16 वर्षीया एक छात्रा से दुष्कर्म की कोशिश की गई और इसमें सफल नहीं होने पर ईंट से उसका चेहरा कुचल कर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में आरोपी 22 वर्षीय मोहम्मद अब्बास को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद व उसकी दुर्गा वाहिनी ने 24 अगस्त को 12 घंटे के लिए सिलीगुड़ी बंद किया। इस बंद का सिलीगुड़ी शहर व आसपास में व्यापक असर पड़ा। इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़ दें तो शहर की लगभग सभी दुकानें व बाजार बंद रहे। हालांकि, सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहनों की आवाजाही रही लेकिन बाजार सुनसान ही रहे। स्कूल, काॅलेज व अन्य शिक्षण संस्थान भी पूरी तरह बंद रहे।
यह मामला सांप्रदायिक रंग न ले ले और कोई सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न न हो, इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के लोग जगह-जगह सड़क पर उतरे। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव व दार्जिलिंग जिला (समतल) तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष पापिया घोष व अन्य नेता व कार्यकर्ता सिलीगुड़ी शहर के सर्वप्रमुख हिलकार्ट रोड पर रैली में सम्मिलित हुए व दुकानदारों से अपनी-अपनी दुकानें खुली रखने की अपील की।
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दूसरी ओर, शाम के समय शहर के पंजाबी पड़ा इलाके में विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल आदि संगठनों की ओर से भी रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कोई अप्रिय परिस्थिति उत्पन्न न हो जाए, इसे लेकर काफी संख्या में पुलिस तैनात रही।
आरोपित युवक पुलिस रिमांड में
उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी शहर से सटे एक ग्राम पंचायत में 21 अगस्त की शाम स्थानीय रवींद्र नगर-मोटाजोत स्थित परित्यक्त और जंगल-झाड़ से भरे एक भू-खंड मशसे स्कूल ड्रेस में लहूलुहान एक छात्रा का शव बरामद हुआ था। इसकी सूचना पाकर माटीगाड़ा थाने की पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) भिजवाया।
पुलिस मामले की जांच में जुटी और वारदात के कुछ ही घंटों के अंदर, देर रात इलाके की ही लेनिन काॅलोनी से एक युवक को उसके घर से गिरफ्तार किया। उसकी पहचान 22 वर्षीय मोहम्मद अब्बास के रूप में हुई है। घटनास्थल से पुलिस को मिले एक डिजिटल राशन कार्ड की पड़ताल करने पर प्राप्त तथ्यों, इलाके के कुछ लोगों से मिली जानकारी व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपित युवक को गिरफ्तार किया।

अगले दिन मंगलवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस ने आरोपित युवक को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया। उस दौरान, मृत छात्रा के परिवार वाले, इलाकाई लोग, नारी शक्ति संगठन और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता पहले से ही सिलीगुड़ी कोर्ट परिसर में भीड़ जमाए हुए थे। जब आरोपित युवक को जज के सामने पेशी के लिए ले जाया जाने लगा, तब भीड़ में से कई लोगों ने उस पर धावा बोला।
पुलिस ने बड़ी मुश्किल से सबसे बचते-बचाते उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने जब उसे 10 दिनों की पुलिस रिमांड पर वापस पुलिस के ही हवाले कर दिया, तब फिर तमाम भीड़ से बचते-बचाते पुलिस बड़ी मुश्किल से युवक को अदालत से वापस थाना ले गई। इस दौरान काफी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ), सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की महिला स्क्वाड ‘विनर्स टीम’ व पुलिस बल की तैनाती रही। उस समय स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी।
इस घटना ने जगह-जगह तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न कर दिया। आम लोगों के मन में भी काफी आक्रोश भर गया। मृत छात्रा के इलाके के आक्रोशित लोगों ने व आरोपित युवक के इलाके के भी आक्रोशित लोगों ने मिल कर आरोपित युवक के झोंपड़ीनुमा घर को तोड़-फोड़ कर बराबर कर दिया। उसके माता-पिता अब सड़क पर आ गए हैं।
“आरोपित युवक नशेड़ी है”
जानकारी के अनुसार, बीते मंगलवार की दोपहर आरोपित युवक साइकिल से छात्रा के स्कूल के पास पहुंचा था। छुट्टी के बाद वह छात्रा को अपनी साइकिल पर बिठा कर निकट के ही एक शॉपिंग मॉल ले गया। उसके बाद उसे लेकर मोटाजोत इलाके में परित्यक्त भू-खंड में पहुंचा। वहां उसने छात्रा संग यौन दुराचार का प्रयास किया। मगर, छात्रा चीखने-पुकार करने लगी। तब, युवक ने ईंट से उसके सिर पर वार पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जब वह आश्वस्त हो गया कि छात्रा मर चुकी है तब वह चुपचाप अपने घर जाकर सो गया, जहां से कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इलाके के लोगों की मानें, तो वह युवक बहुत बड़ा नशेड़ी है। वह तरह-तरह के मादक पदार्थों का सेवन करता है। वह मजदूरी करता है और शादीशुदा है। उसकी तीन महीने की एक संतान भी है। मगर, घर परिवार में कलह रहने के चलते उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली।

इधर, कुछ समय से वह उस छात्रा के संपर्क में था, जिसे उसने मौत के घाट उतार दिया।
पीड़ित परिवार के साथ मुस्लिम समाज
इस घटना के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद, दुर्गा वाहिनी, नारी शक्ति संगठन व अन्य संगठनों की ओर से बीते बुधवार की शाम सिलीगुड़ी शहर में विशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।

वह जुलूस शहर के अंदर प्रमुख सड़कों पर जाना चाह रहा था लेकिन पुलिस ने उसे शहर में प्रवेश नहीं करने दिया। इसे लेकर प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हो गई। तब, पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा। उसके बाद इन संगठनों ने गुरुवार को 12 घंटे सिलीगुड़ी बंद का आह्वान किया जो कि प्रभावी रहा।
इधर, दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने भी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बस को चिट्ठी लिख कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
इससे पूर्व बुधवार की शाम सिलीगुड़ी शहर के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी बिना किसी बैनर के शहर के सर्वप्रमुख हिलकार्ट रोड पर विशाल कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने इस मामले के दोषी पर कोई दया नहीं बरतने और उसे फांसी दिए जाने की मांग की।

मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि वे पीड़ित परिवार के साथ हैं। सिलीगुड़ी व आसपास में कुछ सांप्रदायिक संगठन जहां इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने में लगे हैं, वहीं, तृणमूल कांग्रेस और सिलीगुड़ी के अन्य कई सामाजिक संगठनों ने अपराध को अपराध की दृष्टि से ही देखने और इसे सांप्रदायिकता का रंग नहीं देने की अपील को लेकर मुहिम शुरू कर दी है।
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