इन टेढ़े-मेढ़े और स्पीड ब्रेकर से भरे हुए रास्ते से होकर हम एक गांव में पहुंच रहे हैं, जो एक छोटी सी पुलिया के लिए तरस रहा है। यह कटिहार जिले के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिजौल गांव है। गांव के बीच से होकर नदी की एक पतली सी धारा बहती है जो बरसात के दिनों में रौद्र रूप धारण कर लेती है। धारा के ऊपर बांस से बना एक पुराना चचरी पुल है जिससे होकर एक बूढ़ी अम्मा दूध लेने जा रही हैं, लेकिन पुल जर्जर होने की वजह से वह बैठ कर पार कर रही हैं और यह उनका रोज का काम है। गांव के सैकड़ों लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चचरी पुल ही इकलौता जरिया है।
सौ से अधिक बच्चे रोजाना चचरी पुल से होकर जाते हैं स्कूल
रहनुमा किशमती और अलीशा कक्षा सात में पढ़ने वाली छात्रा हैं, जो रोज़ इसी पुल से होकर पड़ोस के गांव में पढ़ने जाती हैं। तीनों ने बताया कि उनके गांव के लगभग सौ से अधिक बच्चे इसी चचरी पुल से होकर स्कूल जाते हैं। कई बार तो बच्चे गिर भी जाते हैं। बरसात के दिनों में ज्यादा डर लगता है।
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गांव के मोहम्मद रजिउद्दीन बताते हैं कि इस गांव में लगभग 3000 लोग रहते हैं जो इसी पुल पर निर्भर हैं। दूसरा कोई रास्ता नहीं है। कई बार सरकार की तरफ से लोग देखने के लिए आए लेकिन कुछ नहीं हुआ। हम लोग बहुत परेशानी में जिंदगी काट रहे हैं
बिजौल गांव के ही मोहम्मद सोहराब हटिया से घरेलू सामान लेकर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चचरी पुल पूरे गांव के लोग इस्तेमाल करते हैं। इसको गांव वालों ने आपस में चंदा कर बनाया है।
शाहिदा खातून इसी गांव की महिला हैं जो खेत से घर आ रही हैं। उन्होंने बताया कि हमारे खेत में धान पक चुका है, जिसको घर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। धान की गठरी सिर पर रखकर चचरी पुल पार करना होता है, जो काफी मुश्किल है। पुल कमजोर हो गया है।
ग्रामीण खलील बताते हैं कि बाढ़ के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती है। बच्चे कई बार चचरी पुल से नीचे गिर गए हैं और गांव वालों को मोटरसाइकिल पुल के उस पार ही पहचान वालों के घर पर रखना होता है।
चचरी पुल गांव की लाइफलाइन
बिजौल गांव के ही दिलकश रेजा ने मैं मीडिया को बताया कि यह पुल इस गांव की लाइफलाइन है, लेकिन दशकों से नेताओं के आश्वासनों के बावजूद यह नहीं बन पाया है। गांव में कोई मर जाए तो मय्यत को पुल के ऊपर से ले जाना काफी चुनौती भरा होता है। हम लोग सुने हैं कि कटिहार सांसद निधि के पांच करोड़ रुपए वापस हो गए हैं। यहां लोग एक छोटे से पुल के लिए तरस रहे हैं और कटिहार से फंड वापस जा रहा है।
इस मामले में जब हमने स्थानीय विधायक महबूब आलम से बात की, तो उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास कार्य लगातार करवाए जा रहे हैं। बारी बारी से हर समस्या का निदान किया जा रहा है। पुल भी बन जाएगा।
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mahbub alam jo yaha se lagatar mla aarhe hai oh kya kar rhe hai unko to apne traf se pahal karni chahiye