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कैसा होगा फल्गू नदी का रबड़ डैम? क्या होगा इससे फायदा?

गया में बिहार का पहला रबड़ डैम बनेगा। 22 सितंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस डैम का उद्घाटन किया है। यह डैम गया की ऐतिहासिक फल्गू नदी पर बनने जा रहा है। राज्य में ऐसा पहली बार होगा कि कोई रबड़ डैम बनेगा।

Reported By Sahul Pandey |
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गया में बिहार का पहला रबड़ डैम बनेगा। 22 सितंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस डैम का उद्घाटन किया है। यह डैम गया की ऐतिहासिक फल्गू नदी पर बनने जा रहा है। राज्य में ऐसा पहली बार होगा कि कोई रबड़ डैम बनेगा।

इस डैम को बनाने का उद्देश्य है कि प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास फल्गु में सालोभर कम से कम दो फीट पानी की उपलब्धता सुनिश्चित किया जा सके।

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बता दें कि इस बारे में सीएम नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग को पिछले दिनों ही ​निर्देश दिए थे। आपकों बता दें कि यह जगह पितृपक्ष के लिए खास है, देश और दुनियाभर से लोग यहां स्नान, तर्पण व पिंडदान के लिए पहुंचते हैं।


कैसा होगा बिहार का पहला रबड़ डैम

जल संसाधन विभाग की माने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा निर्देश पर इस डैम को बनाने का पूरा प्लान तैयार किया गया हे। सीएम नीतीश के निर्देश पर 405 मीटर लंबा और तीन मीटर ऊंचा रबड़ डैम बनाया जाएगा। यह डैम आकर्षण का भी केन्द्र बनेगा।

इसपर 405 मीटर लंबा पैदल पथ भी होगा, जिसपर आम लोग चहलकदमी कर सकेंगे। गर्मी के मौसम में यह नदी लगभग नाले का रूप ले लेती है, ऐसे में इस डैम के बनने से फल्गु नदी के पानी का 100 फीसदी उपयोग हो सकेगा।

गया के फल्गु नदी के किनारे पिंडदान का धार्मिक महत्व है। इस नदी कि भौगोलिक संरचना ऐसी है कि इसमें पानी का ठहराव नहीं होता। यह नदी ऐसी है जहां बालू रेत के करीब 25 फुट नीचे पानी का बहाव है।

ग्राउंड वाटर लेवल होगा मेंटेन

बारिश के मौसम में फाल्गू नदी में भरपूर पानी होता है। डैम बनाने से यह होगा कि इस पानी को संरक्षित किया जा सकेगा। इस संरक्षित पानी का उपयोग पेयजल और सिंचाई के काम में हो सकेगा। जिससे ग्राउंड वाटर लेवल भी मेंटेंन रहेगा।

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी ट्वीट कर जानकारी दी है कि गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास फल्गू में सालोभर न्यूनतम दो फीट पानी रहे, इसके लिए यह डैम बनाया जा रहा हैं

क्या होता है रबड़ डैम?

रबड़ डैम एक खास तरह का डैम होता है। इस डैम की खासियत ये होती है कि इसे एक खास किस्म की प्लास्टिक के गुब्बारे से तैयार किया जाएगा और ये लगभग गुब्बारे की तरह होता है। इस गुब्बारे को समय पर फुलाया व पिचकाया जा सकता है।

साथ ही रबड का होने के बावजूद भी इसमें छेद नहीं किया जा सकता। इस डैम के बनने से नदी के प्रवाह को रोकने के लिए गुब्बारे में पानी भरा जाता है और नदी का पानी रूक जाएगा। बता दें कि देश में इससे पहले गोमती नदी और ताजमहल के पास यमुना नदी पर रबड़ डैम बनाया जा चुका है।



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