भारतीय संविधान का अनुच्छेद 341 (Article 341) राष्ट्रपति को किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर विशिष्ट जातियों और वर्गों को अनुसूचित जाति के रूप में नामित करने का अधिकार देता है। हालाँकि, यह स्पष्ट रूप से निर्धारित करता है कि हिंदू, सिख या बौद्ध के अलावा किसी अन्य धर्म को मानने वाले व्यक्तियों को अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जाएगा।
यही वजह है कि मुसलमानों की दलित जातियों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है। पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. एजाज़ अली करीब तीन दशकों ये ‘दलित मुस्लिम’ के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका मानना है, “मुसलमानों में दलित की तकरीबन वो सभी जातियां हैं, जो हिन्दुओं में हैं।”
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पेशे से सर्जन डॉ. एजाज़ अली आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के संस्थापक हैं और 2008 से 2010 के बीच जदयू कोटे से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। हमने उनके पटना स्थित आवास पर एक इंटरव्यू किया, जिसमें दलित मुस्लिम, अनुच्छेद 341, नीतीश कुमार, लालू यादव, बिहार जातीय गणना और पूर्व सांसद व पसमांदा मुस्लिम महाज़ के संस्थापक अली अनवर से उनके मतभेद समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की गई। देखिए इंटरव्यू…
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