पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला अंतर्गत इस्लामपुर नगरीय क्षेत्र में इन दिनों दुर्गा पूजा की काफी धूम है। शहर भर में पूजा के पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। त्यौहार की चकाचौंध में हमने इस्लामपुर के कुछ अनूठे थीम पर बने पंडालों का दौरा किया।
दुर्गा पूजा के इन पंडालों में कहीं गुजरात के नीलकंठ धाम की झांकी दिखी तो कहीं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वर्णमाला की सजावट की गई है। इसके अलावा हमें सड़क सुरक्षा, हस्त शिल्प से लेकर ‘चंद्रयान 3’ वाली सजावट भी दिखाई दी।
बांग्ला व अंग्रेजी वर्णमाला से सजा
इस्लामपुर के ख़ुदीरामपल्ली के दुर्गा मंदिर में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पंडाल में बांग्ला और अंग्रेजी भाषा की वर्णमाला से सजाया गया है। मंदिर कमेटी के सदस्य विक्की दास ने बताया कि विश्वविख्यात कवि और लेखक रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक सहज पाठ से प्रेरित होकर इस पंडाल को तैयार किया गया है। यह पुस्तक बड़ी सहजता से कविताओं के माध्यम से बच्चों को वर्णमाला सिखाती है, इसे राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
आगे उन्होंने बताया कि मशहूर चित्रकार नन्दलाल बोस ने सहज पाठ पुस्तक का चित्रांकन किया था। उनके चित्रों को भी पंडाल में जगह दी गई है। इस पंडाल को बनाने में करीब 6 लाख रुपये का खर्च हुए हैं।
हस्तकला का थीम
इस्लामपुर के ‘Officers and Employee Retention Club’ द्वारा बनाए गए पंडाल को हस्तकला का थीम दिया गया है। क्लब के सदस्य संतोष झा ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों से बनी यह कमेटी हर वर्ष हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए पंडाल की थीम चुनती है। इस साल दुर्गा पूजा के पंडाल में हस्तकला का प्रयोग कर बनाई गई चीज़ों को दर्शाया गया है।
संतोष ने आगे बताया कि पंडाल को बनाने में स्थानीय कारीगरों की मदद ली गई है, जिससे आसपास के कलाकार, मूर्तिकार, कारीगर और मज़दूर की कमाई भी हुई और बड़े शहरों के कारीगरों के मुकबाले कम खर्चे में पंडाल बनाने का काम संपन्न हो गया।
नीलकंठ धाम का स्वरूप
इस्लामपुर के देशबंधु पारा इलाके में भी दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल को गुजरात के नीलकंठ धाम का स्वरूप दिया गया है। पंडाल बनाने वाले आदर्श संघ क्लब के सदस्य सुभाशीष साहा ने बताया कि पंडाल की तैयारी 6 महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि आदर्श संघ क्लब हर साल किसी बड़े धाम या मंदिर को चुन कर उसके थीम पर दुर्गा पूजा का पंडाल तैयार करता है। इस बार गुजरात के नीलकंठ धाम को चुना गया है, वहीं पिछले वर्ष केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर पंडाल को सजाया गया था।
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