18वीं शताब्दी में तत्कालीन भागलपुर जिला और वर्तमान सुपौल जिला के परसरमा गांव में बाबा जी का जन्म पंडित बच्चा झा के पुत्र के रूप में हुआ था।
21 फरवरी 2023 को 'मैं मीडिया' के द्वारा सुपौल ज़िले के वीणा सड़क पर इंजीनियरिग कॉलेज के समीप सबसे ज्यादा कचड़ा फेंके जाने पर स्टोरी की गई थी।
कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों के हक के लिए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के सभागार में 23 और 24 फरवरी को कोसी नवनिर्माण मंच की पहल पर कोसी कन्वेंशन का…
सुपाैल नगर परिषद को आदर्श नगर परिषद् का दर्जा प्राप्त है। 2020 के सर्वेक्षण में सुपौल को 15वां स्थान प्राप्त हुआ था। वहीं 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2021' में स्वच्छ और कचरा मुक्त होने के…
सुपौल जिले के वार्ड नंबर 12 की 42 वर्षीय कावो देवी के पति 4 साल पहले गुजर चुके हैं। कावो देवी के तीन बेटे और 2 बेटी हैं। उन्हें राशन कार्ड और विधवा…
आजादी से पहले पिपरा में खाजा बनाने की शुरुआत की गई थी। स्वर्गीय गौनी शाह ने यहां खाजा के कारोबार की शुरुआत की थी।
जनवरी महीने में सुपौल के छातापुर प्रखंड की लक्ष्मीनिया पंचायत स्थित गेंडा नदी पर बने लोहे के पुल की चोरी की घटना सामने आई है।
गेहूं और धान की तुलना में मक्का, किसानों को ज्यादा फायदा देता है। इसके बावजूद कोसी क्षेत्र के किसान मक्के की खेती से दूर हो रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ भारत मिशन का बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे सुपौल के इस कुटीर उद्योग में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है।
श्याम सुंदर दास बिहार के सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 3 के रहने वाले हैं। वह 24 अक्टूबर को 18 साल के बाद पाकिस्तान की जेल से…
कोसी क्षेत्र के प्रसिद्ध डॉक्टर पीके मल्लिक ने सुपौल के गणपतगंज की भूमि पर वैष्णव धर्म की शुरुआत करते हुए विष्णु धाम यानी वरदराज पेरुमल देवस्थान बनाने की शुरुआत की।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सुपौल जिले में पीपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत स्थित सखुआ गांव में राजा पोखर पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया गया।
सुपौल: 24 अगस्त 2019 की शाम बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख स्थित सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग पर वाटर प्लांट के सामने नरसिंह झा को बाइक सवार बदमाशों ने लूट के दौरान गोली मारकर हत्या…
“पहले मैं 4 बीघा खेत में धान और गेहूं की खेती करता था। इनमें लगभग 2 बीघा खेत की जमीन गहरी थी। जब बारिश ज्यादा होती थी, तो फसल बर्बाद हो जाती थी।…
देश की राजधानी दिल्ली से 1200 और बिहार की राजधानी पटना से 250 किलोमीटर दूर बिहार के सुपौल जिले की लौउढ पंचायत के भैलाई टोले में 200 घर हैं। इनमें सिर्फ दो लोग…