बिहार के किशनगंज ज़िलांतर्गत पोठिया प्रखंड की परलाबाड़ी पंचायत स्थित डूमरमनी और छगलिया को स्कूल से जोड़ने वाली सड़क कच्ची गड्ढों से भरी है।
बिहार के कटिहार ज़िले में शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ केंद्रों को लेकर कई अनियमितताएं सामने आई हैं। एक आरटीआई के माध्यम से बलरामपुर प्रखंड में संचालित इन केंद्रों की जानकारी मांगी गई थी।
किशनगंज प्रखंड की मोतिहारा तालुका पंचायत में छगलिया और रामजीबाड़ी गांवों के बीच स्थित यह टूटा पुल हजारों लोगों के लिए लंबे समय से मुसीबत बना हुआ है।
बिहार के पूर्णिया ज़िले के बायसी प्रखंड में शादीपुर भुतहा पंचायत की शर्मा टोली में सड़क की मांग को नेशनल मीडिया ने हिंदू-मुस्लिम विवाद का रूप दे दिया। 'मैं मीडिया' के ज़मीनी पड़ताल से पता चला कि यह मामला धार्मिक टकराव का नहीं, बल्कि प्रशासन और ज़मीन मालिकों से जुड़ा था।
कटिहार जिले में ज़ैतून निशां जैसी बुज़ुर्ग विधवा महिलाओं को सरकारी दस्तावेजों में मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी गई है, जबकि वे जिंदा हैं और बीते लोकसभा चुनाव में वोट तक डाल चुकी हैं।
बिहार में दहेज प्रथा आज भी महिलाओं के लिए एक भयावह सच्चाई बनी हुई है। गरीब पिता चांदनी की शादी के लिए कर्ज लेकर दहेज देता है, फिर बेटी की लाश रेलवे ट्रैक पर मिलती है। किरण कुमारी ने ग्रेजुएशन और नौकरी की तैयारी की, लेकिन दहेज के लिए उसे मार दिया गया। प्रेम विवाह करने वाली पिंकी बेगम को भी ससुरालवालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया।
बिहार के किशनगंज जिलान्तर्गत पोठिया प्रखंड की जहांगीरपुर पंचायत स्थित बेलपोखर और सारादीघी समेत कई गाँवों के लोग एक अदद सड़क के लिए वर्षों से आस लगाए बैठे हैं।
आहर-पाइन पर व्यापक अध्ययन करने वाले निर्मल सेनगुप्त लिखते हैं, “बाहर से आहर-पइन व्यवस्था भले ही बदरूप दिखती हो, लेकिन ये कठिन प्राकृतिक स्थितियों में पानी के सर्वोत्तम उपयोग की अनूठी देसी प्रणाली है।”
रेणु द्वार से निकलने वाले इस मार्ग पर फणीश्वरनाथ रेणु अभियंत्रण महाविद्यालय भी स्थित है। छात्र-छात्राएं इसी जर्जर सड़क से होकर पढ़ने आते हैं।
पूर्णिया से इस्लामपुर सेक्शन के निर्माण कार्य में 726.40 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि इस मार्ग पर मौजूद दो टोल प्लाज़ा बरसोनी और सुरजापुर में कुल 954.45 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।
कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड अंतर्गत मुकुरिया पंचायत के जितवारपुर गांव में रहने वाली शेहरून खातून का कोई बच्चा नहीं है और उनके पति कमीरूद्दीन की मृत्यु पांच वर्ष पहले हो चुकी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा 23 जनवरी को सहरसा पहुंचेगी। जिस गांव में सीएम नीतीश कुमार को आना है वहां की हालत काफी दयनीय है।