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Madhepura Lok Sabha Seat: जदयू के दिनेश चंद्र यादव फिर बनेंगे सांसद या राजद के प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप मारेंगे बाज़ी

राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय शरद यादव और मंडल कमीशन के अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद (बीपी) मंडल जैसे राजनीतिक धुरंधरों ने मधेपुरा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट पर जदयू के दिनेश चंद्र यादव और राजद के प्रत्याशी प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप यादव के बीच मुक़ाबला हो रहा है। मधेपुरा सीट के बारे में कहा जाता है कि सांसद चाहे किसी भी राजनीतिक दल का बने, लेकिन वह होगा यादव जाति से ही।

1967 से लेकर 2019 तक के सभी चुनावों में यहां से हर बार यादव उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की है।

मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय राजनीति के बड़े और कद्दावर नेताओं ने चुनाव लड़ा है।


राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय शरद यादव और मंडल कमीशन के अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद (बीपी) मंडल जैसे राजनीतिक धुरंधरों ने मधेपुरा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है।

किसने कब जीता चुनाव

1967 में मधेपुरा एक अलग लोकसभा सीट बनी थी। 1967 में मधेपुरा सीट पर हुए पहले लोकसभा चुनाव में बीपी मंडल संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से सांसद बने। लेकिन, कुछ दिनों के बाद ही उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया।

उनके इस्तीफे की वजह से 1968 में मधेपुरा सीट पर उपचुनाव हुआ। इस बार बीपी मंडल निर्दलीय ही चुनाव लड़े। उपचुनाव में बीपी मंडल की जीत हुई।

1971 में राजेंद्र प्रसाद यादव, 1977 में बीपी मंडल और 1980 में एक बार फिर राजेन्द्र प्रसाद यादव मधेपुरा सीट से सांसद चुने गये।

1984 में महावीर प्रसाद यादव, 1989 में रमेंद्र कुमार यादव, 1991 और 1996 में शरद यादव, 1998 में लालू प्रसाद यादव और 1999 में एक बार फिर शरद यादव यहां से सांसद बने।

2004 में लालू प्रसाद यादव यहां से सांसद चुने गये। इस चुनाव में लालू यादव छपरा और मधेपुरा दोनों जगह से चुनाव लड़े थे और दोनों जगह उनकी जीत हुई थी। उन्होंने मधेपुरा सीट छोड़ दी थी, जिस वजह से उपचुनाव कराना पड़ा। उपचुनाव में पप्पू यादव सांसद चुने गये।

2009 में शरद यादव, 2014 में पप्पू यादव और 2019 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने।

मधेपुरा लोकसभा सीट

मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं – मधेपुरा, सोनवर्षा, आलमनगर, सहरसा, बिहारीगंज और महिषी। सहरसा, सोनवर्षा और महिषी विधानसभा क्षेत्र सहरसा जिले के अंतर्गत आते हैं।

मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में साढ़े 20 लाख से ज़्यादा मतदाता हैं।

01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या
No. Assembly Name Male Female Third Gender Total Voters
70 Alamnagar 195198 177386 7 372591
71 Bihariganj 172683 160167 12 332862
77 Mahishi 157243 149376 5 306624
73 Madhepura 182255 169289 17 351561
75 Saharsa 195635 180129 8 375772
74 Sonbarsha (SC) 164828 153595 4 318427
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 2057837

मधेपुरा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों की बात करें तो पांच पर एनडीए गठबंधन और एक पर इंडिया गठबंधन क़ाबिज़ है।

सोनवर्षा विधानसभा सीट से जदयू के रत्नेश सदा, आलमनगर से जदयू के नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज से जदयू के निरंजन कुमार मेहता, महिषी से जदयू के गुंजेश्वर शाह, सहरसा से भाजपा के आलोक रंजन और मधेपुरा से राजद के चंद्रशेखर वर्तमान में विधायक हैं।

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2020 विधानसभा चुनाव

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को सबसे अधिक वोट प्राप्त हुए थे, वहीं महागठबंधन दूसरे और लोक जनशक्ति पार्टी तीसरे नंबर पर थे।

2020 में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को 4,86,650, महागठबंधन को 4,20,530 और लोक जनशक्ति पार्टी को 60,083 वोट हासिल हुए थे।

Constituency RJD+ JDU+ LJP
Alamnagar 73837 102517 9287
Bihariganj 62820 81531 8764
Madhepura 81116 65070 6356
Sonbarsha 54212 67678 13566
Saharsa 83859 103538
Mahishi 64686 66316 22110
Total 420530 486650 60083

जदयू प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव

72 साल के दिनेश चंद्र यादव के ख़िलाफ़ कोई भी मुक़दमा दर्ज नहीं है। उन्होंने सहरसा के गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।

दिनेश चंद्र यादव ढाई करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के मालिक हैं। उनकी पत्नी के नाम पर लगभग 51 लाख रुपये की चल संपत्ति और 21 लाख की अचल संपत्ति है।

चार बार रह चुके हैं सांसद

दिनेश चंद्र यादव अब तक चार बार सांसद रह चुके हैं। वह पहली बार 1996 में सहरसा लोकसभा सीट से सांसद चुने गये थे। उन्होंने 1998 में भी सहरसा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन, उनको हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के अनूप लाल यादव ने उन्हें मात दी थी।

1999 में सहरसा सीट पर जदयू के दिनेश चंद्र यादव राजद के सूर्य नारायण यादव को शिकस्त देकर सांसद बने।

2004 के लोकसभा चुनाव में सहरसा सीट पर दिनेश चंद्र यादव को पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन से हार मिली।

2009 में दिनेश चंद्र यादव खगड़िया लोकसभा सीट से सांसद चुने गये। उन्होंने जदयू के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव भी खगड़िया से लड़ा था, लेकिन, चुनाव में वह न सिर्फ हारे, बल्कि तीसरे स्थान पर रहे थे।

बिहार सरकार में रहे उद्योग मंत्री

दिनेश चंद्र यादव पहली बार 1990 में जनता दल के टिकट पर सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे।

फरवरी और अक्टूबर 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह जदयू के टिकट पर सिमरी बख़्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये। जीत के बाद वह बिहार सरकार में उद्योग मंत्री भी बनाये गये।

राजद के प्रत्याशी प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप

राजद के प्रत्याशी 57 वर्षीय कुमार चंद्रदीप पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस में अंग्रेज़ी विभाग के प्रोफेसर हैं। वह राजद के प्रदेश महासचिव हैं। यह उनका पहला चुनाव है। उनके ख़िलाफ़ मधेपुरा के पुरैनी थाने में एक मुक़दमा दर्ज है।

कुमार चंद्रदीप एक करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 6 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के मालिक हैं। वहीं, उनकी पत्नी के पास 28 लाख रुपये की चल संपत्ति और तकरीबन 84 लाख रुपये की अचल संपत्ति है।

पिता रह चुके हैं सांसद

कुमार चंद्रदीप के पिता डॉ. रमेंद्र कुमार यादव ‘रवि’ 1989 में मधेपुरा से जनता दल के टिकट पर सांसद बने थे। उन्होंने 1980 में भी मधेपुरा से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी। वह मधेपुरा के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी के फाउंडर वाइस चांसलर थे।

डॉ. रमेंद्र कुमार यादव 1992-1998 और 1998-2004 तक लगातार दो टर्म राज्यसभा सांसद रहे। 1981-89 तक वह मधेपुरा की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से एमएलए भी रहे।

लोकसभा चुनाव-2019

2019 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने राजद के शरद यादव को बड़ी आसानी से हराया था। चुनाव में दिनेश चंद्र यादव ने शरद यादव को 3,01,527 वोटों के बहुत बड़े अंतर से हराया था। दिनेश चंद्र यादव को 6,24,334 और शरद यादव को 3,22,807 मत प्राप्त हुए थे।

2019 में मधेपुरा सीट से खुद की जन अधिकार पार्टी से चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को मात्र 97,631 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। पप्पू यादव इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पूर्णिया सीट से अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं।

विधानसभावार मिले वोटों की संख्या

2019 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा सीट पर विधानसभावार मिले वोटों की बात करें तो सभी छः विधानसभा में जदयू आगे था। वहीं, राजद दूसरे नंबर पर था।

आलमनगर में जदयू को 1,32,150 और राजद को 46,030 वोट हासिल हुए। बिहारीगंज में जदयू उम्मीदवार को 1,04,775, राजद उम्मीदवार को 48,411, मधेपुरा में जदयू को 86,481 और राजद को 66,567 वोट मिले।

इसी तरह, जदयू सोनवर्षा से 99,813 वोट और राजद 45,349 वोट लाने में सफल रही। सहरसा में जदयू को 1,18,820 वोट, राजद को 67,431 वोट तथा महिषी में जदयू को 81,421 और राजद को 48,622 वोट मिले थे।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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