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‘मैं मीडिया’ की खबर के बाद BPSC सचिव से मिले राजद MLC – “उर्दू-बंग्ला अभ्यर्थियों के लिये क्वालीफ़ाईंग पेपर बाधा नहीं होगा”

सोशल मीडिया साइट एक्स पर पत्र को शेयर करते हुए सुहैब ने एक पोस्ट में बताया कि BPSC शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों का अर्हता पेपर उर्दू-बंगला निर्धारित था, उनके लिये अब शिक्षक बनने में क्वालीफ़ाईंग पेपर बाधा नहीं होगा।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
language qualifying paper will not be a hindrance for urdu bangla candidates said rjd mlc after meeting bpsc secretary

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के क्वलीफाइंग पेपर में उर्दू-बंग्ला प्रश्न न पूछे जाने को लेकर राजद एमएलसी क़ारी सुहैब ने आयोग के सचिव रवि भूषण और आयोग के सदस्य इम्तियाज़ अहमद करीमी से मुलाक़ात की।


इस संबंध में क़ारी सुहैब ने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद को एक पत्र भी लिखा है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पत्र को शेयर करते हुए सुहैब ने एक पोस्ट में बताया कि BPSC शिक्षक पात्रता परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों का अर्हता पेपर उर्दू-बंगला निर्धारित था, उनके लिये अब शिक्षक बनने में क्वालीफ़ाईंग पेपर बाधा नहीं होगा।

पत्र में उन्होंने उर्दू-बांग्ला विषय के सभी अभ्यार्थियों को उर्दू बांग्ला विषय में पास करने या पुनः परीक्षा लेकर परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने की अपील की। इस संबंध में उन्होंने आयोग को अविलम्ब आदेश निर्गत करने के लिये कहा ताकि उर्दू-बांग्ला विषय के सभी अभ्यार्थियों को न्याय मिल सके।


पत्र में लिखा गया, “बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जो पाठ्यक्रम दिया गया था, अभ्यर्थी उसी पाठ्यक्रम के आधार पर अपनी चयनित भाषा (उर्दू या बांग्ला) की तैयारी कर परीक्षा देने गये थे। लेकिन उर्दू-बांग्ला भाषी अभ्यार्थियों के साथ जान बूझकर इस तरह का व्यवहार किया गया, जिससे इन सभी अभ्यार्थियों का भविष्य अंधकार में चला गया है।”

परीक्षा में नहीं पूछे गये उर्दू-बांग्ला के प्रश्न

आयोग की तरफ से आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने वैकल्पिक भाषा के रूप में उर्दू या बांग्ला विषय का चयन किया था, उनको मजबूरी में हिंदी विषय की परीक्षा देनी पड़ी। क्योंकि, पेपर में उर्दू और बांग्ला विषय के प्रश्न पूछे ही नहीं गये।

उल्लेखनीय है कि भाषा से संबंधित यह एक क्वालिफाइंग पेपर है। जो अभ्यर्थी पेपर के इस भाग में उत्तीर्ण होंगे, उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे भागों के उत्तरों का मूल्यांकन किया जायेगा। जो अभ्यर्थी भाषा से संबंधित इस क्वालिफाइंग पेपर में सफल नहीं होंगे, वे असफल घोषित कर दिये जायेंगे।

शिक्षक भर्ती परीक्षा के क्वालीफाइंग पेपर में उर्दू-बांग्ला प्रश्नों के ग़ायब रहने को लेकर ‘मैं मीडिया’ ने शिक्षक अभ्यर्थियों से बात कर “BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा के क्वालीफाइंग पेपर में उर्दू व बांग्ला प्रश्न गायब, अभ्यर्थी चिंतित” शीर्षक से एक विस्तृत खबर प्रकाशित की थी।

ख़बर के प्रकाशन के बाद, बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया था कि वह उर्दू और बांग्ला भाषा के शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानी से अवगत हैं और ऐसे अभ्यर्थियों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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इसको लेकर ‘मैं मीडिया’ ने विधान परिषद सदस्य और राष्ट्रीय जनता दल के नेता क़ारी सुहैब से भी बात की थी। उन्होंने मैं मीडिया को बताया था कि वह अपने स्तर से पता लगाने की कोशिश करेंगे, तभी अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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