1970 में मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने जो नीतियां अपनाई, वे आने वाले दशकों में बिहार की राजनीति की धुरी बनी रहीं और इन्हीं नीतियों ने राज्य की राजनीति में पिछड़े वर्गों के वर्चस्व को दशकों तक बनाये रखा, जो आज भी जारी है।
हालीमुद्दीन अहमद ने अररिया हाई सेकेंडरी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर पटना कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। पटना कॉलेज में उनके उस्तादों में मशहूर शायर और कथाकार सोहेल अज़ीमाबादी और उर्दू साहित्यकार अख्तर ओरेनवी जैसे बड़े नाम शामिल रहे।
चंपानगर ड्योढ़ी में बनैली एस्टेट के रजवाड़ों के महल का इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना है। उस समय चंपानगर बनैली एस्टेट की राजधानी हुआ करता था। यहां के राजमहल की शान-ओ- शौकत आज भी बरकरार है और बनैली एस्टेट के संस्थापक राजा दुलार सिंह की पांचवीं पुश्त के वंशज आज भी राजमहल में रहते हैं। राजमहल में दाखिल होने वाला मुख्य द्वार 'सिंह दरवाज़ा' कहलाता है।
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ। मशहूर लेखक मणि शंकर मुख़र्जी ने एक लेख में लिखा था कि सुब्रत रॉय के माता पिता बिक्रमपुर (अब बांग्लादेश में) के भाग्यकुल ज़मींदार घराने से थे और बंटवारे से पहले बिहार आ गए थे।
रसूलपुर एस्टेट की पुरानी जामा मस्जिद के लोहे के दरवाज़े पर स्थापना की तिथि 1650 लिखी हुई है। सैय्यद इम्तियाज़ हुसैन ने बताया कि एस्टेट के पुराने कागज़ात में यह तारीख लिखी मिली थी, साथ ही मस्जिद के मुख्य दरवाज़े पर यह तारीख लिखी थी लेकिन धीरे धीरे तारीख धुँधली होती गई।
भोला पासवान शास्त्री तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन वह कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 1968 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन केवल 100 दिनों के लिए। फिर 1969 में 13 दिनों के लिए उन्होंने सीएम की कुर्सी संभाली और उसके दो साल बाद यानी 1971 में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुना गया, लेकिन इस बार भी वह लंबे समय के लिए मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहे। 222 दिन यानी करीब 7 महीनों के बाद उनका तीसरा और आखिरी मुख्यमंत्री कार्यकाल खत्म हो गया।
गुलाम देश में अंग्रेजों ने 1889 ईसवी में एचई स्कूल की स्थापना की थी। एचई का अर्थ है हायर इंग्लिश स्कूल। इस नाम को बहुत कम ही लोग जानते हैं कि क्यों ऐसा नाम अंग्रेजों ने रखा था। लेकिन, 134 वर्ष के बाद भी लोग इसे एचई स्कूल ही कहते हैं। जबकि अभी बोर्ड पर लिखा है अररिया उच्च विद्यालय।
अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड स्थित नवाबगंज पंचायत के एक छोटे से गांव भोड़हर के रहने वाले रामलाल मंडल अररिया के चंद सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। सन् 1883 में जन्मे रामलाल मंडल करीब 104 वर्षों तक जीवित रहे।
किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड स्थित पनासी एस्टेट का इतिहास करीब 2 सदी पुराना है। पनासी के ज़मींदार सैकड़ों एकड़ में फैले एस्टेट की जागीरदारी संभालते थे।
18वीं शताब्दी में तत्कालीन भागलपुर जिला और वर्तमान सुपौल जिला के परसरमा गांव में बाबा जी का जन्म पंडित बच्चा झा के पुत्र के रूप में हुआ था।
12 दिसंबर 1911 को ब्रिटेन के राजा जॉर्ज वी ने दिल्ली दरबार में बिहार-ओड़िसा को 'लेफ्टिनेंट-गवर्नर इन कॉउंसिल' के तहत नए राज्य का दर्जा देने का एलान कर दिया।
जुलाई 2018 में ऑस्कर विजेता अभिनेत्री ओलिविया कोलमन भारत आईं थीं और किशनगंज का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने बीबीसी के एक डाक्यूमेंट्री 'हु डु यू थिंक यू आर' के लिए शूटिंग की थी।