Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

खराब सड़क इस गांव की शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती पर डाल रही बुरा असर

गांव को बाहर के गांव व शहरों से जोड़ने वाली जहांगीरपुर से बंगाल बॉर्डर तक साढ़े 3 किलोमीटर की एक सड़क है, जिसकी हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि गाड़ियों का आना जाना मुमकिन नहीं।

shah faisal main media correspondent Reported By Shah Faisal |
Published On :

किशनगंज के पोठिया प्रखंड अंतर्गत पनासी पंचायत का कुम्हारभीटा गांव में बीमारों को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता, किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता, बच्चे समय पर रोजाना स्कूल नहीं जा पाते और इन सब समस्याओं का एक ही कारण है- गांव में पक्की सड़क का ना होना।

दरअसल, इस गांव को बाहर के गांव व शहरों से जोड़ने वाली जहांगीरपुर से बंगाल बॉर्डर तक साढ़े 3 किलोमीटर की एक सड़क है, जिसकी हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि गाड़ियों का आना जाना मुमकिन नहीं। बरसात के दिनों में सड़क पर पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों को अपने रोजमर्रा का काम करने में भी दिक्कतें पेश आती हैं।

Also Read Story

किशनगंज: जाम से निजात दिलाने के लिये रमज़ान पुल के पास नदी के ऊपर बनेगी पार्किंग

कटिहार: सड़क न बनने से नाराज़ महिलाओं ने घंटों किया सड़क जाम

कटिहार के एक गांव में 200 से अधिक घर जल कर राख, एक महिला की मौत

“ना रोड है ना पुल, वोट देकर क्या करेंगे?” किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अमौर में क्यों हुआ वोटिंग का बहिष्कार?

2017 की बाढ़ में टूटा पुल अब तक नहीं बना, नेताओं के आश्वासन से ग्रामीण नाउम्मीद

कटिहार के एक दलित गांव में छोटी सी सड़क के लिए ज़मीन नहीं दे रहे ज़मींदार

सुपौल में कोसी नदी पर भेजा-बकौर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक की मौत और नौ घायल, जांच का आदेश

पटना-न्यू जलपाईगुरी वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दी बिहार को रेल की कई सौगात

“किशनगंज मरीन ड्राइव बन जाएगा”, किशनगंज नगर परिषद ने शुरू किया रमज़ान नदी बचाओ अभियान

स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद कय्यूम बताते हैं कि सड़क नहीं होने के कारण उनके गांव के लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। समय बचता है तो कई बार मरीज को कंधे पर उठाकर जहांगीरपुर तक ले जाना पड़ता है, फिर वहां से गाड़ी लेकर अस्पताल जाते हैं। इसी बीच कई बार मरीज की मौत रास्ते में ही हो जाती है।


मोहम्मद कय्यूम ने आगे बताया कि यहां पर खेती कर रहे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है। क्योंकि वह न तो समय पर बाजार से खाद वगैरह ला पाते हैं और ना ही समय पर अपनी फसल को बाजार में जाकर बेच पाते हैं।

बदीउज़्ज़माँ भी एक किसान हैं। सड़क नहीं होने के कारण उनको भी फसल बेचने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वह बताते हैं कि उन्हें मार्केट के हिसाब से अपनी फसल का पैसा बहुत कम मिलता है।

मिसरत जहां नौवीं कक्षा की छात्रा है। वह और उसके जैसे इस गांव के बहुत से छात्र रोजाना स्कूल नहीं जा पाते हैं। वह बताती है कि बरसात के समय में जब सड़क पर पानी भर जाता है तो पैदल जाने वाले बच्चे फिसल कर पानी में गिर जाते हैं, साइकिल से जाने वाले बच्चे साइकिल समेत गिरते हैं, और स्कूल की गाड़ी अंदर नहीं आ पाती है। इस कारण उनकी पढ़ाई सही ढंग से नहीं हो पा रही है। वे लोग केवल परीक्षा देने ही स्कूल जाते हैं।

फतेह मोहम्मद की उम्र कुछ महीनों बाद 100 साल की होने वाली है। वह कहते हैं कि उन्होंने अपने आसपास के इलाकों का थोड़ा बहुत विकास होते देखा, लेकिन उनका गांव वैसा का वैसा ही रह गया है। वह इसका जिम्मेदार है अपने क्षेत्र के मुखिया और जनप्रतिनिधियों को मानते हैं।

विधायक ऑफिस ने बताया कि सड़क निर्माण की कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और बहुत जल्द सड़क का निर्माण शुरू किया जाएगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Shah Faisal is using alternative media to bring attention to problems faced by people in rural Bihar. He is also a part of Change Chitra program run by Video Volunteers and US Embassy. ‘Open Defecation Failure’, a documentary made by Faisal’s team brought forth the harsh truth of Prime Minister Narendra Modi’s dream project – Swacch Bharat Mission.

Related News

बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दीवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

शिलान्यास के एक दशक बाद भी नहीं बना अमौर का रसैली घाट पुल, आने-जाने के लिये नाव ही सहारा

पीएम मोदी ने बिहार को 12,800 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का दिया तोहफा

आज़ादी के सात दशक बाद भी नहीं बनी अमौर की रहरिया-केमा सड़क, लोग चुनाव का करेंगे बहिष्कार

किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 22 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास

अररिया, मधेपुरा व सुपौल समेत बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?