बिहार की किशनगंज लोकसभा सीट से जदयू के टिकट पर एनडीए के प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने सांसद मोहम्मद जावेद और एमआईएम नेता अख्तरुल ईमान पर जम कर हमले किये। ‘मैं मीडिया’ एक साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि किशनगंज में जनता के लिए काम करने में उनका कोई मुकाबला नहीं है।
किशनगंज एमएमयू सेंटर, सीमांचल में घुसपैठ और एनडीए में मुसलमानों की भागेदारी जैसे कई मुद्दों पर उन्होंने अपनी बात रखी।
सियासत में कब आए?
कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से 2014 से 2020 तक मुजाहिद आलम दो बार विधायक रहे। 2020 के विधानसभा चुनाव में वह AIMIM के प्रत्याशी इज़हार अस्फी से हार गए थे।
2010 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और फूल टाइम राजनेता बन गये। 2010 विधानसभा चुनाव में उस समय राजद प्रत्याशी रहे अख्तरुल ईमान से हार गए थे।
एनडीए में मुस्लिम चेहरा
प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम चेहरा क्यों नहीं है, इस प्रश्न पर मुजाहिद आलम ने कहा कि मुस्लिम नेताओं को जनता का भरोसा जीतना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने कई मुस्लिम नेता उतारे लेकिन उसका नतीजा कोई बहुत अच्छा नहीं हो सका। अधिकतर मुस्लिम नेता जीत नहीं पाए, यह भी एक वजह हो सकती है कि एनडीए में मुस्लिम नेताओं को टिकट कम मिलता है।
कांग्रेस सांसद डॉ. जावेद और AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल ईमान को हराने के लिए मुजाहिद आलम के लिए कई समीकरणों का फिट बैठना जरूरी होगा। इसपर उन्होंने कहा कि वह जनता के बीच में रहते हैं और उन्हें जनता का पूर्ण समर्थन हासिल है।
“मैं नहीं समझता कि यह मुश्किल होगा। साढ़े तीन साल से मैं किसी पद पर नहीं हूँ लेकिन मैंने जनता की सेवा की है। मुझे समाज के हर वर्ग से समर्थन और दुआ मिल रही है,” मुजाहिद आलम बोले।
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एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर किशनगंज के मुसलमानों का डर दूर करना क्या चुनौती होगी? इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह मोहब्बत से हर डर को दूर कर देंगे। नफरत का जवाब प्यार से देंगे।
मुद्दों पर सवाल
किशनगंज के एएमयू सेंटर के मुद्दे पर पूर्व कोचाधामन विधायक ने कहा कि वह चुनाव जीते तो यह उनका पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन काल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीन मुहैया करा दी इसके बावजूद केंद्र से कोई फंड नहीं मिल सका।
एएमयू सेंटर बनने में भाजपा आरएसएस से जुड़े लोगों द्वारा अड़चन पैदा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं हैं अगर कोई अड़चन आई तो उसको हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एएमयू बनने से सिर्फ मुसलमान का फायदा नहीं है, इसमें सभी धर्म और वर्ग के लोग पढ़ेंगे।
सीमांचल में बाढ़ की समस्या पर उन्होंने कहा कि सीमांचल की नदियों के दोनों किनारों पर तटबंध बनना है इसके लिए पहले चरण का काम हो गया है, दूसरे चरण का काम चल रहा है, टेंडर हो चुका है। एक तकनीकी समस्या है की कुछ गांव बांध के अंदर में पड़ते हैं इस समस्या को दूर कर इस काम को पूरा किया जाएगा।
सीमांचल में घुसपैठ है?
सीमांचल में घुसपैठ के आरोपों को उन्होंने सिरे से नकार दिया और कहा कि सीमांचल में एक भी घुसपैठ नहीं है। आंकड़ों के अनुसार सीमांचल में न कोई शरणार्थी है न कोई घुसपैठिया है।
सीएए कानून पर मुजाहिद आलम ने कहा कि इससे भारत के मुसलामानों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। यह कानून नागरिकता देने के लिए है, लेने के लिए नहीं। उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुदीन ओवैसी पर कहा कि उन्होंने बिल फाड़ दिया तो मुसलमान भाई खुश हो गए और सब समझे सीएए कानून खत्म हो गया। उन्होंने दावा किया कि सीएए कानून से देश के मुसलामानों को कोई खतरा नहीं है।
किशनगंज से जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम ने आगे कहा कि किशनगंज की जनता को कुछ नेताओं ने कांग्रेस, जदयू, बीजेपी, हिन्दू मुसलमान में फंसा कर रखा हुआ है। अगर वह चुनाव जीत कर संसद पहुंचे तो किशनगंज जिले को विकास के नए शिखर पर लेकर जाएंगे।
“अगर मौका दिया लोगों ने तो मैं किशनगंज को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाऊंगा। मैं एक एकलौता प्रत्याशी हूँ जिसे हिन्दू, मुसलमान, सुरजापुरी, कुल्हैया, पश्चिमा, शेरशाहबादी और सबका समर्थन मिलेगा। मेरी प्रमुखता विकास और जनता की सेवा है। यहां बड़ी बड़ी इंडस्ट्री लगवाना है, अब छोटे छोटे उद्योग यहां बन रहे हैं,” मुजाहिद आलम बोले।
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