बिहार क्रिकेट असोसिएशन ने विजय हज़ारे ट्रॉफी 2022-23 के पहले दो मैचों के लिए बिहार टीम का एलान कर दिया है। 15 सदस्यों की इस टीम के अलावा बिहार क्रिकेट असोसिएशन ने 31 ‘स्टैंड बाई” खिलाड़ियों की एक और लिस्ट जारी की है जो विजय हज़ारे ट्रॉफी के अगले तीनों मैचों में चुने जाने के योग्य होंगे।
31 खिलाडियों की इस लिस्ट में किशनगंज के साकिब क़मर का भी नाम शामिल किया गया है। इस खबर से साकिब क़मर के घर में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी।
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किशनगंज डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (KDCA) के उपाध्यक्ष तारिक इक़बाल ने ‘मैं मीडिया’ से बातचीत में कहा,”साकिब बहुत मेहनती और होनहार खिलाड़ी है। उसने कुछ दिनों पहले हेमंत ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसके बाद उसे बिहार टीम के कैम्प में शामिल किया गया। आज उसका चयन विजय हज़ारे के स्टैंड बाई के रूप में हुआ है और न केवल यह बल्कि आने वाले रणजी सीजन में भी वह बिहार कैंप का हिस्सा रहेगा।”
तारिक़ इक़बाल कहते हैं कि साकिब का चयन होना किशनगंज के लिए फ़ख्र की बात है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही साकिब BCCI के किसी टूर्नामेंट में टीवी पर खेलते हुए दिखेंगे।
“पिछले साल विजय हज़ारे ट्रॉफी में बिहार टीम का मैनेजर बनाया गया था और इस साल हमारे जिला का लड़का बिहार टीम में खेलने के इतने पास आ खड़ा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि साकिब यहाँ से काफी आगे जायेगा” तारिक ने कहा।
अंडर -16 में दो खिलाड़ियों का चयन
KDCA के उपाध्यक्ष तारिक ने ‘मैं मीडिया’ से कहा कि बिहार अंडर 16 कैंप में भी किशनगंज के दो खिलाड़ियों का चयन किया गया है। अयान अहमद और एजाज़ आलम बिहार अंडर 16 कैंप में हिस्सा लेकर कुछ दिनों पहले लौटे हैं। इसके अलावा बिहार अंडर-25 कैंप में किशनगंज के चार क्रिकेटर, सतीश कुमार, ललित कुमार, मुशीर रियाज़ एवं विशाल कुमार हिस्सा ले रहे हैं।
32 वर्षीय साकिब क़मर दाएं हाथ के माध्यम तेज़ गेंदबाज़ हैं। उन्होंने 2007-08 से KDCA क्रिकेट टूर्नामेंट में SYCC टीम से खेलना शुरू किया, बाद में वह उस टीम के कप्तान बने। साकिब क़मर की कप्तानी में SYCC की टीम ने पिछली बार KDCA टूर्नामेंट का खिताब जीता था।
किशनगज में क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाला कोई बच्चा बिहार की टीम में कैसे खेल सकता है ? इस सवाल के जवाब में तारिक इक़बाल ने ‘मैं मीडिया’ से बताया कि क्रिकेट की तैयारी बचपन में ही शुरू कर देनी चाहिए। उसके बाद KDCA से रजिस्ट्रेशन होने के बाद खिलाड़ी KDCA लीग में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो उसका चयन जिला की टीम में होता है। जिले की टीम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा संचालित होने वाले हेमंत ट्रॉफी में खेलती है।
वहां अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन बिहार की टीम में किया जाता है। तारिक ने आगे कहा कि शहर में टारगेट अकादमी नाम से एक क्रिकेट कोचिंग सेंटर है, जहां बच्चे क्रिकेट सीख सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि किशनगंज में शॉर्ट बाउंड्री का बहुत चलन है, जो उनके अनुसार क्रिकेट सीखने वालों के लिए बेहद हानिकारक है। “जो बच्चे क्रिकेट को अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं, उन बच्चों से मेरी अपील है कि वो शार्ट बाउंड्री न खेलें क्यूंकि ये क्रिकेट के लिए ज़हर है। जितने भी जनप्रतिनिधि हैं, जो शार्ट बाउंड्री क्रिकेट में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं उनसे मेरी विनती है की वह लॉन्ग बाउंड्री और खास तौर पर डयूज क्रिकेट को बढ़ावा दें। शार्ट बाउंड्री से बच्चों का खेल ख़राब होता है। शार्ट बाउंड्री में आप छक्का मारते हैं, तो आउट हो जाते हैं तो फिर लॉन्ग बाउंड्री में शॉट्स कैसे खेलेंगे? अगर क्रिकेट खेलना है तो क्रिकेट की गेंद से खेलिये, इसी में भविष्य है,” तारिक़ इक़बाल ने कहा।
तारिक़ इक़बाल आगे कहते हैं, “शिक्षा, स्वास्थ और खेल ज़िन्दगी में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इनमे से एक भी छोड़ दें, तो दिक्कत आएगी। स्पोर्ट कोटा से राज्य में बहुत से खिलाड़ियों को जॉब मिली हैं। कोई नेवी, कोई एयरफोर्स, तो कोई रेलवे में कार्यरत है। खेलने के हज़ार फायदे हैं। खेलने के लिए समय निकालना बेहद ज़रूरी है। पढ़िए, खेलिए और अच्छी सेहत बनाइये।’
क्रिकेट एसोसिएशन चुनाव में धांधली के आरोप पर सफाई
कुछ महीने पहले किशनगंज डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के पदों के लिए चुनाव हुआ था, जिसे कुछ लोगों ने गैर लोकतांत्रिक बताया था, इस पर तारिक ने कहा, “कुछ लोग सिर्फ सोशल मीडिया पर क्रिकेट खेलना जानते हैं और क्रिकेट पर गन्दी राजनीति करते हैं। अगर हमारा चुनाव लोकतांत्रिक नहीं होता तो बिहार क्रिकेट एसोसिएशन हमारे भेजे हुए खिलाड़ियों को कैसे चयन कर लेता? 38 ज़िलों में 11 खिलाड़ियों की टीम बननी है, सोचिए कितना मुश्किल है किसी खिलाड़ी का चयन होना।”
“KDCA के अध्यक्ष संजय कुमार जैन, सेक्रेटरी परवेज़ आलम और बाकी एसोसिएशन के लोग बहुत मेहनत करते हैं। पहले किशनगंज क्रिकेट का कोई नामो निशान नहीं था आज हमारे खिलाड़ी बिहार टीम तक पहुँच रहे हैं। मैं तो कहता हूँ साकिब का चयन होना उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो हमारे संगठन को गैर लोकतांत्रिक बता रहे थे ।” तारिक ने कहा।
सुविधाओं का अभाव
तारिक आगे कहते हैं, “हमारे पास सुविधाओं की बहुत कमी है, हमारे पास एक अपना स्टेडियम भी नहीं हैं। हम रुईधासा ग्राउंड पर KDCA का टूर्नामेंट कराते हैं। वो मैदान डिफेंस विभाग का है कभी-कभी बीएसएफ़ वाले आकर रोकते भी हैं पर हमारे समझाने पर वो खेलने की इजाज़त दे देते हैं।”
“रुईधासा ग्राउंड पर लगातार मोटर साइकिल, साइकिल और दूसरे वाहनों की आवाजाही रहती है। इसके अलावा उस मैदान में इंजरी होने का बहुत खतरा रहता है। इस वजह से भी बहुत से माँ-बाप बच्चों को खेलने नहीं भेजते। मैं मीडिया के माध्यम से मैं जनप्रतिनिधि एमपी, एमएलए और जिला के उच्च अधिकारियों से गुज़ारिश करता हूँ कि हमें किसी तरह एक ग्राउंड मिले, जहां हमारे बच्चे क्रिकेट खेल सकें,” तारिक ने कहा।
तारिक कहते हैं के रूईधासा मैदान में मैच करवाने में काफी दिक्कत आती है। उनकी मानें, तो अक्सर नशेड़ियों द्वारा पिच खोदने की घटना सामने आई है।
बताते चलें कि किशनगंज का रुईधासा मैदान पहले एयरफोर्स के लैंडिंग पैड का काम किया करता था, अब वहां चुनावी रैलियां आयोजित कराई जाती हैं।
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