गुरुवार सुबह दिल्ली से एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी) ने कटिहार और अररिया में छापेमारी की। एनआईए भारत में आतंकवाद अवरोध व कानून स्थापित करने वाली संस्था के रूप में काम करती है।
एनआईए की टीम कटिहार में गुरुवार को बरारी प्रखंड कटोथिया गांव के साथ साथ हसनगंज के मुजफ्फर टोले में छापेमारी की।
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दरअसल, 22 जुलाई 2022 को फुलवारीशरीफ में चन्द संदिग्धों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस पूरे मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए की गिरफ्त देखने को मिल रही है।
पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मुजफ्फर टोला के रहने वाले महबूब आलम नदवी और पीएफआई के एक और सदस्य कटोथिया वासी अब्दुल रहमान के घर गुरुवार सुबह तलाशी ली गई।
एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया, “फुलवारीशरीफ मामले में संदिग्धों की तलाशी ली जा रही है।” छापेमारी के बाद एनआईए की टीम ने महबूब आलम नदवी के बड़े भाई मीर जहां को पूछताछ के लिए थाने ले गयी है।
इसी मामले में अररिया के जोकीहाट में एहसान परवेज नामक एक व्यक्ति के घर पर भी छापेमारी की गई। एहसान परवेज एसडीपीआई के प्रदेश महासचिव हैं।
गुरुवार सुबह एनआईए की टीम स्थानीय पुलिस के साथ एहसान परवेज के आवास जोकीहाट क्षेत्र के सिमरिया पंचायत समिति आरतिया गांव पहुंची। सुबह 6 बजे पुलिस और एनआईए का 3 गाड़ियों का काफिला आरतिया गांव पहुंचा। घर पर आरोपी के परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला।
करीब 5 घंटे तक चली इस तलाशी में पुलिस और एनआईए टीम ने क्या क्या बरामद किए, इसके बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
गांव वासियों के अनुसार, पिछले दिनों पटना में छापेमारी के दौरान ही आरतिया गांव में भी पुलिस आई थी। उसके बाद से एहसान परवेज की माँ अपनी बेटी के घर जाकर रहने लगी।
एनआईए की टीम ने एहसान परवेज़ के बड़े भाई तहसीन परवेज से पूछताछ की।
पिछले 2 महीनों से एनआईए की टीम बिहार के 30 से अधिक जगहों पर छापेमारी कर चुकी है।
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