2019 की तरह इस बार के लोकसभा चुनाव में भी बिहार की अररिया सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच मुक़ाबला हो रहा है। भाजपा ने वर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है। वहीं, राजद के टिकट पर इस बार सीमांचल के क़द्दावर नेता स्वर्गीय मो. तस्लीमुद्दीन के छोटे बेटे शाहनवाज़ चुनाव लड़ रहे हैं। शाहनवाज़ वर्तमान में अररिया के जोकीहाट से विधायक हैं।
अररिया लोकसभा सीट पर पिछले चार लोकसभा चुनावों की बात करें तो दो बार बीजेपी और दो बार राजद ने बाज़ी मारी है। 2009 और 2019 का चुनाव यहां से भाजपा जीती, वहीं 2014 के चुनाव में सीमांचल के क़द्दावर नेता मो. तस्लीमुद्दीन यहां से चुनाव जीते। उनकी मृत्यु के बाद हुए 2018 के उपचुनाव में भी यहां राजद ने बाजी मारी थी।
अररिया लोकसभा सीट
अररिया में तक़रीबन 20 लाख वोटर हैं। अररिया लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं – फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, रानीगंज, नरपतगंज और सिकटी। वर्तमान में इनमें से चार पर एनडीए गठबंधन और दो पर इंडिया गठबंधन काबिज़ है।
01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या | |||||
No. | Assembly Name | Male | Female | Third Gender | Total Voters |
46 | Narpatganj | 180361 | 163866 | 16 | 344243 |
47 | Raniganj (SC) | 179548 | 168388 | 23 | 347959 |
48 | Forbesganj | 185852 | 170577 | 9 | 356438 |
49 | Araria | 171451 | 159460 | 14 | 330925 |
50 | Jokihat | 159582 | 145997 | 16 | 305595 |
51 | Sikti | 157221 | 143157 | 11 | 300389 |
अररिया लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर | 1985549 |
अररिया से कांग्रेस के आबिदुर रहमान, जोकीहाट से राजद के शाहनवाज़, रानीगंज से जदयू के अचमित ऋषिदेव, सिकटी से भाजपा के विजय कुमार मंडल, फारबिसगंज से भाजपा के विद्यासागर केशरी और नरपतगंज से भाजपा के जयप्रकाश यादव वर्तमान में विधायक हैं।
अब तक कौन-कौन बने सांसद
1967 में अररिया एक अलग लोकसभा क्षेत्र बना। 1967 से 2009 तक अररिया आरक्षित (SC) सीट रही। 2008 के परिसीमन के बाद यह एक सामान्य सीट बनी।
1967-1977 तक तुलमोहान राम, 1977 में महेंद्र नारायण सरदार, 1980-89 तक डुमर लाल बैठा, 1989-98 तक सुकदेव पासवान, 1998 में रामजी ऋषिदेव, 1999-2009 तक एक बार फिर सुकदेव पासवान, 2009 में प्रदीप सिंह, 2014 में मो. तस्लीमुद्दीन, 2018 के उपचुनाव में सरफराज़ आलम और 2019 में प्रदीप सिंह यहां से सांसद रहे।
विधानसभा चुनाव-2020 में प्राप्त वोट
2020 के विधानसभा चुनाव में अररिया लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज़्यादा वोट एनडीए गठबंधन को प्राप्त हुए थे। वहीं, महागठबंधन दूसरे और AIMIM तीसरे नंबर पर रहे थे। यहां से एनडीए को 4,70,689, महागठबंधन को 4,57,679 और AIMIM को 76,427 वोट हासिल हुए।
Constituency | RJD+ | BJP+ | AIMIM |
Narpatganj | 69787 | 98397 | 5495 |
Raniganj | 79597 | 81901 | 2412 |
Forbesganj | 82510 | 102212 | —– |
Araria | 103054 | 55118 | 8924 |
Jokihat | 52213 | 48933 | 59596 |
Sikti | 70518 | 84128 | —– |
Total | 457679 | 470689 | 76427 |
अररिया सीट पर 2018 का उपचुनाव
17 सितंबर 2017 को अररिया के तत्कालीन सांसद मो. तस्लीमुद्दीन का देहांत हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद अररिया लोकसभा सीट रिक्त हो गयी, इसलिये 2018 में उप-चुनाव हुआ।
उपचुनाव में राजद ने मो. तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज़ आलम को प्रत्याशी बनाया था, वहीं, भाजपा के टिकट पर प्रदीप सिंह मैदान में थे। चुनाव में सरफराज़ आलम ने 5,09,334 वोट लिकर प्रदीप सिंह को 61,788 वोटों से शिकस्त दी थी। प्रदीप सिंह को 4,47,546 वोट हासिल हुए थे।
2019 का आम चुनाव
अररिया सीट पर 2019 के आम चुनाव में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह और राजद के सरफराज़ आलम के बीच मुक़ाबला हुआ था। प्रदीप सिंह ने सरफराज़ आलम को 1,37,241 मतों के अंतर से हराया था। प्रदीप सिंह को 6,18,434 और सरफराज़ आलम को 4,81,193 मत प्राप्त हुए थे।
विधानसभा क्षेत्र में मिले वोट
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अररिया लोकसभा क्षेत्र के चार और राजद को दो विधानसभा में बढ़त मिली थी। भाजपा नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज और सिकटी में आगे थी। वहीं, राजद अररिया और जोकीहाट विधानसभा में आगे थी।
नरपतगंज में भाजपा के प्रदीप सिंह 1,30,200 और राजद के सरफराज़ आलम 61,366 वोट लाने में सफल रहे। रानीगंज में भाजपा 1,09,949 और राजद 67,298 वोट लाई। फारबिसगंज में भाजपा को 1,25,852 तथा राजद को 74,160 वोट मिले।
अररिया विधानसभा में राजद को 1,07,418, भाजपा को 77,226 तथा जोकीहाट में राजद को 1,10,065, भाजपा को 55,645 और सिकटी में भाजपा को 1,19,132 और राजद को 60,813 वोट प्राप्त हुए।
भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह
58 वर्षीय प्रदीप सिंह ने मैट्रिक तक पढ़ाई की है। उनके ख़िलाफ अररिया के जोगबनी, कुर्साकांटा, अररिया थाने और पटना के कोतवाली थाने में कुल चार केस दर्ज हैं।
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उनके ख़िलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 27, आईपीसी की धाराएं 147, 148, 149 यानी हथियार से लैस होकर दंगा करना, धारा 353 यानी सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य से रोकना और धारा 504 यानी सार्वजनिक शांति भंग करना जैसे मामले चल रहे हैं।
प्रदीप सिंह क़रीब 58 लाख रुपये की चल संपत्ति और 23 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के मालिक हैं। उन्होंने बैंक से करीब 17 लाख रुपये का लोन ले रखा है। वहीं, उनकी पत्नी के पास साढ़े 24 लाख रुपये की चल संपत्ति और 55 लाख रुपये की अचल संपत्ति है।
एमएलए बनकर की राजनीति की शुरुआत
प्रदीप कुमार सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव से की थी। इस चुनाव में वह अररिया सीट से लड़े और तीसरे स्थान पर रहे थे।
फरवरी 2005 में वह पहली बार अररिया से विधायक बने। इस चुनाव में बिहार में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से अक्टूबर महीने में फिर विधानसभा चुनाव हुआ। प्रदीप सिंह इस चुनाव में फिर से अररिया के विधायक चुने गये।
वह अररिया लोकसभा सीट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सांसद बने। इस चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के ज़ाकिर हुसैन ख़ान को हराया।
2014 में अररिया सीट पर प्रदीप सिंह का मुक़ाबला सीमांचल के कद्दावर नेता मो. तस्लीमुद्दीन से हुआ। इस चुनाव में प्रदीप सिंह की हार हुई।
अररिया सीट पर 2018 में हुए उपचुनाव में भी प्रदीप सिंह की हार हुई थी। मो. तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज़ आलम ने इस उपचुनाव में बाज़ी मारी। हालांकि, एक साल बाद ही 2019 के आम चुनाव में प्रदीप सिंह वापस अररिया सीट पर जीत गए थे।
राजद प्रत्याशी शाहनवाज़
अररिया सीट पर राजद के प्रत्याशी 42 वर्षीय शाहनवाज़ साढ़े 26 लाख रुपये की चल संपत्ति और ढाई करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के मालिक हैं। उनकी पत्नी के नाम पर लगभग साढ़े 32 लाख रुपये की चल संपत्ति और दस लाख रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है।
चुनाव आयोग में जमा किये गये हलफनामे के मुताबिक़, शाहनावाज़ के ख़िलाफ जोकीहाट के महलगांव थाने में मतदान कार्य में बाधा उत्पन्न करने को लेकर एक मुक़दमा दर्ज है।
उपचुनाव में बने पहली बार विधायक
शाहनवाज़ का यह पहला लोकसभा चुनाव है। वर्तमान में वह जोकीहाट से विधायक हैं।
2020 का विधानसभा चुनाव उन्होंने जोकीहाट से AIMIM के टिकट पर जीता था, लेकिन, बाद में वह राजद में शामिल हो गये। इस चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे अपने भाई और अररिया के पूर्व सांसद सरफ़राज़ आलम को हराया था।
2017 में अररिया के तत्कालीन सांसद मो. तस्लीमुद्दीन का इंतक़ाल हो गया था, जिस वजह से 2018 में यहां उपचुनाव कराना पड़ा। उपचुनाव में सरफराज़ आलम यहां से सांसद चुने गये।
सरफराज़ आलम उस समय अररिया के जोकीहाट से विधायक थे। उनके सांसद बनने से यह सीट ख़ाली हो गई, जिस कारण यहां पर 2018 में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में राजद के टिकट पर शाहनवाज़ की जीत हुई और वह पहली बार विधायक चुने गये थे।
राजद के बाग़ी बिगाड़ेंगे खेल?
अररिया सीट पर राजद के बाग़ी शत्रुघ्न प्रसाद सुमन भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह राजद से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन राजद से शाहनवाज को टिकट मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया है।
शत्रुघ्न प्रसाद ने 2020 का विधानसभा चुनाव राजद के टिकट पर सिकटी से लड़ा था, लेकिन, वह भाजपा के विजय कुमार मंडल से 13,610 वोटों से हार गये थे। विजय मंडल को 84,128 और शत्रुघ्न प्रसाद को 70,518 वोट प्राप्त हुए थे।
2015 का विधानसभा चुनाव उन्होंने जदयू के टिकट पर सिकटी से लड़ा था। इस चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे थे और भाजपा के विजय कुमार मंडल ने उनको हराया था।
शत्रुघ्न प्रसाद सुमन के पिता मुरलीधर मंडल भी विधायक रह चुके हैं। वह फरवरी और अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में सिकटी से विधायक चुने गये थे। उन्होंने 2010 में भी सिकटी से चुनाव लड़ा था, जिसमें वह पांचवें स्थान पर रहे थे।
पूर्व डीएसपी अखिलेश भी मैदान में
अररिया सीट पर पूर्व डीएसपी डॉ. अखिलेश कुमार भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। वह पटना साइंस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने 2020 में अररिया की नरपतगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें वह चौथे स्थान पर रहे थे। उनको मात्र 4,891 वोट मिले थे।
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