसीसी पुल की जरूरत है।
राजद नेता मंच पर चढ़ गये और माइक लेकर रेलवे प्रशासन की जमकर क्लास लगाई। बाद में रेलवे प्रशासन और पुलिस के द्वारा दोनों राजनीतिक दलों के नेताओ को समझाने के बाद हंगामा रुका, लेकिन गुस्साए राजद नेता मुहम्मद मुस्ताक कार्यक्रम छोड़कर बाहर निकल गए।
किशनगंज के दो प्रमुख स्टेशन किशनगंज और ठाकुरगंज भी इसमें शामिल हैं। किशनगंज स्टेशन पर भाजपा एमएलसी डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने दो योजनाओं का उद्घाटन किया।
कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के जिला अध्यक्ष मासूम रज़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान बचाने वाला है और अंततः जीत सच्चाई की हुई। उनके अनुसार, यह फैसला 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की सफलता का संकेत है।
कुरेला गांव निवासी, जमीन मालिक और शिकायतकर्ता दिवास कुमार दास ने कहा कि उनके दादा के नाम पर 1 एकड़ 94 डिसमिल ज़मीन की बंदोबस्ती की गई थी। उनके दादा की मृत्यु के बाद ज़मीन को परिवार के नाम पर बंदोबस्ती करवाने के लिए वह दस सालों से दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं।