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असर: दैनिक जागरण की खबर ‘सीमांचल का सच’ के खिलाफ याचिका दायर

कटिहार कोर्ट में दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण के मुख्य संपादक और सह संपादक के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153, 153ए, 295, 295ए, 120,120बी, 500, 504 और 506 के तहत शिकायत याचिका दाखिल की गई है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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Dainik Jagran lies

दिसंबर में दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण में सीमांचल के कई गांवों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से हिन्दू परिवारों के पलायन की ख़बरें छपी थीं। ‘मैं मीडिया’ की ग्राउंड रिपोर्ट में दैनिक जागरण में किये गए दावे गलत पाए गए थे।


मंगलवार 24 जनवरी को कटिहार कोर्ट में दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण के मुख्य संपादक और सह संपादक के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153, 153ए, 295, 295ए, 120,120बी, 500, 504 और 506 के तहत शिकायत याचिका दाखिल की गई है।

शिकायतकर्ता मंसूर आलम, इज़हार अली और मोहम्मद तारिक ने दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण के मुख्य संपादक और ‘सीमांचल का सच’ श्रंखला के तहत ख़बरें लिखने वाले सह संपादक संजय सिंह पर झूठी खबर छापर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने जैसे कई आरोप लगाए हैं।


जानकारी के अनुसार, इनमें से 2 केसों को कोर्ट की तरफ से स्वीकार किया गया है। वहीं 27 जनवरी और 8 फरवरी को दूसरे केसों पर बहस होनी है। केस संख्या सीए 152/2023, केस संख्या सीए 154/2023 को कटिहार कोर्ट ने स्वीकृत किया।

शिकायतकर्ता मंसूर आलम ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि उन्होंने केस संख्या 124 दर्ज कराया है, जिसमें बुधवार को उन्होंने कटिहार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहाँ अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि 8 फरवरी को उनकी याचिका पर समीक्षा की जाएगी। दैनिक जागरण में शिकायत याचिका दर्ज करने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा, “केस करना ज़रूरी इसलिए पड़ गया क्योंकि यह पत्रकार बंधू लोग हमें तोड़ने का प्रयास कर रहा है। सीमांचल में हम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब मिलकर रहते हैं। हमलोगों में कोई भेदभाव नहीं है। 29 तारिख को जब हम दैनिक जागरण पढ़े, तो हमको लगा कि ऐसे ही कोई लिख दिया होगा। फिर 30 को पढ़े तो खबर पढ़ कर हम बहुत आहत हुए। 31 तारीख को तो एकदम हद कर दिया दैनिक जागरण ने। हमें यह समाज को तोड़न वाला प्रयास लगा इसलिए हमने शिकायत दर्ज की है।”

“सीमांचल में हिन्दू मुस्लिम मिलकर रहते हैं। यहां कोई विवाद नहीं है। यह सरासर ग़लत और बेबुनियाद बात है। कोई हिन्दू भाई पलायन नहीं कर रहे हैं। कल एक हिन्दू भाई श्यामलाल जी ने भी केस किया है। हमारी मांग है कि इस पत्रकार और एडिटर को बर्खास्त किया जाए। यह पत्रकार और एडिटर पूरे सीमांचल वासियों से माफ़ी मांगे, अन्यथा हम उनपर सीमांचल वासियों की तरफ से मानहानि का मुकदमा करेंगे,” मंसूर आलम ने कहा।

शिकायत याचिका दाखिल करने वाले वकीलों की टीम के सदस्य मोहम्मद हसन ने ‘मैं मीडिया’ से कहा कि दैनिक जागरण की ख़बरों में घुसपैठियों को लेकर सबूत का अभाव है। उनके अनुसार संविधान में घुसपैठी की परिभाषा में यह लिखा है कि किसी विदेशी इंसान को तब घुसपैठी घोषित किया जाता है, जब उसके किसी विदेश से आने की सूचना हो और उसके पास से पासपोर्ट या वीज़ा न मिले। लेकिन, अखबार की रिपोर्ट में ऐसे किसी भी व्यक्ति की जानकारी नहीं दी गई है।

उन्होंने आगे कहा, “दैनिक जागरण की ये ख़बरें सीमांचल के ग़रीबों की बदहाली के साथ मज़ाक है। हमने कोर्ट के समक्ष शिकायत दर्ज करा दी है। इस बात की संभवाना है कि ये ख़बरें एक पूरी टीम की साज़िश हो सकती है। ऐसा कैसे मुमकिन है कि एक रिपोर्टर ने खबर लिख दी और उसकी जांच किए बिना उसे छाप दिया गया।”

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम पिटिशन में शामिल गवाहों में एक हैं। उन्होंने मैं मीडिया को बताया कि कटिहार में 19 जनवरी को राजद, जदयू, कांग्रेस के नेताओं और समाजसेवियों के बीच हुई एक बैठक में दैनिक जागरण की इन ख़बरों पर चर्चा की गई थी, जिसके बाद इसके विरुद्ध अदालत में शिकायत करने का फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा, “जागरण वालों ने हिंसा और नफतरत को बढ़ावा देने के लिए बहुत समझ कर यह सब किया है। यह खासकर तब हुआ है जब अमित शाह सीमांचल होकर गए हैं। मैंने ‘मैं मीडिया’ की ग्राउंड रिपोर्ट देखी, जिसमें दैनिक जागरण की झूठ का पर्दाफाश हो गया। साफ़ झलकता है कि यह भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। दैनिक जागरण की इन खबरों में बरारी प्रखंड के कठौतिया का भी ज़िक्र है। मैं इसी गाँव से आता हूँ। एक भी हिन्दू परिवार ने मेरे गाँव या बरारी के किसी गांव से पलायन नहीं किया है। कलिकापुर और जगदीशपुर में तो हिन्दू बहुसंख्यक हैं। इस तरह की खबरें आपसी भाईचारा को ख़त्म करने की साज़िश है। इसकी हम कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि इस पर कार्यवाई की जाए।”

बताते दें कि कठौतिया गाँव के श्यामलाल मढ़ैया और मोहम्मद तारिक ने भी दैनिक जागरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अर्ज़ी दी है। कोर्ट में पिटिशन के अलावा इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृह सचिव और जिला पदाधिकारी को शिकायत पत्र भेजा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिए गए पत्र में 40 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किये हैं। इसके अलावा प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया, प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया में भी इसकी शिकायत की गई है।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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