पिछले दिनों किशनगंज की ठाकुरगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद सिकंदर पटेल ‘मैं मीडिया’ के खास टॉक शो “चाय बिस्कुट’ में मौजूद थे। शो में उन्होंने अपनी छात्र राजनीति से लेकर ठाकुरगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद बनने तक के सफर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि सिकंदर सिंह के विधायक बनने के समय वह भाजपा से जुड़े थे। साल 2005 में उन्होंने बसपा के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 100 से भी काम वोटों से हार मिली थी।
2002 में पहली बार वार्ड पार्षद बनने वाले सिकंदर तब से ही मुख्य पार्षद बनने का प्रयास कर रहे थे। साल 2012 में, उस समय मुख्य पार्षद रहे नवीन यादव को अपने वार्ड से हराने के बावजूद उनका मुख्य पार्षद बनने का सपना पूरा न हुआ। 2017 में सिकंदर पटेल की पत्नी वार्ड 1 से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन जीत अब भी नसीब न हो सकी। सिकंदर पटेल कहते हैं, “2017 में हमने परिवर्तन मंच नाम से एक संगठन बनाया जिसमें 12 वार्डों में मैं नुक्कड़ सभा और माइक से प्रचार करता था। मैं लीडर था मुझे टीम को जीताना था। दुर्भाग्य से मेरी पत्नी हार गईं थी लेकिन 12 में से 10 वार्ड में हमारी टीम को जीत मिली थी। उस समय हमने देवकी जी को मुख्य पार्षद बनाया था।”
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“इस बार के चुनाव में 3 मुख्य प्रत्याशी थे, मैं, बेबी देवी जी और प्रमोद जी। बहुत अच्छी बात है कि ठाकुरगंज की जनता ने इस बार मुझपर भरोसा दिखाया है। मुझे ठाकुरगंज से ही पहचान मिली है। जिस समाज ने मुझे यह पहचान दी है उस समाज के प्रति मेरा भी कुछ कर्तव्य बनता है। मेरे जीवन का जो सर्वश्रेष्ठ मेरे भीतर बचा है, इन पांच सालों में ठाकुरगंज को देना है,” उन्होंने कहा।
सिकंदर पटेल स्वच्छता को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। इसके अलावा उन्होंने ट्रैफिक और पार्किंग के नियमों को और सख्ती से लागू करने की बात कही। बातचीत के दौरान उन्होंने रेल गेट पर जाम लगने और एक्सीडेंट के खतरे पर चिंता जताई और कहा कि इन समस्याओं का निवारण जल्द करना बेहद अहम है।
सिकंदर पटेल ने सिलीगुड़ी मॉडल को ठाकुरगंज में लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “ठाकुरगंज की एक बड़ी आबादी बराबर सिलीगुड़ी जाती है चाहे इलाज के लिए या खरीदारी या किसी और काम से, तो वह वहाँ के ट्रैफिक से लेकर बाकी नियमों का पालन करती है। जब वहां नियम का पालन कर सकते हैं तो हम ठाकुरगंज में भी उस तरह का अनुशासन लाना चाहते हैं।”
सिकंदर पटेल का असली नाम श्रीकृष्ण सिंह है लेकिन वह सिकंदर पटेल के नाम से मशहूर हैं। सिकंदर पटेल 2 बार वार्ड नंबर 2 से वार्ड पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। सिकंदर पटेल ने कहा कि उनके अदृश्य प्रतिद्वंद्वी उन्हें किसी हालत में जीतने नहीं देना चाहते थे।
“कुछ लोग इसी बात से डर जाते हैं कि मैं आगे विधायक का चुनाव लडूंगा लेकिन मुझे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना है। मैं अपने 12 वार्डों के लिए काम करना चाहता हूँ। मुझे पता है मैं कितना बोझ उठा सकता हूँ,” सिकंदर पटेल ने कहा।
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