बिहार के किशनगंज जिला स्थित टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत मटियारी इलाके के बाढ़ पीड़ित दर्जनों भूमिहीन परिवारों ने सरकारी भूमि उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ये लोग पिछले चार वर्षों से किशनगंज जिला प्रशासन से भूमि उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं।
बाढ़ पीड़ित परिवारों ने बताया कि 2019 में जलप्रलय से मटियारी और उसके आस पास के परिवारों की जमीन नदी में समा गई, जिससे दर्जनों परिवार खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं।
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बाढ़ पीड़ित हसनैन आलम कहते हैं कि 4 साल से घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर वे लोग सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बाढ़ से प्रभावित ये लोग छोटे-छोटे बच्चों के साथ पिछले चार वर्षों से सड़क किनारे किसी तरह टेंट लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं। 2019 की बाढ़ में लोगों के आशियाने के साथ-साथ खेती योग्य भूमि भी नदी के आगोश में समा गयी थी, जिससे लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। अब ये लोग मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
इन्हीं में से एक नारायण दास का भी परिवार है। नारायण दास कहते हैं कि चुनाव के वक्त हर नेता पुनर्वास का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही गायब हो जाते हैं।
स्थानीय नेता फैय्याज आलम ने जिला प्रशासन से इन बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्या को जल्द से जल्द दूर करने की मांग की है। वह कहते हैं कि अगर भूमिहीन परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं करवायी गयी तो वे लोग प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।
बाढ़ पीड़ितों की शिकायत मिलने के बाद जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि भूमिहीनों का सर्वे हो रहा है। जल्द ही सभी भूमिहीन बाढ़ प्रभावितों को जमीन उपलब्ध करवायी जायेगी।
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