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सड़क, शिक्षा में सुधार करना चाहती हैं बहादुरगंज की मुख्य पार्षद साहेरा तहसीन

मैं मीडिया के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘चाय बिस्कुट’ में इस बार बहादुरगंज नगर पंचायत की मुख्य पार्षद साहेरा तहसीन और उनके प्रतिनिधि वासिकुर रहमान मेहमान थे।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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मैं मीडिया के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘चाय बिस्कुट’ में इस बार बहादुरगंज नगर पंचायत की मुख्य पार्षद साहेरा तहसीन और उनके प्रतिनिधि वासिकुर रहमान मेहमान थे।

साहेरा तहसीन ने इस खास बातचीत में बहादुरगंज नगर पंचायत को वास्तविक तौर पर नगर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ, शिक्षा और संचार के विकास कार्य में तेज़ी लाने की वादे पर उन्होंने वोट माँगा था और अब जीतने के बाद वह अपने वादों को पूरा करने के उद्देश्य से काम करना चाहती हैं।

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साहेरा तहसीन अपने प्रतिनिधि वासिकुर रहमान के भांजे की पत्नी हैं। वासिकुर रहमान ने बताया कि वह एएमयू आंदोलन के शुरुआती दिनों से आंदोलन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को सीमांचल के नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का जरिया बना लिया है लेकिन कोई इसके लिए ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है।


आपको बता दें कि किशनगंज के एएमयू केंद्र में अभी भी एमबीए का एक कोर्स चल रहा है। वासिकुर रहमान ने 2014 में मुस्लिम लीग नाम एक पार्टी के टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। उन्होंने कहा कि 2014 में वह कांग्रेस के विरुद्ध लड़ रहे थे, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने एएमयू केंद्र के प्रति जो भी वादे किए थे, उससे मुकर गई थी।

साहेरा तहसीन ने इस बातचीत में बताया कि वह एक गृहिणी के साथ एक विद्यार्थी भी हैं और उनका सपना है कि वह और आगे पढ़कर लेक्चरार बनें। उन्होंने बहादुरगंज पंचायत की सड़कों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की बात कही। “मैं अपने मामा (वासिकुर रेहमान) की वजह से ही राजनीती में आई। जब मैं जनता के बीच गई और उनकी बातें सुनीं तो मुझे पता चला कि यहां तो बहुत बुरा हाल है। पिछले जो काम किए गए वो ठीक से नहीं किए गए। चाहे नल जल योजना हो या और कोई योजना, यहाँ बहुत सुधार की ज़रूरत है,” उन्होंने कहा।

वह आगे कहती हैं, “सबसे ज़्यादा तो सड़क की हालत बहुत खराब है। सड़क और शिक्षा ज़िन्दगी के बहुत अहम हिस्से हैं अगर इसमें सुधार न हो तो बहुत दिक्कतें होंगी। इसी कारण मैंने चुनाव में लड़ने का फैसला किया और मुझे मामा का बहुत समर्थन मिला।”

वासिकुर रहमान ने कहा कि बहादुरगंज में उनका एक दफ्तर है जहां जनता की आवाज़ सुनी जाती है। उन्होंने यह आगे कहा कि इसके अलावा नगर पंचायत के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एक वाट्सएप ग्रुप भी है। बहादुरगंज नगर पंचायत में कहीं भी अगर गंदगी मिलती है तो लोग उसकी तस्वीर खींच कर ग्रुप में भेज सकते हैं, तुरंत वहां से गंदगी साफ़ कराई जाएगी।

मुख्य पार्षद साहेरा तहसीन ने कहा कि बहादुरगंज निवासियों को अपनी समस्याओं को खुलकर बताना होगा, ताकि उन्हें हल किया जा सके। किसी तरह का मनमुटाव हो, तो उसको भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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