चचरी और बांस के पायो से बनाए गए इस पुल के ऊपर लोहे की चादर बिछाई गई है, जिससे रोजाना हजारों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं।
कटिहार जिले के कदवा विधानसभा अंतर्गत प्रखंड मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर भेलागंज हाट से सटे दो खंडहरनुमा भवन मौजूद हैं।
पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड स्थित हरिपुर पंचायत का फ़रसा डांगी गांव विकासशील भारत से विकसित भारत के सफर में कहीं पीछे छूट गया है। इस गांव में पक्की सड़क नहीं है।
सुपाैल नगर परिषद को आदर्श नगर परिषद् का दर्जा प्राप्त है। 2020 के सर्वेक्षण में सुपौल को 15वां स्थान प्राप्त हुआ था। वहीं 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2021' में स्वच्छ और कचरा मुक्त होने के लिए राष्ट्रपति द्वारा देश के 342 साफ शहरों को सम्मानित किया गया, जिसमें सुपौल भी शामिल था।
अररिया का ग्रामीण कार्य विभाग इन दिनों सड़क के शिलान्यास के कई साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं किए जाने को लेकर चर्चा में है।
गांव को बाहर के गांव व शहरों से जोड़ने वाली जहांगीरपुर से बंगाल बॉर्डर तक साढ़े 3 किलोमीटर की एक सड़क है, जिसकी हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि गाड़ियों का आना जाना मुमकिन नहीं।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पुलबाज़ार प्रखण्ड अंतर्गत जोरबंगलो मार्ग्रेट्स होप चायबागान में काम करने वाले श्रमिक रोज़ाना जोखिम भरे रास्ते से काम पर जाते हैं।
स्थानीय ग्रामीण महेश कुमार बताते हैं कि यहां सिर्फ नाम के नल लग गए हैं, पानी अभी तक नहीं आया है।
माना जाता है कि विद्यालय महाभारत काल की ऐतिहासिक जमीन पर बना हुआ है, जहां पांच पांडवों ने अपना 1 वर्ष का अज्ञातवास बिताया था।
तारकिशोर प्रसाद ने मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर पूर्णिया- कटिहार- नारायणपुर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 131 ए बाईपास के मार्ग में आने वाली विभागीय सड़कों पर आरओबी निर्माण के संबंध में ज्ञापन दिया है।
सुधानी नदी के पोमरा मोटबाड़ी घाट पर एक उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास कटिहार के सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी और बलरामपुर विधायक महबूब आलम ने संयुक्त रूप से किया।
शिवहर और अरवल बिहार के ऐसे ही दो ज़िलें हैं, जहाँ अब तक रेल की पहुँच नहीं हो पाई है।