किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड स्थित चिल्हनियां पंचायत के ग्रामीण बरसों से एक अदद पुल की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन जब सरकार और प्रशासन ने ग्रामीणों की पीड़ा नहीं सुनी तो आमबाड़ी के लोगों ने खुद ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के कटिंग पर चचरी पुल निर्माण करने का निर्णय ले लिया।
शनिवार को ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर अपने हाथ से चचरी पुल बनाया। इस पुल से होकर अब लोग आने जाने लगे हैं। आमबाड़ी गांव के सुबोध कुमार कहते हैं कि उनलोगों ने प्रशासन से बहुत बार मांग की, लेकिन न ही प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधि उनकी मांगों पर ध्यान दे रहे हैं।
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गांव के ही मनोज कुमार कहते हैं कि पहली बारिश के बाद से ही लोगों को हर साल इस जगह पर चचरी पुल का इंतजाम करना होता है। वह कहते हैं कि हर साल जनप्रतिनिधि और प्रशासन से पुल की मांग की जाती है लेकिन कोई सुनता ही नहीं है।
चिल्हनियां पंचायत के वार्ड नंबर 10 के वार्ड सदस्य सुशील कुमार बताते हैं कि चचरी पुल नहीं रहने से रहमतपुर, धाधर, बेणुगढ़ कुचहा होकर टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है, जिससे 5 किलोमीटर अतिरिक्त चलना पड़ता है। अब इस रास्ते से आवागमन चालू हो जाने से लोगों को राहत मिली है। इससे पूर्व सुहिया नया हाट के निकट प्रथानमंत्री सड़क के कटिंग पर भी ग्रामीणों ने ही चंदा देकर अपने हाथ से चचरी पुल का निर्माण किया है।
स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता के कारण अब ग्रामीणों को प्रधानमंत्री सड़क के कटिंग पर भी खुद के चंदे व श्रमदान से चचरी पुल बनाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे यहाँ आरसीसी पुल निर्माण की मांग काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की पीड़ा से किसी को सरोकार नहीं है। ज्ञात हो कि रेतुआ नदी में पानी बढ़ने से यहां लोगों को काफी दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां आरसीसी पुल की जरूरत है।
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