किशनगंज पूर्वी बिहार में स्थित एक छोटा सा जिला है। देश के बाकी हिस्सों से उत्तर पूर्वी राज्यों को जोड़ने वाला मार्ग किशनगंज से ही गुज़रता है। ऐसे में यहां अक्सर सैलानी या व्यापारिक मुसाफिरों का आना जाना रहता है। किशनगंज बिहार का एकलौता जिला है जहां चाय की खेती की जाती है, इस लिहाज़ से भी उत्तरपूर्वी राज्यों से किशनगंज की संयोजकता काफी अहम मानी जाती है।
1884 किलोमीटर वर्ग में फैले किशनगंज जिले में 7 प्रखंड और 126 पंचायत हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक, 800 से अधिक गांव वाले इस जिले की आबादी 16,90,400 है। इनमें पुरुषों की आबादी 8,66,970 और महिलाओं की आबादी 8,23,430 है।
Also Read Story
किशनगंज में रहने वाले 57.04% लोग साक्षर हैं। परुषों में 63.66% लोग पढ़े लिखे बताए गए हैं, वहीँ महिलाओं में साक्षरता केवल 46.76% है। लिंग अनुपात की बात की जाए तो किशनगंज में हर 1000 परुष में 950 महिलाएं हैं। 2001 में यह आंकड़ा 936 था।
गौरतलब है कि 2011 के बाद भारत में जनगणना न होने के कारण वर्तमान में ये आंकड़े काफी अलग होंगे।
किशनगंज में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं जिनमें किशनगंज, बहादुरगंज, ठाकुरगंज और कोचाधामन शामिल हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16,595,41 थी जिसमें 11,01,603 ने वोट किया था। किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। किशनगंज, बहादुरगंज, ठाकुरगंज और कोचाधामन के अलावा पूर्णिया जिले के अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्र भी किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में आते हैं।
किशनगंज में स्वास्थ सुविधा के तौर पर कई छोटे बड़े अस्पताल हैं जिनमें अधिकतर निजी अस्पताल हैं। किशनगंज का सदर अस्पताल गाँधी चौक के निकट हॉस्पिटल रोड में स्थित है। एमजीएम कॉलेज व लायंस सेवा केंद्र अस्पताल शहर के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है।
शिक्षण संस्थान
किशनगंज में कई शिक्षा संस्थान हैं। जिले में पांच सौ से अधिक सरकारी और कई प्राइवेट स्कूल हैं। जिले में कोई सरकारी विश्वविद्यालय नहीं है, हालांकि किशनगंज में मातागुजरी यूनिवर्सिटी नामक 1 निजी विश्वविद्यालय ज़रूर है। मातागुजरी यूनिवर्सिटी में मेडिकल, पारामेडिकल, नर्सिंग और फार्मेसी की पढ़ाई कराई जाती है। इसी यूनिवर्सिटी से संबद्ध माता गुजरी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाती है।
किशनगंज के कुछ मुख्य कॉलेजों के नाम इस प्रकार हैं-
माता गुजरी मेडिकल कॉलेज
1990 में बना माता गुजरी मेडिकल कॉलेज जिले का एकमात्र मेडिकल शिक्षण संस्थान है। यहां एमबीबीएस, एमडी और एमएस की पढ़ाई कराई जाती है। एमजीएम नाम से मशहूर यह कॉलेज किशनगंज के पूरब पल्ली में स्थित है।
डॉ अबुल कलाम आज़ाद कृषि कॉलेज
पूर्णिया के बाद यह सीमांचल का दूसरा कृषि कॉलेज है। यहां कृषि विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई कराई जाती है। यह कॉलेज किशनगंज मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर अर्राबाड़ी में स्थित है। यह कॉलेज 2015 में शुरू किया गया था।
मारवाड़ी कॉलेज
1954 में इस कॉलेज की स्थापना की गई थी। यहां 20 स्नातक और डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं। मारवाड़ी काॅलेज, किशनगंज के सबसे प्रसिद्ध कॉलेजों में से एक है। यह पश्चिमपाली चौक से करीब 900 मीटर की दूरी पर स्थित है।
आरके साहा महिला कॉलेज
1982 में इस कॉलेज की नींव रखी गई थी। इस कॉलेज में 24 स्नातक कोर्स कराए जाते हैं। यह कॉलेज कोचाधामन के डांगीबस्ती रोड में स्थित है।
नेहरू कॉलेज
1965 में नेहरू कॉलेज की शुरुआत की गई थी। यहाँ स्नातक के 7 कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। यह कॉलेज बहादुरगंज प्रखंड के एलआरपी चौक के निकट स्थित है।
अज़मत इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
2010 में इस कॉलेज की शुरुआत की गई थी। यहाँ 3 प्रकार के बीटेक कोर्स कराए जाते हैं। यह कॉलेज कोचाधामन के ज़फर नगर में स्थित है।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
किशनगंज यूं तो मुस्लिम बहुल जिला है लेकिन यहाँ हर धर्म के लोग रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, किशनगंज जिले में 67.98 % आबादी मुसलामानों की है, वहीँ 31.43% आबादी के साथ हिन्दू सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हैं। जिले में ईसाई 0.34%, जैन 0.09 %, सिख 0.02 % और बौद्ध 00.01% हैं।
किशनगंज नगरीय क्षेत्र में ये आंकड़े अलग नज़र आते हैं। शहरी इलाके में 55.48% हिन्दू और 42.62% मुस्लिम आबादी पाई जाती है।
किशनगंज में सभी धर्मों के धार्मिक स्थल मौजूद हैं और त्यौहार के दिनों में शहर खूब जगमगाता है। हिन्दू, इस्लाम, ईसाई, जैन और सिख धर्म के लोगों के लिए किशनगंज में कई महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं। इनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की सूची इस प्रकार है।
बूढ़ी काली मंदिर
1902 में स्थापित हुए इस काली मंदिर में लोग दूर दूर से आकर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। किशनगंज शहर के लाइन पारा में स्थित इस मंदिर में मूर्ति दान करने की भी प्रथा है जिसके लिए बुकिंग होती है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि अगले 20 साल तक इस मंदिर में मूर्ति चढाने की बुकिंग फुल है। प्रसिद्ध बूढ़ी मंदिर को हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल के तौर पर भी देखा जाता है। दरअसल इसको बनाने के लिए खगड़ा नवाब ने जमीन दान की थी।
क़दम रसूल दरगाह
कदम रसूल दरगाह किशनगंज के हलीम चौक से कुछ सौ मीटर की दूरी पर है। इस दरगाह में लोग दूर दूर से आकर चादर चढ़ाते हैं और मुरादें मांगते हैं। हर साल यहाँ एक उरूसी मेला भी लगता है जिसमें हज़ारों की संख्या में अकीदतमंद शामिल होते हैं।
गुरुद्वारा साहिब
शहर के महावीर मार्ग में स्थित यह गुरुद्वारा जिले का सबसे बड़ा गुरुद्वारा साहिब है। यहाँ रोज़ाना गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ किया जाता है, जिसमें श्रद्धालु शिरकत करते हैं। गुरुपर्व के समय इस गुरुद्वारे में भारी भीड़ उमड़ती है और यहाँ अरदास पढ़े आते हैं।
कैथोलिक चर्च
रुईधासा का यह कैथोलिक चर्च जिले का सबसे बड़ा गिरजाघर है। क्रिसमस के अवसर पर इस चर्च में दूर दूर से लोग आते हैं जिसमें ईसाइयों के अलावा दूसरे धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं।
बड़ीजान सूर्य मूर्ति
कोचाधामन प्रखंड की बड़ीजान पंचायत में एक पीपल के पेड़ के नीचे सूर्यदेव की एक प्रतिमा है। कहा जाता है कि यह प्रतिमा आठवीं सदी की है जिसका आधा भाग गांव वालों ने खुदाई के दौरान पाया था और आधा भाग सैलाब के पानी में मिला था। ऐसी मान्यता है कि सदियों पहले आसपास एक सूर्य मंदिर हुआ करता था, जिसके अवशेष आज भी बड़ीजान में मिलते रहते हैं।
डांगीबस्ती मज़ार
पोठिया प्रखंड के डांगीबस्ती में स्थित सैयद शाह अब्दुल हलीम की मज़ार जिले के सबसे प्रसिद्ध दरगाहों में से एक है। यहाँ का तीन दिवसीय वार्षिक ‘उर्स ए हलीमी’ बेहद लोकप्रिय है और इसमें राज्य के विभिन्न इलाकों से लोग शिरकत करते हैं।
किशनगंज में और कई ऐतिहासिक मंदिर और मस्जिदें हैं, जो दशकों से जिले की शान बढ़ाते रहे हैं।
पर्यटक स्थल
किशनगंज में बिहार के दूसरे शहरों के मुकाबले अधिक वर्षा होती है। इससे शहर में अधिक हरियाली भी देखी जाती है। किशनगंज में ऐसी कई घूमने की जगहे हैं। ऐसे कुछ जगहों को हम इस सूची में शामिल कर रहे हैं-
चाय बागान
किशनगंज, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के करीब होने के कारण चाय उत्पादन में अपनी एक अलग भूमिका निभाता है। बेलवा से लेकर ठाकुरगंज तक कई इलाके हैं, जहां चाय की खेती होती है। अगर आप किशनगंज आए हैं और शहर से कुछ ख़ास यादें बटोर कर ले जाना चाहते हैं, तो किशनगंज के सुंदर चाय बागानों का रुख कर सकते हैं।
नदी के घाट
किशनगंज से गुजरने वाली नदी के किनारे शाम के समय घूमना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस इलाके में अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक नदी किनारे बैठना बेहद मनमोहक एहसास होता है। मोजाबाड़ी पुल और ओद्रा घाट इसके लिए दो सबसे लोकप्रिय जगह हैं। छठ पर्व पर ओद्रा घाट पर सैकड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। अगर आप ‘बीच’ जैसा कुछ अनुभव करना चाहते हैं, तो महानंदा और डोंक नदी किनारे ढलते सूरज को देखना एक यादगार अनुभव साबित हो सकता है।
खगड़ा मेला
सन् 1883 में शुरू हुए खगड़ा मेले को सीमांचल का सबसे ऐतिहासिक मेला माना जाता है। पिछले कुछ सालों में हालांकि इस मेले की लोकप्रियता थोड़ी कम हुई है, लेकिन पिछले दिनों बिहार सरकार ने खगड़ा मेले को आर्थिक सहायता दी है। दिसंबर 2023 में ”खगड़ा मेला महोत्सव” का आयोजन होने के एलान कर दिया गया है।
चुरली एस्टेट
किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड में स्थित चुरली एस्टेट में करीब 250 वर्ष पहले खूब चहल पहल हुआ करती थी। अब इस प्राचीन एस्टेट का मशहूर राजमहल खंडहर में तब्दील हो चुका है। जहाँ यह खंडहर है, उस जगह को चुरली गांव कहते हैं। एक समय चुरली एस्टेट पूर्वी भारत के सबसे अहम जागीरदारों में से एक हुआ करता था। चुरली महल भले ही खंडहर में तब्दील हो गया हो, लेकिन आज भी उस बोसीदा इमारत में इतिहास के कई नायब नज़ारे देखने को मिलते हैं।
बुद्धा नेहरू नेशनल पार्क
यह किशनगंज का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध पार्क है। पिछले दिनों ही इस पार्क का सौंदर्यीकरण करवाया गया है जिसके बाद से बुद्धा नेहरू नेशनल पार्क बड़ी तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है।
होटल
शहर में आने वाले अथितियों के लिए शहर में दर्जनों रेसिडेंशियल होटल मौजूद हैं जिनमें से रेटिंग के आधार पर पांच सबसे लोकप्रिय होटलों की लिस्ट इस प्रकार है-
होटल दफ्तरी पैलेस
किशनगंज के पश्चिमपल्ली चौक के निकट स्थित होटल दफ्तरी पैलेस में वातानुकूलित कमरे, वाई-फाई, टेलीविजन, रेस्टोरेंट, मुफ्त ब्रेकफास्ट, फिटनेस सेंटर, बैंक्वेट हॉल, एयरपोर्ट शटल, व्यापार संबंधित मीटिंग के लिए कॉन्फरेंस रूम, आदि सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इन सेवाओं के चलते यह होटल यात्रियों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। गोआईबीबो.कॉम पर होटल दफ्तरी को 4.3 की रेटिंग प्राप्त है।
होटल मयूर
होटल मयूर किशनगंज के खगड़ा इलाके के आर पी कॉम्प्लेक्स में स्थित है। इसमें वातानुकूलित कमरे, वाई-फाई, रेस्टोरेंट, मुफ्त ब्रेकफास्ट, पूल, पार्किंग जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। गूगल की वेबसाइट पर होटल मयूर को 4.0 की रेटिंग मिली है।
होटल सिल्वर स्टार
किशनगंज के चुड़ीपट्टी – कॉलेज रोड स्थित होटल सिल्वर स्टार में वातानुकूलित कमरे, बैंक्वेट हॉल, रेस्तरां व पार्किंग सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा निशुल्क ब्रेकफास्ट, लॉन्ड्री, वाई-फाई, एयरपोर्ट शटल, किचन इत्यादि की सुविधा शामिल है। गोआईबीबो.कॉम पर होटल सिल्वर स्टार को 3.7 की रेटिंग मिली है।
होटल डीडी रेसीडेंसी
यह होटल एनएच 31 के निकट फरिंगोला इलाके में स्थित है। यहाँ वातानुकूलित कमरे, मुफ्त वाई-फाई, लॉन्ड्री, किचन, इंडोर स्पेस जैसी सुविधाएं शामिल है। गूगल वेबसाइट पर होटल डीडी रेसीडेंसी को 3.7 रेटिंग मिले हैं।
खान-पान
किशनगंज के बाज़ारों में हर तरह के फ़ास्टफ़ूड के साथ साथ लज़ीज़ खानों के कई रेस्तरां और होटल मौजूद हैं। किशनगंज के खानों में सुरजापुरी, बंगाली और बिहारी सास्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
संचार
किशनगंज, उत्तर भारत को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है। देश के हर कोने से किशनगंज के लिए ट्रेन उपलब्ध है। दिल्ली-गुवाहाटी रेल रूट में किशनगंज बिहार का एक बहुत अहम रेलवे स्टेशन माना जाता है।
किशनगंज के वीर कुंवर बस स्टैंड से पटना, दिल्ली, कोलकाता जैसे कई बड़े शहरों के लिए बस भी नियमित रूप से चलती हैं।
किशनगंज से सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट पश्चिम बंगाल का बागडोगरा एयरपोर्ट है, जो करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर है।
संपर्क निर्देशिका
किशनगंज के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की संपर्क सूची इस प्रकार है-
पद | कॉन्टैक्ट नंबर |
जिला पदाधिकारी (DM) | 06456 – 222530 |
पुलिस अधीक्षक (SP) | 9431822999 |
किशनगंज ASP | 9431822919 |
किशनगंज SDPO | 9431800043 |
चिकित्सा पदाधिकारी | 9431285162 |
सिविल सर्जन किशनगंज | 9470003399 |
किशनगंज बाल विकास परियोजना पदाधिकारी | 9304303004 |
जिला परिवहन पदाधिकारी | 6202751162 |
जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी | 8945801287 |
अनुमंडल पदाधिकारी | 9473191373 |
जिला पंचायत राज अधिकारी | 7481041101 |
जिला कृषि पदाधिकारी | 9431818756 |
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी | 7766979026 |
अधीक्षक मद्य-निषेध | 9473400634 |
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी | 9473191372 |
अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी | 9868434336 |
सी० ओ० दिघलबैंक | 8544412615 |
सी० ओ० कोचाधामन | 8544412617 |
सी० ओ० टेढ़ागाछ | 8544412619 |
सी० ओ० पोठिया | 8544412618 |
सी० ओ० ठाकुरगंज | 8544412620 |
सी० ओ० बहादुरगंज | 8544412614 |
सी० ओ० किशनगंज | 8544412616 |
बी० डी० ओ० दिघलबैंक | 9431818323 |
बी० डी० ओ० कोचाधामन | 9431818321 |
बी० डी० ओ० टेढ़ागाछ | 9431818622 |
बी० डी० ओ० पोठिया | 9431818623 |
बी० डी० ओ० ठाकुरगंज | 9431818324 |
बी० डी० ओ० बहादुरगंज | 9431818322 |
बी० डी० ओ० किशनगंज | 9431818320 |
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।