पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी शहर में इन दिनों चहुंओर दुर्गा पूजा उत्सव की धूम मची है। हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा उत्सव को ले शहर के 100 से अधिक बड़े पूजा आयोजक क्लबों ने एक से बढ़ कर एक पूजा पंडाल बनाए हैं जो कि दर्शनार्थियों को काफी आकर्षित कर रहे हैं।
इन पंडालों की एक से बढ़ कर एक थीम द्वारा समाज को तरह-तरह के संदेश दिए जा रहे हैं।
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इस बार चतुर्थी के दिन से ही पूजा पंडालों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है।
इसके मद्देनजर सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन ट्रैफिक पुलिस की ओर से शहर के प्रमुख मार्गों में अगले 26 अक्टूबर तक रोजाना शाम 4:00 से भोर 4:00 बजे तक वाहनों की “नो एंट्री” घोषित की गई है।
हालांकि, पैदल आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव ने गत तीन दिनों में एक तरह से मैराथन करते हुए लगभग सवा सौ पूजा पंडालों का उद्घाटन किया। उन्होंने सभी को दुर्गा पूजा उत्सव की बधाइयां दी हैं व पूरे शांति-सद्भाव के साथ इसे मानने की सभी से अपील की है।
दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान शहर व आसपास में कहीं भी किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इसे लेकर सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जगह-जगह वर्दी वाली पुलिस के साथ ही आम पोशाक में भी पुलिस की निगरानी है। इसके साथ ही अतिरिक्त रूप में 110 सीसीटीवी कैमरे से शहर भर की निगरानी की जा रही है।
वहीं, ड्रोन से भी निगरानी की व्यवस्था है। इसके अलावा युवतियों और महिलाओं को मनचलों की छेड़खानी से बचाने के लिए आम पोशाक में महिला पुलिस के साथ ही सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की महिला पुलिस इकाई “विनर्स स्क्वाड” की भी तैनाती है। सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर सी. सुधाकर ने बेखौफ होकर सभी से पूरे शांति सद्भाव के साथ दुर्गा पूजा उत्सव का आनंद उठाने की अपील की है।
सिलीगुड़ी शहर के देशबंधु पाड़ा स्थित दादा-भाई स्पोर्टिंग क्लब ने अपने 42वें वर्ष के दुर्गा पूजा आयोजन में इस बार चार टन जींस के कपड़ों से पूजा पंडाल बनाया है। इसकी थीम ‘देवलोक दर्शन’ है। इसके तहत दर्शनार्थियों को देवी दुर्गा के नौ रूपों के साथ ही साथ त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश व अन्य देवी-देवताओं के रूपों का दर्शन कराया जाएगा।
वहीं, पूजा मंडप को एकदम सफेद रंग की थीम पर कपड़ों के झोलों से सजाया जा रहा है। आयोजकों ने इसका उद्देश्य “प्लास्टिक की थैली का उपयोग न करने का संदेश” देना बताया है। इस क्लब के सचिव बाबुल पाल चौधरी ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा आयोजन का बजट 35 लख रुपये है।
देशबंधु पाड़ा स्थित ही सुब्रत संघ ने इस बार 66वें वर्ष “बच्चों की खेल सामग्री” से अपना पूजा पंडाल बनाया है। इस थीम को “स्मृति” नाम दिया गया है। इस पंडाल का भ्रमण करने पर लोगों को सहसा अपना बचपन याद आ जाएगा।
वहीं, यंग मेंस एसोसिएशन (वाईएमए) क्लब ‘मेजाज टाई आशोल राजा’ (मिजाज ही असली राजा) थीम पर लोगों को पुराने जमाने की जमींदारी का दर्शन करा रहा है।
देशबंधु स्पोर्टिंग क्लब ने अपने 75वें वर्ष के दुर्गा पूजा आयोजन पर इस बार ‘बंगाल की प्राचीन कलाकारी’ को प्रस्तुत किया है।
रवींद्र नगर के रवींद्र संघ ने 71वें वर्ष के अपने आयोजन में इस बार “दैनिक श्रमिकों का जीवन” पेश किया है।
देशबंधु पाड़ा के हिमाचल संघ का यह इस बार 53वां आयोजन है। इसकी थीम “पुरोनो शेइ दिनेर कथा” (उन पुराने दिनों की बातें) है। इसके तहत बच्चों के बचपन की उन खोई हुई चीजों को दिखाया गया है जिसे इंटरनेट और मोबाइल की दुनिया ने छीन लिया है।
नवोदय संघ ने 48वें वर्ष इस बार “पुतुल बाड़ी” (गुड़ियों का घर) के रूप में अपना दुर्गा पूजा पंडाल प्रस्तुत किया है।
वहीं, दूसरी ओर, सिलीगुड़ी शहर के पानी टंकी मोड़ स्थित राम-कृष्ण व्यायाम शिक्षा संघ ने अपने 75वें वर्ष के आयोजन में इस बार अपने पूजा पंडाल को बांकुड़ा की कलाकारी से सजाया है।
प्रधान नगर की बाघाजतिन कालोनी की मुक्त मंच पूजा कमेटी ने अपने 23वें वर्ष के आयोजन में अमेरिका के रामकृष्ण मंदिर के रूप में पूजा पंडाल बनाया है।
गुरुंग नगर दुर्गा पूजा कमेटी 68वें वर्ष इस बार भी दुर्गा पूजा आयोजित की है। इस बार मटकी से पंडाल सजाया है।
सिलीगुड़ी शहर के डांगी पाड़ा स्थित स्वास्तिका संघ ने 66वें वर्ष की थीम के तहत अपने पंडाल को “बनारस का अस्सी घाट” के रूप में पेश किया है, जहां कृत्रिम गंगा आरती आकर्षण का केंद्र है।
प्रधान नगर के नवांकुर संघ ने अपने 49वें वर्ष के आयोजन में इस बार होगला पत्तों से पंडाल की सजावट की है।
इसके अलावा शक्तिगढ़ सार्वजनीन दुर्गा पूजा कमेटी ने अपने 71वें वर्ष के आयोजन में इस बार मिट्टी, बालू व नारियल के छिलकों से पंडाल बनाया है।
शक्तिगढ़ के ही उज्जवल संघ ने महान साहित्यकार, कवि, वैज्ञानिक, कलाकार के अमूल्य वचनों को प्रदर्शित कर पंडाल सजाया है।
किशोर संघ ने 50वें वर्ष इस बार अपने पूजा पंडाल के द्वारा विलुप्त पक्षियों की दुनिया को दिखाया है।
बलाका क्लब (सुकांत पल्ली) की 51वें वर्ष की इस बार की थीम जटाधारी शिव हैं। पंडाल के सामने विशाल आकार में जटाधारी शिव की मूर्ति को प्रस्तुत किया गया है।
विनर्स क्लब (गेट बाजार) एक से एक चित्रांकन से अपना पंडाल सजाया है।
मिलनपल्ली सार्वजनीन दुर्गा पूजा कमेटी ने 79वें वर्ष इस बार अपने पूरे पंडाल में बांस की कलाकारी दिखाई है।
सेंट्रल कालोनी (एनजेपी) ने 61वें वर्ष इस बार राजस्थानी महल के रूप में पंडाल पेश किया है।
इस के साथ ही हर एक क्लब ने अद्भुत प्रकाश सज्जा भी की है। रंग-बिरंगी मनमोहक रौशनी के बीच हर जगह पंडालों में शाम से लेकर भोर तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
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