किशनगंज के नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान ने मैं मीडिया के ख़ास कार्यक्रम ‘चाय बिस्कुट’ में खुलकर अपनी बातें रखीं। इंद्रदेव पासवान 22 दिसंबर को नगर परिषद चुनाव के परिणाम में 10603 वोटों के साथ मुख्य पार्षद चुने गए थे। उन्होंने एक बेहद नजदीकी मुकाबले में छोटे लाल ऋषि को 37 वोटों से हराया था। 13 जनवरी को उन्होंने मुख्य पार्षद की शपथ ली।
इंद्रदेव पासवान ने शपथ ग्रहण समारोह में कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा सौजन्यता का पालन न करने की नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में पार्षद, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को चाय पानी तक नहीं पूछा गया जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। इसके अलावा उन्होंने नगर परिषद कार्यालय में उनके कक्ष में कार्य करने की कोई भी सुविधा न होने की भी शिकायत की।
“नगर परिषद में आये तमाम पार्षदों को एक ग्लास पानी और चाय पूछना चाहिए था, यह भारतीय सभ्यता का हिस्सा है। शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को अपने कक्ष में बैठकर काम शुरू करना चाहिए था लेकिन वहाँ ऐसी कोई व्यवस्था किसी भी कक्ष में नहीं थी, इसकी नाराज़गी है। यह रवैया अफसरशाही का द्योतक है,” वहकहते हैं।
पिछले सप्ताह मैं मीडिया के चाय बस्कुट शो में आए युवा नेता इम्तियाज़ नसर ने इंद्रदेव पासवान की जीत को घोटाला और बेईमानी बताया था। इसके जवाब में मुख्य पार्षद ने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं।
“मैं (वोट की) गिनती में तब तक नहीं गया जब तक गिनती मुकम्मल नहीं हो गई। जब चुनाव जीतने की बात आई, तब मैं वहाँ सर्टिफिकेट लेने गया। कोई केंडिडेट आज तक ये बात खुलकर नहीं बोला। जो लोग बोल रहे हैं, वे प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधि का पंचयती राज्य अधिनियम में कोई गुंजाइश नहीं है,” इंद्रदेव कहते हैं।
उन्होंने विपक्ष द्वारा उनकी गाड़ी को घेर कर नारेबाजी और हमला का प्रयास करने का आरोप लगाया और इसे किशनगंज के गंगा-जमुना तहज़ीब पर दाग़ बताया। उन्होंने खुद को अम्बेडकरवादी बताते हुए कहा कि वह शुरू से समाज को जोड़ने के लिए काम करते आए हैं और वह वार्ड पार्षद होने के नाते ग़रीबों की समस्याओं को खत्म करने का काम करते रहे हैं।
इंद्रदेव पासवान ने 1990 में बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता मान्यवर कांशीराम से बहुजन राजनीतिक की ट्रेनिंग ली थी। तब से वह सियासत से जुड़े रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता से उन्हें यह विचारधारा मिली है। इंद्रदेव ने आगे बताया कि उनके पिता समाज सेवी थे और साइकिल से गांव गांव जाकर लोगों की सेवा किया करते थे।
किशनगंज नगर परिषद मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान के अनुसार उन्होंने 2003 में किशनगंज से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ा था। खुद को लोक जनशक्ति पार्टी के ‘फॉउन्डिंग मेंबर’ बताते हुए उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान द्वारा चुनाव में टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ा था।
इंद्रदेव पासवान ने आरटीपीएस कानून लाने की बात कही। “22-24 सालों से आरटीपीएस कानून लागू नहीं हो सका है। मैं इसे लागू करूँगा। इसके तहत जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र वग़ैरह के लिए लोगों को अब बार बार दफ्तर नहीं दौड़ना होगा। आप जिस दिन आवेदन जमा करेंगे उस दिन आपको पर्ची मिल जाएगी जिसमें लिखा होगा कि 21 दिन में आपका काम हो जाएगा। मैं नगर परिषद में यह राइट टू पब्लिक सर्विस कानून लाऊंगा, ताकि लोगों को सहूलियत हो सके।”
वह शहर के ट्रैफिक को सबसे बड़ी समस्याओं में से एक मानते हैं। इस विषय पर उन्होंने कहा, “शहर में जो नालियां बनी हैं, उसका कोई मास्टर प्लान अब तक नहीं बना। इसका एक ब्लू प्रिंट बनना चाहिए। थोड़ी सी बारिश से जल जमाव हो जाता है। बारिश में रमजान नदी का पानी रिवर्स होकर शहर में आ जाता है। रमजान नदी का सुंदरीकरण करना है। अगर सरकार से फण्ड मिलता है, तो बेहतर काम करेंगे, नहीं तो नगर परिषद् का जो छोटा सा संसाधन है, उसके जरिए रमजान की सफाई कर उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा शहर को क्लीन और ग्रीन करेंगे।”
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इसके साथ साथ मुख्य पार्षद ने शहर वासियों से ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने की अपील की ताकि शहर की हवा को स्वच्छ किया जा सके। उन्होंने शहर को ट्रेफिक जाम से मुक्त कराने की बात भी कह। उन्होंने कहा, “यह बहुत कठिन काम भी नहीं है, इसके लिए बस इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर, डे मार्किट एक्सिस बैंक एटीएम के पास बिजली का खम्भा और एक पीपल का पेड़ सड़क को घेड़े खड़ा है। अगर हम उस पेड़ और खम्भे को वहां से हटा दें, तो जाम की समस्या बहुत कम हो जाएगी। इसी तरह छोटे छोटे काम कर इस बड़ी समस्या को खत्म किया जा सकता है।”
अपने राजनैतिक सफर को आगे बढ़ाने के प्लान के बारे में पूछने पर वर्तमान मुख्य पार्षद ने कहा कि वह फिलहाल नगर परिषद के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर जनता चाहेगी तो वह आगे विधानसभा या और चुनावों में लड़ने का सोचेंगे।
वार्ड 19 से पार्षद रहे इंद्रदेव पासवान ने दावा किया कि उनका किसी भी पूंजीपति से कोई रिश्ता नाता नहीं रहा है और चुनाव में लोगों ने उनका चुनाव उनके काम को देख कर किया है। “बहुत लोग इस मिशन में लगे थे कि इंद्रदेव पासवान को चेयरमैन बनने नहीं देना है क्योंकि यह बनेगा तो सिस्टम बदलेगा। मेरे खिलाफ विपक्ष वालों ने खूब ज़ोर लगाया कि मैं न जीत सकूँ। कोई माई का लाल नहीं जो यह साबित कर सके कि इंद्रदेव पासवान का कोई पूंजीपति मित्र रहा हो। जब तक मैं इस कुर्सी पर हूँ निष्ठा से काम करूँगा जिस दिन मेरी निष्ठा पर खोठ आएगी तो मैं इस कुर्सी पर रहना पसंद नहीं करूँगा। मैं अम्बेडकरवादी हूँ अपनी विचारधारा में बहता हूँ,” इंद्रदेव ने कहा।
खुद को वैचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल का समर्थक बताने वाले इंद्रदेव पासवान ने नगर निकाय चुनाव में किसी और नेता या पार्टी की भूमिका होने से इंकार किया। सवाल पूछे जाने पर उन्होंने बिहार सरकार द्वारा जाति जनगणना को सही बताया। हमने उनसे शहर में सफाई कर्मचारियों के हाथों से नाला साफ़ कराने की परंपरा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हाथ से मल मूत्र साफ़ करवाना अपराध है। ऐसी कोई घटना उनके संज्ञान में आई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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