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Impact: किशनगंज सिविल सर्जन कार्यालय के पूर्व प्रधान लिपिक निलंबित

वायरल वीडियो में कोचाधामन के पूर्व प्रधान लिपिक ने बीते वर्ष ठाकुरगंज के एक एक्सरे टेक्नीशियन से दुकान खोलने की अनुमति के लिए 50 हज़ार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे। इस घटना के बाद उमेश चौधरी को किशनगंज सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक पद से हटाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन में तबादला कर दिया गया था।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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किशनगंज सिविल सर्जन कार्यालय के लिपिक उमेश चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है। बीते साल नवंबर में सीएस कार्यालय के तत्कालीन लिपिक व वर्तमान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन के लिपिक उमेश चौधरी का एक विडियो क्लिप वायरल हुआ था जिसमें वह 50 हजार रुपये मांगते नजर आए थे।

वायरल वीडियो में कोचाधामन के पूर्व प्रधान लिपिक ने बीते वर्ष ठाकुरगंज के एक एक्सरे टेक्नीशियन से दुकान खोलने की अनुमति के लिए 50 हज़ार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे। इस घटना के बाद उमेश चौधरी को किशनगंज सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक पद से हटाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन में तबादला कर दिया गया था।

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वायरल वीडियो को संज्ञान मे लेकर डीएम श्रीकांत शास्त्री ने तीन सदस्यीय टीम को जांच का आदेश दिया था। जिला दंडाधिकारी व समाहर्ता किशनगंज के पत्रांक 2901/सी, जिला पदाधिकारी के पत्रांक 3020/सी व सरकार के संयुक्त सचिव स्वास्थ्य विभाग पटना के ज्ञांपक 82(9) में उमेश चौधरी पर बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण नियमावली 2005 के तहत आरोप लगे थे। जांच में आरोप को सही पाया गया है।


जांच दल द्वारा जांच की रिपोर्ट किशनगंज पदाधिकारी को सौंपने के बाद डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी। प्रथम दृष्ट्या दोषी होने के कारण उमेश कुमार चौधरी को असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी किशनगंज ने 22 अगस्त को निलंबित कर दिया।

क्या था वायरल वीडियो का पूरा मामला

मामला नवंबर 2022 का है, जब जिले में संचालित अवैध नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलाजी लैब और एक्सरे केंद्रों की जांच की जा रही थी। जांच के दौरान ठाकुरगंज प्रखंड के पौआखाली स्थित मरग़ूब डिजिटल एक्सरे के लाइसेंस के मौजूद न होने पर उसे सील कर दिया गया था।

इसी एक्सरे सेंटर को खोलने और लाइसेंस देने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय के तत्कालीन लिपिक उमेश चौधरी ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। वायरल वीडियो में एक्सरे संचालक एक्सरे सेंटर खोलने की अनुमति के लिए प्रधान लिपिक को 40 हजार रुपये देते हुए दिख रहे थे और प्रधान लिपिक पूरे 50 हजार रुपये एक साथ देने की मांग कर रहे थे।

वीडियो में आगे प्रधान लिपिक एक्सरे दुकानदार से कहते हैं कि आपका काम हो गया है, सिर्फ दुकान खोलने की अनुमति के लिए हस्ताक्षर चाहिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उस समय स्वास्थ्य विभाग चर्चाओं में आ गया था।

खबर का असर

‘मैं मीडिया’ ने उमेश चौधरी के रिश्वत लेने के वायरल वीडियो की खबर प्रमुखता से चलाई थी। इसके अलावा इस साल मार्च में ‘मैं मीडिया’ ने किशनगंज के सदर अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय में पूर्व प्रधान लिपिक उमेश चौधरी द्वारा रात में कार्यालय बंद कर काम करने की खबर भी चलाई थी। तब किशनगंज जिला पदाधिकारी के आदेश पर एएसडीएम साकेत सुमन और टाउन थाना अध्यक्ष सुमन कुमार ने देर रात प्रधान लिपिक कार्यालय को सील कर दिया था।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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