बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के क्वालीफाइंग भाषा पेपर से संबंधित बड़ा अपडेट जारी किया है। आयोग ने अधिसूचना जारी कर बताया है कि जिस पेपर में उर्दू-बांग्ला विषय के प्रश्न नहीं पूछे गये थे, उन परीक्षा के क्वालीफाइंग पेपर के उत्तीर्णांक को शून्य किया जा रहा है, यानी कि इन परीक्षाओं के क्वालीफाइंग पेपर में सभी अभ्यर्थी सफल घोषित किये जायेंगे।
हालांकि, आयोग ने बताया है कि वर्ग 1-5 में क्वालीफाइंग पेपर में उत्तीर्ण होने की शर्त बरकरार रहेगी, क्योंकि वर्ग 1-5 की परीक्षा में उर्दू व बांग्ला विषयों के प्रश्न पूछे गये थे। वर्ग 1-5 के भाग-1 यानी कि भाषा (अहर्ता) के प्राप्तांक को मेधा सूची तैयार करने में प्रयोग किया जायेगा।
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उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण की परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने वैकल्पिक भाषा के रूप में उर्दू या बांग्ला विषय का चयन किया था, उनको मजबूरी में हिंदी विषय की परीक्षा देनी पड़ी थी। क्योंकि, पेपर में उर्दू और बांग्ला विषय के प्रश्न पूछे ही नहीं गये थे।
इसको लेकर ‘मैं मीडिया’ ने शिक्षक अभ्यर्थियों से बात कर “BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा के क्वालीफाइंग पेपर में उर्दू व बांग्ला प्रश्न गायब, अभ्यर्थी चिंतित” शीर्षक से एक विस्तृत खबर प्रकाशित की थी।
मैं मीडिया के खबर के प्रकाशन के बाद आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट के माध्यम से बताया था कि आयोग अहर्ता से संबंधित भाषा के प्रश्न-पत्रों में गैर-हिंदी उम्मीदवारों के सामने आने वाली कठिनाइयों से अवगत हैं और ऐसे अभ्यर्थियों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
बताते चलें कि भाषा से संबंधित यह एक क्वालीफाइंग पेपर था, जो अभ्यर्थी पेपर के इस भाग में उत्तीर्ण होते, उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे भागों के उत्तरों का मूल्यांकन किया जाता।
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