Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

एक अदद पुलिया के लिए तरस रहा कटिहार का यह गांव

कटिहार जिले के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिजौल गांव है। गांव के बीच से होकर नदी की एक पतली सी धारा बहती है जो बरसात के दिनों में रौद्र रूप धारण कर लेती है।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
Published On :

इन टेढ़े-मेढ़े और स्पीड ब्रेकर से भरे हुए रास्ते से होकर हम एक गांव में पहुंच रहे हैं, जो एक छोटी सी पुलिया के लिए तरस रहा है। यह कटिहार जिले के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिजौल गांव है। गांव के बीच से होकर नदी की एक पतली सी धारा बहती है जो बरसात के दिनों में रौद्र रूप धारण कर लेती है। धारा के ऊपर बांस से बना एक पुराना चचरी पुल है जिससे होकर एक बूढ़ी अम्मा दूध लेने जा रही हैं, लेकिन पुल जर्जर होने की वजह से वह बैठ कर पार कर रही हैं और यह उनका रोज का काम है। गांव के सैकड़ों लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चचरी पुल ही इकलौता जरिया है।


सौ से अधिक बच्चे रोजाना चचरी पुल से होकर जाते हैं स्कूल

रहनुमा किशमती और अलीशा कक्षा सात में पढ़ने वाली छात्रा हैं, जो रोज़ इसी पुल से होकर पड़ोस के गांव में पढ़ने जाती हैं। तीनों ने बताया कि उनके गांव के लगभग सौ से अधिक बच्चे इसी चचरी पुल से होकर स्कूल जाते हैं। कई बार तो बच्चे गिर भी जाते हैं। बरसात के दिनों में ज्यादा डर लगता है।

Also Read Story

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

सेना भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद ‘बेरोज़गार’ युवाओं का दर्द

किशनगंजः “दहेज में फ्रिज और गाड़ी नहीं देने पर कर दी बेटी की हत्या”- परिजनों का आरोप 

सहरसा में गंगा-जमुनी तहजीब का अनोखा संगम, पोखर के एक किनारे पर ईदगाह तो दूसरे किनारे पर होती है छठ पूजा

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

किशनगंजः नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश, आरोपी की सामूहिक पिटाई

मंत्री के पैर पर गिर गया सरपंच – “मुजाहिद को टिकट दो, नहीं तो AIMIM किशनगंज लोकसभा जीत जायेगी’

अररियाः पुल व पक्की सड़क न होने से पेरवाखोरी के लोग नर्क जैसा जीवन जीने को मजबूर

आनंद मोहन जब जेल में रहे, शुरू से हम लोगों को खराब लगता था: सहरसा में नीतीश कुमार

गांव के मोहम्मद रजिउद्दीन बताते हैं कि इस गांव में लगभग 3000 लोग रहते हैं जो इसी पुल पर निर्भर हैं। दूसरा कोई रास्ता नहीं है। कई बार सरकार की तरफ से लोग देखने के लिए आए लेकिन कुछ नहीं हुआ। हम लोग बहुत परेशानी में जिंदगी काट रहे हैं


बिजौल गांव के ही मोहम्मद सोहराब हटिया से घरेलू सामान लेकर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चचरी पुल पूरे गांव के लोग इस्तेमाल करते हैं। इसको गांव वालों ने आपस में चंदा कर बनाया है।

शाहिदा खातून इसी गांव की महिला हैं जो खेत से घर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि हमारे खेत में धान पक चुका है, जिसको घर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। धान की गठरी सिर पर रखकर चचरी पुल पार करना होता है, जो काफी मुश्किल है। पुल कमजोर हो गया है।

ग्रामीण खलील बताते हैं कि बाढ़ के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती है। बच्चे कई बार चचरी पुल से नीचे गिर गए हैं और गांव वालों को मोटरसाइकिल पुल के उस पार ही पहचान वालों के घर पर रखना होता है।

चचरी पुल गांव की लाइफलाइन

बिजौल गांव के ही दिलकश रेजा ने मैं मीडिया को बताया कि यह पुल इस गांव की लाइफलाइन है, लेकिन दशकों से नेताओं के आश्वासनों के बावजूद यह नहीं बन पाया है। गांव में कोई मर जाए तो मय्यत को पुल के ऊपर से ले जाना काफी चुनौती भरा होता है। हम लोग सुने हैं कि कटिहार सांसद निधि के पांच करोड़ रुपए वापस हो गए हैं। यहां लोग एक छोटे से पुल के लिए तरस रहे हैं और कटिहार से फंड वापस जा रहा है।

इस मामले में जब हमने स्थानीय विधायक महबूब आलम से बात की, तो उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास कार्य लगातार करवाए जा रहे हैं। बारी बारी से हर समस्या का निदान किया जा रहा है। पुल भी बन जाएगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

Related News

Bihar Train Accident: स्पेशल ट्रेन से कटिहार पहुंचे बक्सर ट्रेन दुर्घटना के शिकार यात्री

सहरसा: भूख हड़ताल पर क्यों बैठा है एक मिस्त्री का परिवार?

बिहार के स्कूल में जादू टोना, टोटका का आरोप

किशनगंज: ”कब सड़क बनाओगे, आदमी मर जाएगा तब?” – सड़क न होने से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर बिहार ने देश को सही दिशा दिखायी है: तेजस्वी यादव

अररिया: नहर पर नहीं बना पुल, गिरने से हो रही दुर्घटना

बंगाल के ई-रिक्शा पर प्रतिबंध, किशनगंज में जवाबी कार्रवाई?

One thought on “एक अदद पुलिया के लिए तरस रहा कटिहार का यह गांव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट