27 मार्च 2024 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा गया था, जिसमें सुपौल स्थित बसंतपुर पंचायत के रघुनाथपुर के वार्ड 04 निवासी 47 वर्षीय लाल बहादुर साह भेंड़ चराते नजर आते हैं। वो वीडियो में बोल रहे हैं कि जो इस देश की भाषा जानता है,उन्हीं का इस देश में अधिकार है, जो उर्दू नहीं जानता है उनका कोई अधिकार नहीं है। जो लोग मजदूरी करने सउदी अरब आ रहे हैं, तो मत आओ क्योंकि यहां पर भारतीय मजदूरों के साथ मारपीट की जाती है। मैं दूसरे के बहकावे पर यहां आ गया। काम करने के बावजूद मलिक यहां पर बहुत मारता है। मलिक कहता है कि यहां पर दफना दूंगा तो किसी को पता नहीं चलेगा। यहां पर हिंदुस्तानियों के लिए कुछ भी नहीं है। कोई भी देश के व्यक्ति, चाहे हिंदुस्तानी हो पाकिस्तानी हो या नेपाली यहां मत आइएगा।
रोजगार की तलाश में लाल बहादुर साह 9 माह पहले यानी 4 सितंबर 2023 को कमाने के लिए सऊदी अरब गए। फिर लगभग 7 महीने बाद 27 मार्च को एक वीडियो बनाकर अपने परिजन को भेजे थे। जिसमें अपनी परेशानी बताने के साथ साथ हत्या की आशंका जता रहे हैं। साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि कमाने के लिए सऊदी अरब नहीं आएं।
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ग्रामीणों के मुताबिक 1 मई को सऊदी अरब से फोन आया था कि लाल बहादुर शाह की मौत 25 अप्रैल को ही हो गई है। इसके बाद वहां के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन इस खबर को लेकर कोई भी पुष्टि नहीं की जा रही है। बसंतपुर पंचायत के ग्रामीण और उनके परिवार स्थानीय प्रशासन के माध्यम से उनके शव को भारत लाने की गुहार लगा रहे है।
“सरकार लाश को हमारे घर पर पहुंचा दे”
लाल बहादुर शाह की पत्नी शकुनी देवी बताती हैं, “जुलाई 2023 में हमारे पति लगभग 2 लाख कर्ज लेकर एजेंट के माध्यम से टूरिस्ट विजा बनाए थे। साउदी अरब जाने के बाद अभी तक एक भी रुपया नहीं भेजा है। जब भी फोन पर बात होती तो घर आने की बात कहता रहता था। अब उनकी मौत की खबर आई है। सरकार इतना करे कि उनकी लाश को हमारे घर पर पहुंचा दे।”
ग्रामीण ललन कुमार पासवान बताते हैं, “गांव के ही मुक्ति साह के पुत्र डोमन साह को 1.50 लाख रुपये कर्ज देकर वह सऊदी अरब गए थे। इस बीच में उनका एक वीडियो भी आया था, जिसमें वह कह रहे थे कि मलिक हमको मारते रहता है। इसके बाद इनके परिजन एजेंट डोमन साह से बात करते थे कि लाल बहादुर को भेज दीजिए। फिर 25 तारीख को डोमन शाह का फोन आया कि मलिक के यहां से लाल बहादुर शाह भाग गए हैं। एक तारीख को वहां रह रहे कुछ लोगों ने बताया कि मालिक ने ही लाल बहादुर का मर्डर कर दिया है। वहां मृत्यु को लेकर भी कोई पुष्टि नहीं हो रही है। हम ग्रामीण लोग सरकार से मुआवजे की भी मांग करते हैं।”
वहीं 24 वर्षीय ग्रामीण रोहित के मुताबिक चाचाजी के द्वारा वीडियो भेजने के बाद उनके मोबाइल को जब्त कर लिया गया था। इसके बाद परिवार वालों या गांव वालों से उनकी कोई बात नहीं हुई है।
लाल बहादुर शाह की बेटी गुंजन बताती है, “हम सात बहन एक भाई और एक हमारी मां है। हमारे पूरे परिवार का भरण पोषण कैसे चलेगा? हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि हमारी मदद करे। हमारे पापा को मलिक ने मार दिया है।”
पत्नी शकुनी देवी ने ग्रामीणों की मदद से भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को मेल कर उक्त सूचना दी है।
3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर 9 महीना कोई कैसे रहेगा?
डोमन शाह के द्वारा लाल बहादुर शाह का जो वीजा बनाया गया है, उसका एक्सपायरी डेट 02/10/2023 है। यह एक टूरिस्ट वीजा है। टूरिस्ट वीजा का समय सीमा केवल 3 महीने का होता है। इस हिसाब से इनका वीजा का पीरियड 04/07/2023 से 02/10/2023 था। ऐसे में 9 महीना से ज्यादा उनका सऊदी अरब में रहना भी कई सवाल उठाता है?
स्थानीय पत्रकार राजीव बताते हैं कि, “कोसी क्षेत्र मजदूरों का सबसे बड़ा सप्लायर बन चुका है। एजेंटों के माध्यम से गरीब परिवारों को निशाना बनाया जाता है। जिसे देश के कई इलाकों के अलावा विदेशों में भी भेजा जाता है। 3 महीना पहले बीरपुर में ही इस तरह की घटना और भी देखने को मिली थी। सरकार और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करती है। इस तरह की घटना अक्सर देखने को मिलती रहती है।”
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