बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (BPSC TRE-3) के प्रश्न पत्र लीक मामले का ख़ुलासा करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। मास्टरमाइंड की पहचान डॉ. शिव कुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू के रूप में हुई है।
ईओयू ने प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया है कि डॉ. शिव, 2017 में हुए नीट यूजी (NEET-UG) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक का भी अभियुक्त रहा है। इस संदर्भ में पत्रकार नगर थाने में केस दर्ज है। पटना निवासी शुभम मंडल उर्फ शिवम मंडल के साथ मिलकर डॉ. शिव कई महत्वपूर्ण सरकारी प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक/फर्जीवाड़ा के काण्डों को अंजाम देता आ रहा है।
इसी वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक काण्ड में भी इन दोनो की संलिप्तता सामने आई है। इस अंतराज्यीय गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों से भी जुड़ें हैं।
15 मार्च को हुई थी परीक्षा
उल्लेखनीय है कि 15 मार्च को आयोजित बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण (TRE-3) के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गठित विशेष टीम ने जांच के क्रम में 14 मार्च को पटना और 15 मार्च को पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग में छापेमारी की थी, जिसमें पेपर लीक से संबंधित अभियुक्तों और अभ्यर्थियों सहित कुल 266 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
बताते चलें कि इतनी बड़ी संख्या में अभियुक्तों और शिक्षक अभ्यर्थियों की गिरफ़्तारी के बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने 15 मार्च को हुई परीक्षा को रद्द कर दिया था।
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आर्थिक अपराध इकाई ने इस संदर्भ में आईपीसी की धाराओं 40, 467, 468, 471 तथा 120(B), बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम-1981 की धाराओं 3 तथा 10 और आईटी एक्ट-2000 की धारा 66 के तहत मुक़दमा दर्ज कर जांच कर रही थी।
काण्ड के त्वरित अनुसंधान और इसमें शामिल सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये ईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक और उप-महानिरीक्षक के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व ईओयू के साईबर व अभियान डिवीज़न के पुलिस अधीक्षक कर रहे थे।
विशेष टीम ने गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ, ज़ब्त सामान, तकनीकी और वैज्ञानिक विश्लेषण के क्रम में पाया कि घटना का मास्टरमाइंड डॉ. शिव कुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू के गिरोह ने प्रश्नपत्र लीक काण्ड को अंजाम दिया है। इसके बाद ईओयू के साइबर व अभियान डिवीज़न के पुलिस अधीक्षक ने कई टीमों को इनकी गिरफ्तारी के लिये निर्देशित किया था।
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