बिहार सरकार ने पटना के मोईनुल हक़ स्टेडियम के पुनर्निर्माण की ज़िम्मेदारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सौंप दी है। बीसीसीआई नए सिरे से मोईनुल हक़ स्टेडियम का पुनर्निर्माण करेगी। सरकार ने बीसीसीआई को कुछ समय के लिये यह स्टेडियम लीज़ पर दिया है। इसको बिहार कैबिनेट की मंज़ूरी भी मिल चुकी है।
पटना के राजेंद्र नगर में स्थित मोईनुलहक स्टेडियम के पुनर्निर्माण होने के बाद कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैचों के आयोजन होने की संभावना है। इससे राज्य के क्रिकेट खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलेगा। साथ ही, राज्य में खेल के विकास को भी बल मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
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शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। बैठक में विभिन्न विभागों की 108 योजनाओं पर मुहर लगी।
बिहार खेल छात्रवृत्ति योजना को मिली मंजूरी
बिहार के विभिन्न आयु वर्ग के एथलीटों के लिए दीर्घकालिक (लॉंग टर्म) एथलीट विकास कार्यक्रम के सफल क्रियान्वन के लिए “बिहार खेल छात्रवृति योजना-2024” को स्वीकृति मिल गई है। योजना के तहत बिहार में एक मजबूत खेल परिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिये बुनियादी स्तर से विशिष्ट स्तर तक के विभिन्न आयु वर्गों के एथलीटों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू किया जाना है।
इसमें प्रत्येक खिलाड़ी को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो ‘दीर्घकालिक (लॉंग टर्म) एथलीट विकास’ के 24 खेल विधाओं में तीन स्तरों पर दी जायेगी।
बुनियादी स्तर (Grassroots) में चयनित 500 खिलाड़ियों को प्रति वर्ष अधिकतम तीन लाख रुपये प्रति खिलाड़ी, विकासात्मक स्तर (Developmental) में 200 खिलाड़ियों को प्रति वर्ष अधिकतम पाँच लाख रुपये प्रति खिलाड़ी और विशिष्ट स्तर (Elite) में 25 खिलाड़ियों को प्रति वर्ष अधिकतम बीस लाख रुपये प्रति खिलाड़ी को वित्तीय सहायता दी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि योजना के तहत दीर्घकालिक (लॉंग टर्म) एथलीट विकास के प्रत्येक स्तर पर खिलाड़ियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी शामिल हैं।
सभी प्रमंडल में होगा खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
बिहार के सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिये मंजूरी दे दी गई है। सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में जनसख्या व स्थानीय स्तर पर प्रचलित खेल विद्या को ध्यान में रखते हुए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जायेगा।
यदि प्रमंडल में पूर्व से बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, तो उन्हें विकसित करने करने या नये सिरे से आवश्यकतानुसार भूमि का अधिग्रहण कर इन संरचनाओं को विकसित किया जायेगा। इसमें सभी प्रचलित खेल विद्या के लिये मैदान के अतिरिक्त खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, दल प्रबंधकों और तकनीकी पदाधिकारियों के लिए रहने के अलावा अन्य सुविधाये होंगी। इन इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से पूरे राज्य में खेल का माहौल विकसित होगा।
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