‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देश के 1309 रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। इस योजना के अंतर्गत किशनगंज रेलवे स्टेशन पर भी पिछले कुछ दिनों से प्लेटफाॅर्म निर्माण का काम जारी है, जिसमें खराब सामग्री उपयोग करने के आरोप लग रहे हैं।
प्लेटफार्म निर्माण कार्य में इंजीनियर और ठीकेदार पर लो क्वालिटी बालू इस्तेमाल करने का आरोप है। गिट्टी के आकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। हमने प्लेटफार्म पर काम करवा रहे इंजीनियर सौरभ कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि मसाला बनाने में एस्टिमेट के अनुसार 3 कढ़ाई गिट्टी, डेढ़ कढ़ाई बालू में एक कढ़ाई सीमेंट की मात्रा मिलाई जा रही है। वहीं ढलाई कर रहे मज़दूर ने कुछ और ही बताया।
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मज़दूर इरफ़ान अली ने 5 कढ़ाई गिट्टी, 3 कढ़ाई बालू में आधा बोरा सीमेंट का उपयोग करने की बात कही। इरफ़ान की बात की सत्यता की जांच करने के लिए हमने मसाला बनाने की पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद किया तो पाया कि आधा बोरा सीमेंट में 5 कढ़ाई गिट्टी और 3 कड़ाई बालू की जगह 4 कढ़ाई गिट्टी और 4 कढ़ाई बालू डालकर सामग्री तैयार की जा रही है।
इस मामले में जब हमने रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता कार्यालय में कार्यरत इंजीनियर जे पी सिन्हा से सवाल किया, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया और कहा कि हमें बोलने का अधिकार नहीं है, ऊपर से ही आदेश नहीं है।
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